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डेरी विकास विभाग की समीक्षा बैठक लेते हुए विभागीय मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल

उत्तराखंड
देहरादून: प्रदेश के दुग्ध विकास, श्रम, सेवायोजन, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल ने आज विधान सभा स्थित सभागार में डेरी विकास विभाग की समीक्षा बैठक

ली। उन्होंने राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड आणन्द(गुजरात), उत्तराखण्ड सहकारी डेरी फेडरेशन व उत्तराखण्ड सरकार के मध्य प्रस्तावित कोब्रांडिंग के एमओयू पर अधिकारियों से विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने दुग्ध संघों के मन में एमओयू को लेकर उपजी शंकाओं का भी समाधान करते हुए कहा कि विपक्षी दलों के भ्रामक प्रचार के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है, लेकिन सरकार राज्य के दुग्ध उत्पादकों के हितों से किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगी, यदि कोई कम्पनी राज्य के दुग्ध उत्पादकों के हित को बढ़ावा देने के लिए आयेगी और राज्य सरकार की शर्तो पर और राज्य के हितों के अनूकूल साझेदारी करना चाहेगी तभी कुछ सोचा जा सकता है।
मंत्री जी ने एमओयू के सम्बन्ध में पूर्व में हुई बैठक के कार्यवृत्तों पर भी अधिकारियों से चर्चा की, जिस पर दुग्ध संघों व डेयरी परिषद के अधिकारियों ने अपनी सहमति जतायी। श्री दुर्गापाल ने दुग्ध संघों सहित डेयरी विकास विभाग में लम्बे समय से विचारधीन वोलेन्टरी रिटायरमेंट स्कीम का लाभ चाहने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों की पत्रवाली शीघ्र तैयार कर 10 दिन के अंदर प्रस्तुत करने को कहा। मंत्री जी ने विभाग के समस्त जांच प्रकरणों का निस्तारण करने के लिए 15 दिन की समय सीमा तय कि है। ऐसा नहीं करने पर अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने विभाग के कुछ महत्वपूर्ण पदों के रिक्त होने व मन पाॅवर कम होने की वजह से लक्षित  दुग्ध उत्पादन नहीं हो पाने के सम्बंध में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि उन पदों पर स्किलड मेन पाॅवर रखे जाना शीघ्र सुनिश्चित करें। मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल ने संघो के संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण से सम्बंधित पत्रावली व प्रस्ताव को शीघ्र तैयार कर प्रस्तुत करने के  निर्देश  अधिकारियों को दिये।
उन्होंने माह दिसम्बर 2015 तक दुग्ध संघों की भौतिक प्रगति एवं विगत वर्ष के सापेक्ष दुग्ध उपार्जन, तरल दुग्ध विक्रय तथा पशु आहर विक्रय की तुलनात्मक समीक्षा की। मंत्री जी ने 11 में से 4 जनपदों में दुग्ध उत्पादन कम होने पर रोष व्यक्त करते हुए अधिकारियों को इन जनपदों में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने के निर्देश दिये। उन्होंने दुग्ध संघों की आर्थिक समीक्षा, वित्तिय वर्ष 2015-16 में विभिन्न योजनान्तर्गत प्राप्त धनराशि एवं जिला योजना, डेरी विकास योजना व महिला डेरी योजना, दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना की प्रगति, गंगा गाय, महिला डेरी योजना की प्रगति, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना व राष्ट्रीय डेयरी विकास योजना की भी समीक्षा की।

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