लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित मध्यान्ह भोजन योजना के तहत ’’तिथि भोजन’’ कार्यक्रम चलाया जायेगा। छात्रों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराए जाने में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित कराए जाने हेतु ’’तिथि भोजन’’ के अंतर्गत छात्रों को पौष्टिक भोजन प्रत्येक स्थिति में विद्यालय के किचेन/परिसर में ही तैयार किया जायेगा। किसी भी स्थिति में बाहर पकाया हुआ भोजन विद्यालय में वितरित नहीं किया जायेगा। तिथि भोजन के अंतर्गत दिए जाने वाले भोजन का मेन्यू प्रधानाध्यापक/विद्यालय समिति (एस0एम0सी0) के सदस्यों द्वारा तय किया जायेगा।
इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा आवश्यक निर्देश जारी कर दिये गये हैं। जारी निर्देश के अनुसार कतिपय जनपदों में विद्यालय परिसर में डाइनिंग शेड का निर्माण कराकर आत्मसम्मान के साथ बच्चों को भोजन ग्रहण कराया जा रहा है। यदि समुदाय का कोई सदस्य विद्यालय परिसर में स्थल उपलब्ध होने पर डाइनिंग शेड का निर्माण कराना चाहता है तो एसएमसी के माध्यम से करा सकता है। यदि समुदाय का कोई सदस्य ’’तिथि भोजन’’ हेतु नगद धनराशि देना चाहें तो उसे मध्याह्न भोजन निधि/एसएमसी के खाते में जमा करा दिया जायेगा। उसके अनुसार ही भोजन की व्यवस्था की जायेगी। यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो कि एक ही तिथि में समुदाय के कई लोग भोजन कराना चाहते हैं तो प्रधान/विद्यालय प्रबंध समिति (एस0एम0सी0) के माध्यम से यह निर्णय लिया जायेगा कि किस व्यक्ति द्वारा उस तिथि में भोजन कराया जायेगा। जिस व्यक्ति द्वारा भोजन कराया जायेगा वह स्वयं भी उस तिथि में उपस्थित होगा और स्वयं भी भोजन ग्रहण करेगा।
स्थानीय रूप से प्रचुर मात्रा में उपलब्ध ताजे एवं मौसमी फल वितरित किये जा सकते हैं। समुदाय के जो लोग ’’तिथि भोजन’’ कराना चाहते हैं उनके द्वारा वर्ग, लिंग, जाति आदि में कोई भेद-भाव नहीं किया जायेगा। बाल भोजन के अंतर्गत यदि फल/सूखे मेवे वितरित किये जायेंगे, तो उस दिन मध्याह्न भोजन भी जरूर बनेगा। छात्र चाहे तो मध्यावकाश में मध्याह्न भोजन विद्यालय में खाकर मात्र फल सूखे मेवे घर ले जा सकते हैं। यदि ’’तिथि भोजन’’ के अंतर्गत इच्छुक व्यक्ति ऐसा भोजन बनवाना चाहते हैं, जिसमें अतिरिक्त श्रम की आवश्यकता होगी, तो इस हेतु इच्छुक व्यक्ति द्वारा ही अतिरिक्त रसोइया/हेल्पर की व्यवस्था की जानी होगी तथा इस रसोइया/हेल्पर की व्यक्तिगत साफ-सफाई की जिम्मेदारी भी ली जाएगी। उपलब्ध कराये गये भोजन /सहायता का सम्पूर्ण विवरण यथा-डोनर का नाम एवं पता, दिवस, प्रकार/मात्रा अनुमानित लागत इत्यादि का अंकन एक रजिस्टर में व्यवस्थित किया जायेगा। इन निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।