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क्लोन चेक बनाकर बैंक से धनराशि निकालने वाले गिरोह के 03 सदस्य गिरफ्तार

Czech bank to withdraw money from the clones by 03 members of the gang arrested
उत्तर प्रदेश

लखनऊः दिनांक 12-01-2017 को एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को क्लोन चेक बनाकर अवैध रूप से बैंक खातो से धनराशि निकालने वाले गिरोह के 03 सदस्यों को लखनऊ में गिरफतार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।

गिरफ्तार अभियुक्त का विवरणः-
1. आकाश सिंह पुत्र अमर बहादुर सिंह नि0 रामपुर सकरवारी, थाना-बिवाना, जिला-अम्बेडकरनगर-(मास्टर माइंड)
2. सुधीर कुमार पुत्र श्यामबहादुर नि0 मन्सापुर, थाना-बिवाना, जिला-अम्बेडकरनगर।
3. कुश द्धिवेदी पुत्र रामकुमार द्विवेदी निवासी-ग्राम असेना थाना रामसनेही घाट जनपद फैजाबाद

बरामदगी का विवरणः-
1. एक अदद बजाज पल्सर मोटरसाईकिल नं0-यूपी-32जीई-1039
2. 03 अदद डेबिट कार्ड से खरीदी गयी मुफ्ती कम्पनी की जैकेट
3. 02 अदद ब्राण्डेड कम्पनी के पैैंट-शर्ट
4. 03 अदद मोबाईल फोन
5. रू0 2000/- नगद

एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को विभिन्न स्रोतों से सूचना प्राप्त हो रही थी कि लखनऊ व आसपास के जनपदों में विभिन्न बैंकों के चैको को क्लोन करके बैंकों से धन निकालने वाला गिरोह सक्रिय है। इसी परिप्रेक्ष्य में दिनांक 22-11-2016 को श्रीमती अंजली पाण्डेय, शाखा प्रबन्धक, बैंक आॅफ बड़ौदा, विनय खण्ड, गोमतीनगर द्वारा थाना-गोमतीनगर, लखनऊ पर श्री अजीत प्रताप सिंह नि0 विनीतखण्ड, गोमतीनगर के बैंक खाता से अज्ञात अभियुक्तों द्वारा चैक क्लोन कर रू 90000/- की धनराशि की निकासी किये जाने के सम्बन्ध में थाना-गोमतीनगर, लखनऊ पर मु0अ0सं0-1454/16 धारा-420/468/471 भादवि पंजीकृत कराया गया। इस सम्बन्ध में जनपदीय पुलिस अधिकारियों द्वारा एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश से इस घटना के अनावरण में सहयोग हेतु अनुरोध किया गया था, जिसके सम्बन्ध में श्री अमित पाठक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक श्री शहाब रशीद खान के निर्देशन में श्री आलोक सिंह, पुलिस उपाधीक्षक को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया, जिसके अनुपालन में उनके द्वारा अपनी मुख्यालय स्थित टीम के माध्यम से अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ करायी गयी। इस सम्बन्ध में जनपदीय पुलिस से समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक सूचनायें एवं अभिलेख संकलित किये गये। बैंक से प्राप्त विवरण के आधार पर मुफ्ती शोरूम, वेव माॅल व मनोज पाण्डेय चैराहा स्थित पीजा शाॅप व बियर शाॅप आदि से सी0सी0टी0वी0 फुटेज का विश्लेषण करने पर कुछ संदिग्ध व्यक्तियों को चिन्हित किया गया। इसी क्रम में अभिसूचना संकलन के दौरान दिनांकः 12-01-2017 को मुखविर के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि उक्त अभियोग से सम्बन्धित गैंग के कुछ सदस्य विभूतिखण्ड, गोमतीनगर, लखनऊ स्थित वेव माॅल पर एकत्र होंगे। इस सूचना को विकसित करते हुए एस0टी0एफ0 टीम द्वारा उक्त अभियोग के विवेचक को साथ लेकर निश्चित स्थान पर पहुॅचकर घेराबन्दी की गयी तथा दिनंाकः 12-.01-2017 की दोपहर में उपरेाक्त तीनो अभियुक्तों को वेव माॅल के सामने पाॅलिटैक्निक रोड से गिरफतार कर लिया गया, जिनसे उपरेाक्त बरामदगी हुई। उल्लेखनीय है कि सी0सी0टी0वी0 फुटे के विश्लेषण से गिरफ्तार अभियुक्तगण प्रकाश में आये थे।

