हाथ में पिस्टल हो और निगाहें बाज जैसी तेज हो तो कामयाबी तो सुनहरी होगी ही. गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स के 25 मीटर एयर पिस्टल ईवेंट में भारतीय निशानेबाज हिना सिद्धू ने भी अपने इसी हुनर के दम पर गोल्डन जीत दर्ज की है. 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की झोली में गिरा ये 11वां गोल्ड मेडल है. कमाल की बात ये है कि हिना सिद्धू ने सिर्फ शूटिंग के 25 मीटर एयर पिस्टल ईवेंट का सोना ही नहीं जीता बल्कि 38 अंक से साथ कॉमनवेल्छ गेम्स का नया रिकॉर्ड भी बना डाला. इस ईवेंट में 35 अंक बटोरकर आस्ट्रेलिया एलीना गैलियावोविक ने सिल्वर मेडल जीता जबकि 26 प्वाइंट के साथ मलेशिया की आलिया सजाना अजाहारी को ब्रॉन्ज मेडल मिला.
साल 1989 में लुधियाना में पैदा हुई हिना सिद्धू के पास यूं तो डेंटल सर्जरी की डिग्री है लेकिन घर पर नेशनल लेवल के निशानेबाज़ पिता के होते हुए शूटिंग का उनका शौक भी नेचुरल था. हालांकि, हिना का मन न्यूरोलॉजिस्ट बनने का था. साल 2006 में हिना मेडिकल में दाखिले के लिए जी तोड़ तैयारी कर रही थीं. घर में चाचा का बंदूकों की मरम्मत का बिज़नेस था तो शौक-शौक में पिस्टल चलाना सीखा. जल्दी ही निशानेबाज़ी का हिना का शौक उनके फ़ुल टाइम मिशन में बदल गया.
बस फिर क्या था, कॉलेज के दिनों से ही मेडल जीतने का सिलसिला शुरू हो गया . जब 19 साल की थी तो उन्होंने अपने निशाने से हंगरियन ओपन जीता और 2009 में बीजिंग में हुए वर्ल्ड कप में सिल्वर मेडल पर कब्जा किया. साल 2013 की वर्ल्ड शूटिंग चैम्पियनशिप में 10 मीटर एयर पिस्टल टूर्नामेंट में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर सोने का तमगा हासिल करने वाली हिना पहली भारतीय महिला बनीं.
निशानेबाज़ रौनक पंडित से हिना ने शूटिंग की कोचिंग ली और बाद में दोनों ने शादी भी कर ली. गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स का रिकॉर्ड तोड़कर हिना ने जो सोने का तमगा हासिल किया है उसमें कोच होने के नाते उनके पति रौनक का भी बड़ा रोल है.