देहरादून: प्रदेश के दुग्ध विकास, श्रम, सेवायोजन, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्री उत्तराखण्ड सरकार हरिश्चन्द्र दुर्गापाल ने आज विधान सभा स्थित सभागार में दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा
बैठक ली।
बैठक में मंत्री जी ने दुग्ध विकास विभाग की स्थिति का ब्यौरा विभागीय अधिकारियों से मांगा। जिसमें राज्य के अधिकांश जिलों में दुग्ध उत्पादन की स्थिति में सुधार हुआ है, कहीं-कहीं उत्पादन सरप्लस हुआ है। जिला नैनीताल, उधमसिंहनगर, अल्मोड़ा, हरिद्वार, और देहरादून जनपद दुग्ध उत्पादन में अग्रणीय रहे। बैठक में विभागीय अधिकरियों ने बताया कि कुछ पर्वतीय जिले ऐसे भी हैं, जहां दुग्ध उत्पादन तो बढ़ा है लेकिन जिले में अच्छी मार्केटिंग न होने की वजह से कुछ चिंताए भी हैं।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ऐसे जिले जहाॅं दुग्ध से निर्मित डेयरी खाद्य पदार्थो के साथ-साथ उत्तराखण्ड के पारम्परिक दुग्ध पदार्थो को भी निर्मित कर बाजार में उतारने की योजना बनायी जाय। जिससे दुग्ध उत्पादन और राज्य संस्कृति दोनों को बढ़ावा मिलेगा।
दुग्ध विकास मंत्री ने दुग्ध संघों और समितियों के बीच आपसी सहयोग की भावना न देख दोनों को सकारात्मक रवैया अपनाते हुए राज्य के दग्ूध उत्पादन के हित में काम करने की नसीहत भी दी, जिससे विभागों के आपसी मतभेदों के कारण आम जन को कोई हानि न उठानी पडे़। उन्होंने कहा कि राज्य दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन इसे देश भर में अग्रणी बनाने के लिए फेडरेशन, दुग्ध संघों एवं दुग्ध समितियों को संयुक्त प्रयास महत्पवूर्ण है।
मंत्री जी ने राज्य में महिलाओं की आर्थिक स्थिति को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए निर्देश देते हुए कहा कि राज्य में किसी भी दुग्ध समिति का गठन महिला दुग्ध उत्पादन समिति के नाम से ही किया जाये। उन्होंने चमोली दुग्ध संघ को महिला दुग्ध संघ चमोली बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। दुग्ध उत्पादन के लिए लोन लेने वालों के लिए प्रक्रिया सरल की जाये।