पूछताछ पर गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि इस घटना का मास्टर माइण्ड आकाश है। उसके द्वारा बैंक के काल सेन्टर से उक्त खाते के बारे में जानकारी प्राप्त कर ली जाती हेै और उन चेको की फोटो प्राप्त कर नया क्लोन चेक बना लेते हैं। क्लोन चेक तैयार करने के लिये कोरल ड्रा (CORAL DRAW) साफ्टवेयर का उपयोग करते हैं और उसके बाद उसी खाताधारक के बैंक एकाउन्ट का स्टेटमेन्ट प्राप्त करने हेतु उनके द्वारा बैंक में खाताधारक के नाम से फर्जी हस्ताक्षर से आवेदन कर खाता की डिटैल प्राप्त कर ली जाती है। इसके बाद उसी बैंेक की किसी भी शाखा में नया खाता खुलवाते है तथा खाताधारक के बैंक एकाउन्ट से सम्बन्धित पास-बुक, चैक-बुक व ए0टी0एम0 कार्ड आदि प्राप्त कर लिये जाते हैं। बैंक से प्राप्त चैक-बुक में खाताधारक के नाम, एकाउन्ट नम्बर व MICR Code केमिकल लगाकर मिटा दिये जाते है। इसके बाद प्रिन्टर की सहायता से उस पर प्रयोग किये गये चैकों के खाताधारक के नाम, एकाउन्ट नम्बर व MICR Code अंकित कर क्लोन चैक तैयार कर लिये जाते हैं तथा उस पर खाताधारक के फर्जी हस्ताक्षर करके किसी भी बैंक में प्रस्तुत करके धनराशि किसी अन्य फर्जी रूप से खोले गये खाता में हस्तांतरित करा दी जाती है। जब उस खाता के बारे में जानकारी की जाती हेै तो धारक पता नही चल पाता है। उसके बाद धनराशि निकालकर आपस में बांट ली जाती है। यह भी बताया कि उनके द्वारा श्री अजीत प्रताप सिंह के बैंक आॅफ बड़ौदा खाता से सम्बन्धित हस्ताक्षरयुक्त चैक की प्रति व्हाट्स एप्प के माध्यम से राहुल नामक व्यक्ति से मंगा ली गयी थी तथा उसको क्लोन करके रमेशपीरजी सोनावड़े के नाम पुनः चैक तैयार कर दिया गया, जिसमें रू 90000/- की धनराशि अंकित कर भुगतान हेतु बैंक में जमा कर दिया गया तथा इस अधार पर श्री अजीत प्रताप सिंह के बैंक खाता से रू0 90,000/- की धनराशि की निकासी होकर रमेशपीरजी सोनावड़े के मुम्बई महाराष्ट्र स्थित उनके बैंक एकाउन्ट में चली गयी, जिसका मैसेज प्राप्त होने पर श्री अजीत प्रताप सिंह को इस धनराशि की निकासी की जानकारी हो गयी और उनके द्वारा इस सम्बन्ध में बैंक प्रबन्धक को सूचित किया गया कि उनके द्वारा इस तरह का कोई चेैक निर्गत नही किया गया है। इससे पहले कि बैंक द्वारा इसका भुगतान रेाका जाता, उक्त अभियुक्तों द्वारा श्री रमेशपीरजी सोनावड़े के बैंक खाता में गयी इस धनराशि से नेट बैंकिग के माध्यम से खरीदारी कर ली गयी तथा खानपान व पैट्रोल आदि लेने पर धनराशि 49,000/- की खर्च कर दी गयी। बैंक द्वारा भुगतान रोके जाने के कारण इनके द्वारा शेष धनराशि की निकासी नही की जा सकी थी। उल्लेखनीय है कि गिरफतार अभियुक्त कुश को एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश की टीम द्वारा इससे पूर्व भी दिनंाकः13-03-2016 को क्लोन चेक प्रकरण में थाना-चिनहट, लखनऊ से जेल भेजा गया था। यह भी ज्ञात हुआ कि इस गिरोह के सदस्यों के विरूद्ध जनपद-संतकबीरनगर के थाना-कोतवली मे भी मु0अ0सं0-1481/16 धारा-419/420/467 भादवि पंजीकृत है, जिसमें इस गिरोह का सदस्य संदीप उर्फ राहुल सिंह संतकबीर जेल में निरूद्ध है तथा आकाश सिंह के विरूद्ध एन0बी0डब्लू0 जारी किया जा चुका था।

गिरफतार अभियुक्तगण को थाना-गोमतीनगर, जनपद-लखनऊ में दाखिल किया गया है। अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।

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