देहरादून: प्रदेश में अतिकुपोषित बच्चों के लिए प्रदेशभर में डे केयर सेंटर खोले जायेंगे। इस कार्य को पीपीपी मोड पर स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर किया जायेगा। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई खिलती कलियां कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कुपोषित बच्चों के पालन-पोषण स्तर में सुधार करना है। यह बात प्रमुख सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राधा रतूड़ी ने दीपनगर आंगनबाड़ी केन्द्र में पहले डे केयर सेंटर का उद्घाटन करने के बाद कही।
डे केयर सेंटर के उदघाटन के अवसर पर प्रमुख सचिव ने आंगनबाड़ी केन्द्र में आयी महिलाओं व बच्चों से बात भी की। शिशु निकेतन की बालिका नीरजा, जिसका दायित्व प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी द्वारा स्वयं लिया गया है, को प्रमुख सचिव ने दलिया भी खिलाया। प्रमुख सचिव ने कहा कि खिलती कलियां कार्यक्रम के तहत अतिकुपोषित बच्चों की देखभाल के साथ ही उन्हें पौष्टिक आहार भी दिया जा रहा है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य स्तर में सुधार होगा। पीपीपी मोड़ पर स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर डे केयर सेंटर की शुरूआत की जा रही है। पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर प्रथम चरण में देहरादून में पांच स्थानों पर ऐसे सेंटर बनाये जायेंगे। ये सेंटर आंगनबाड़ी केन्द्रों मे होंगे। जहां पर 3 वर्ष तक के अति कुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जायेगा। इसमें फल, सब्जी, दाल, अंडा, दूध आदि दिया जायेगा। देहरादून में इन सेंटरों की सफलता के बाद पूरे प्रदेश में ऐसे सेंटर खोले जायेंगे। बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि वे स्वयं इन सेंटरों का निरीक्षण भी करे। डे केयर सेंटर में पौष्टिक आहार, स्वच्छ पानी व नियमित डाॅक्टर का विजिट कराया जाय। प्रमुख सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाय। प्रत्येक माह की 5 तारीख को चिकित्सकों की टीम आये और बच्चों का परीक्षण करे। प्रमुख सचिव ने इस अवसर पर बच्चों को दिये जाने वाले दलिया का भी निरीक्षण किया। प्रमुख सचिव ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र में स्वरोजगारपरक कार्यक्रम भी शुरू किये जायेंगे, ताकि बालिकाओं व महिलाओं को रोजगार के बेहतर अवसर भी मिल सके।
इस अवसर पर अपर सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विम्मी सचदेवा भी उपस्थित थी। उन्होंने भी आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि यहां पर बच्चांे के लिए आर.ओ. लगवाया गया है, ताकि बच्चों को साफ व स्वच्छ पानी मिल सके। उन्होंने बताया कि इस सेंटर में 16 बच्चें पंजीकृत है, जिसमें से 2 बच्चे कुपोषित व 14 अतिकुपोषित बच्चे है। ऐसे डे केयर सेंटर रिस्पना, बिन्दाल, सौंग नदी, डोईवाला व ऋषिकेश क्षेत्र में भी खोले जायेंगे।