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सीएसआईआर के नए पैटेंटीकृत क्लॉट बुस्टर, पीईजीवाईलेटेड स्ट्रप्टोकिनसे से स्ट्रोक के उपचार में क्रांति आना तय

देश-विदेश

नई दिल्ली: सीएसआईआर के महानिदेशक एवं डीएसआईआर के सचिव डॉ गिरीश साहनी एवं माइक्रोबायल टेक्नोलॉजी ( सीएसआईआर – आईएमटेक) में अन्वेषणकर्ताओं की टीम द्वारा विकसित एक नए क्लॉट बुस्टर, पीईजीवाईलेटेड स्ट्रप्टोकिनसे-एक अनूठी जैविक इकाई से इस्केमिक स्ट्रोक के उपचार में क्रांति आना तय है। इस्केमिक स्ट्रोक एक ऐसी अवस्था होती है जो मस्तिष्क धमनियों में होने वाले इम्बोली, थ्रोबस या एथरोस्कलेरोसिस के कारण उत्पन्न होती है। भारत में स्ट्रोक की घटना पश्चिमी देशों की तुलना में अधिक होती है और सभी स्ट्रोकों में इस्केमिक स्ट्रोक का प्रतिशत लगभग 87 प्रतिशत है।

सीएसआईआर – आईएमटेक एवं मुंबई की एपाइजेन बायोटेक प्रा. लि. ने इस्केमिक स्ट्रोक के उपचार के लिए पीईजीवाईलेटेड स्ट्रप्टोकिनसे का विकास करनेे के लिए समझौता किया है। एपाइजेन इस्केमिक स्ट्रोक के लिए इस अनूठी जैविक इकाई (एनबीई) थ्रोबोलिटिक प्रोटीन के विशिष्ट लाइसेंस के साथ भारत में पहली कंपनी है।

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