माता भगवती को पूजने ,मनाने एवं उनकी आराधना करने का श्रेष्ठ एवं पवित्र समय नवरात्रि का होता है। इस साल शारदीय नवरात्रि को लेकर लोगों के बीच काफी दुविधा बनी हुई है। कुछ लोगों का कहना है कि शारदीय नवरात्रि 2018 इस बार 9 अक्टूबर से प्रारंभ हैं तो कुछ के हिसाब से इस पर्व की आरम्भ तिथि 10 अक्टूबर है।
उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि इस वर्ष यह महा पवित्र पर्व .शारदीय नवरात्रि 10अक्टूबर 2018 दिन बुधवार से प्रारम्भ हो रहा है। वैसे तो आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि 9 अक्टूबर 2018 को दिन में 9 बजकर 10 मिनट से ही प्रारम्भ हो जाएगा परन्तु उदया तिथि के कारण नवरात्र का प्रारम्भ 10 अक्टूबर 2018 दिन बुधवार से प्रारम्भ होगा।
नवरात्रि पर बन रहा खास संयोग
चित्रा नक्षत्र एवं वैधृति योग में नवरात्रि आरम्भ होने के कारण कलश स्थापना अभिजीत मुहूर्त मध्यान्ह 11 बजकर 36 मिनट से लेकर 12 बजकर 24 मिनट तक किया जाना उत्तम होगा।
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शारदीय नवरात्रि कलश स्थापना शुभ मुहूर्त
इस नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सूर्योदय 06 बजकर 12 मिनट से प्रारंभ है। स्थित लग्न वृश्चिक सुबह 08 बजकर 46 मिनट से 11 बजकर 03 मिनट तक करना ठीक होगा। साथ ही अभिजीत मुहूर्त दिन में 11:36 से 12:24 तक भी किया जाना अति शुभ फलदायी है। परंतु 12 बजे से राहुकाल होने के कारण 11:36 बजे से 11:59 बजे तक कर लेना अति उत्तम होगा।
प्रतिपदा को कलश स्थापना के बाद नवमी तिथि तक मातारानी के सभी नौ रूपों की पूजा बड़े ही विधि विधान एवं श्रद्धा पूर्वक किया जाता है। घरों में अथवा बड़े प्रतिष्ठानों में कलश स्थापना बुधवार को किया जाएगा अतः इस नवरात्र घरो में माता का आगमन बुधवार को हो रहा है।
शारदीय नवरात्रि पर माता की सवारी
पंडित जी के अनुसार बुधवार को माता नाव पर सवार होकर आती है। नाव पर आने से सब कार्यो में सिद्धि प्राप्त होती है। अतः माता का आगमन आम जन मानस के लिए अति उत्तम होगा।
हाथी पर लौटेंगी देवी
इस नवरात्रि माता का गमन हाथी (गज) पर होगा जो अति शुभफल दायक होगा। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि महाष्टमी का व्रत 17 अक्टूबर दिन बुधवार को है तथा महानवमी 18 अक्टूबर दिन गुरुवार को होगा।
नवमी तिथि का मान 18 अक्टूबर को दिन में 2 बजकर 31 मिनट तक ही है इसीलिए नौ दिन से चले आ रहे व्रत, पूजन एवं श्री दुर्गा सप्तशती के पाठ से सम्बंधित हवन का कार्य नवमी तिथि में ही किया जाएगा। नवरात्रि व्रत का पारण भी दशमी तिथि में 18 अक्टूबर 2018 दिन गुरुवार को ही 2 बजकर 31 मिनट के बाद किया जा सकता है परन्तु उदय कालिक दशमी 19 अक्टूबर को होगा। साथ ही विजय दशमी का प्रसिद्ध पर्व भी 19 अक्टूबर 2018 को ही मनाया जाएगा।