देहरादून: श्रम, सेवायोजन एवं दुग्ध, लघु उद्योग मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल ने विधानसभा स्थित सभागार में डेयरी दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में मंत्री श्री दुर्गापाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दुग्ध उत्पादकों व पशुपालकों के विकास के लिए जो योजनाएं चलायी जा रही है, इन योजनाओं की समस्त जानकारी आम जन तक पहुंचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है, जिससे आम जन इसका सम्पूर्ण लाभ ले सके। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का प्रचार-प्रसार प्रभावी ढंग से करें। समीक्षा बैठक में दुग्ध संघ व समितियों के वार्षिक दुग्ध उत्पादन व मार्केटिंग की समीक्षा करते हुए मंत्री ने अधिकारियों की सुस्त गति पर गहरा असंतोष जताया। उन्होंने जिलावार जानकारी लेते हुए दुग्ध उत्पादन में पिछडे़ रहें जिलों को उत्पादन बढ़ाने को कहा।
अधिकारियों ने बैठक में जानकारी दी कि किसानों और दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध उत्पादन व गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग सेंटर चलाये जा रहे है। जिसमें समिति के द्वारा नियुक्त लोकल रिर्सास पर्सन द्वारा दुधारू पशुओं का वजन, आयु, खिलाये जा रहे चारे का प्रकार व गुणवत्ता, कीमत, खर्च और दुग्ध की मात्रा का सम्पूर्ण डाटा एकत्रित किया जाता है। चारा, खर्च व दूध की मात्रा न पाये जाने पर पशुपालक को दुधारू के वजन के अनुसार सन्तुलित आहार व दुग्ध उत्पादक आहार की जानकारी दी जाती है। मंत्री ने सरकार द्वार निर्धारित दुग्ध उत्पादन लक्ष्य की भी समीक्षा की। जिसमें अधिकारियों ने पिछले वर्ष का उत्पादन लक्ष्य हासिल कर लिये जाने की जानकारी दी। इस वित्त वर्ष बढ़ाये गये लक्ष्य को भी प्राप्त करने का विश्वास जताया। वहीं मंत्री दूध के अलावा दुग्ध उत्पादों को भी तैयार कर मार्केट में गुणवत्तापरक खाद्य पदार्थ, मिठाईयां आदि को बाजार में लाने के निर्देश दिये, इस पर अधिकारियों ने बताया कि मिठाई आदि दुग्ध उत्पादों के लिए विभाग के लिए दूध व खोआ सैम्पल पास हो चुके हैं। अब जल्द ही विभाग विभिन्न प्रकार की मिठाईयां बाजार में लायेगा। मंत्री ने उत्पादन में पिछड़े जिलों उत्तरकाशी, टिहरी, अल्मोड़ा आदि को अतिरिक्त परिश्रम कर दुग्ध उत्पादन बढ़ाने को कहा।