विश्व के नंबर एक खिलाड़ी बने किदाम्बी श्रीकांत शुरुआती बढ़त का फायदा लेने में नाकाम रहे और राष्ट्रमंडल खेलों की बैडमिंटन प्रतियोगिता के पुरुष एकल के फाइनल में रविवार को मलेशियाई दिग्गज ली चोंग वेई से हारने के कारण उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा.
श्रीकांत ने इससे पहले मिश्रित टीम चैंपियनशिप में ली को हराया था लेकिन विश्व का पूर्व नंबर एक खिलाड़ी यहां 19-21, 21-14, 21-14 से जीत दर्ज करके उसका बदला चुकता करने में सफल रहा. ली का यह राष्ट्रमंडल खेलों के एकल में तीसरा स्वर्ण है. उनके नाम पर मिश्रित टीम के दो स्वर्ण पदक भी दर्ज हैं. भारतीय खिलाड़ी से लगभग दस साल बड़े ली ने अपना सर्वश्रेष्ठ आखिर के लिये बचाया था. उन्होंने अपने शानदार रिफलेक्स का बेजोड़ नमूना पेश किया. श्रीकांत ने हालांकि उन्हें आसानी से जीत दर्ज नहीं करने दी.
श्रीकांत ने पहले गेम में 0-4 से पिछड़ने के बाद 10-7 से बढ़त बनाई. भारतीय खिलाड़ी ने ड्राप शाट में बेहतर प्रदर्शन किया और ब्रेक तक 11-9 से बढ़त बनाये रखी. शुरू में ली की चिरपरिचित चपलता भी देखने को नहीं मिली और श्रीकांत यह गेम 25 मिनट में 21-19 से जीतने में सफल रहे. दूसरे गेम में तब नाटकीय मोड़ आया जब लगा कि ली ने एक अंक बनाने के लिए दो बार शटल पर रैकेट मारा है. श्रीकांत के विरोध के बावजूद ली को इसके लिये जुर्माना नहीं लगा और मैच चलता रहा.
इसके बाद ली के खेल में सुधार देखने को मिला और वह ब्रेक तक 11-9 से आगे थे. उन्होंने अपने कई कलात्मक शाट का नजारा पेश किया और दूसरा गेम जीतकर मैच को बराबरी पर ला दिया. निर्णायक गेम में लीग जब 9-5 से आगे थे तब उन्होंने अपना रैकेट बदला. इसके बाद उन्हें अच्छे परिणाम मिले और ब्रेक तक वह 11-5 से आगे हो गये. इसके बाद ली कुछ आत्ममुग्ध हो गये और जब वह 16-8 से आगे थे तब उन्होंने गलत अनुमान लगाकर शटल को छोड़ दिया था. इन गलतियों के बावजूद श्रीकांत इस मलेशियाई को नहीं रोक पाये. ली ने आसानी से यह मैच और स्वर्ण पदक अपने नाम किया.