नई दिल्ली: ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में रेगिस्तान नियंत्रण संयुक्त राष्ट्र समझौता (यूएनसीसीडी) के पक्षों के 14वें सम्मेलन (सीओपी14) के दूसरे दिन विभिन्न हितधारकों ने व्यापक रूप से भाग लिया। विज्ञान और टेक्नोलॉजी पर समिति की बैठक में सीओपी14 एजेंडा को अपनाने पर फोकस किया गया। इसमें 2018-19 के लिए साइंस पॉलिसी इंटरफेस कार्यक्रम के परिणामों पर भी चर्चा की गई।
समझौता क्रियान्वयन (सीआरआईसी) के लिए समिति की बैठक और भूमि क्षरण नियंत्रण के लिए जलवायु सह लाभ कार्यक्रम पर विचार-विमर्श किया गया। 18वें सीआरआईसी सत्र में यूएन सीसीडी के कार्यकारी सचिव श्री इब्राहिम थैव ने कहा कि सीआरआईसी18 वास्तविक मील का पत्थर हो सकता है। हम प्रगति संकेतकों का इस्तेमाल करके और बेसलाइन तैयार करके पहला यूनएनसीसीडी रिपोर्टिंग प्रक्रिया को अंतिम रूप देंगे। हम समझौते को लागू करने के उपायों को समझने में सक्षम होंगे।
अधिकारिक बैठकों की समाप्ति पर प्रत्येकदिन विभिन्न आयोजन किए जाएंगे। विभिन्न प्रदर्शनी स्टॉल लगाए गए हैं जिनमें भारत की अंतरिक्ष शक्ति से लेकर बदलते जलवायु में तटीय मजबूती जैसे विषयों को शामिल किया गया है।