नई दिल्ली: वर्तमान में साइबर सुरक्षा पर कोई संयुक्त कार्यकारी समूह नहीं है और साइबर सुरक्षा पर किसी स्वायत निकाय के गठन का प्रस्ताव भी सरकार के समक्ष नहीं हैं।
साइबर अपराध और हैकिंग की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम निम्न हैं:
- सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धाराएं 43, 43ए, 66, 66बी, 66 सी, 66डी, 66ई, 66एफ, 67, 67ए, 67बी, 70, 72, 72ए और 74 हैकिंग और साइबर अपराधों से संबंधित हैं।
- सरकार ने साइबर सुरक्षा से संबंधित फ्रेमवर्क का अनुमोदन किया है। इसके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
- राष्ट्रीय विशिष्ट अवसंरचना और विशिष्ट क्षेत्रों में साइबर सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी अनुसंधान संगठन को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
- साइबर सुरक्षा के खतरों के विश्लेषण करने अनुमान लगाने और चेतावनी देने के लिए भारत कम्प्यूटर आपात प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) को नोडल एजेंसी बनाया गया।
- गृह मंत्रालय ने राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए परामर्श जारी किए हैं जो गृह मंत्रालय के वेबसाइट (mha.gov.in) पर उपलब्ध हैं।
- महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले साइबर अपराधों के लिए गृह मंत्रालय ‘महिला व बच्चों के खिलाफ होने वाले साइबर अपराधों की रोकथाम’ कार्यक्रम का कार्यान्वयन कर रहा है।
- फोन पर होने वाले धोखाधड़ी से निपटने के लिए गृह मंत्रालय ने अंतर-मंत्रालय समिति का गठन किया है। इसके अलावा गृह मंत्रालय ने 13 जनवरी, 2018 और 12 फरवरी, 2018 को राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।