नई दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार का विजन राष्ट्र को सतत विकास के पथ पर अगसर करना है। सरकार ‘सुधार,प्रदर्शन एवं बदलाव’ के मंत्र के साथ देश में रूपांतरणीय बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस विजन को भारत सरकार के कैलेंडर 2017 में दर्शाया गया है। इस कैलेंडर की थीम यह है: ‘मेरा देश बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है।’ उन्होंने भारत सरकार का कैलेंडर 2017 जारी करने के अवसर पर अपने सम्बोधन में यह बात कही। इस अवसर पर श्री नायडू ने भारत में प्रेस संबंधी रिपोर्ट 2015-16 भी जारी की, जिसे भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक ने तैयार की है। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
श्री नायडू ने यह भी घोषणा की कि सरकार इस साल 25 दिसम्बर से ‘सुशासन’ की थीम पर देश भर में 100 दिनों का एक अभियान चलायेगी। इस दौरान मंत्रीगण एवं सांसद देश भर की यात्रा कर सरकार के उन महत्वपूर्ण कदमों पर प्रकाश डालेंगे जो पिछले ढाई वर्षों में उठाये गये हैं। सुशासन दिवस पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस पर मनाया जाता है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि सरकार वितरण प्रणालियों की बेहतरी के लिए प्रयासरत है और इसके साथ ही डिजिटल बदलाव को बढ़ावा देने तथा सभी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी क्रांति को आगे बढ़ाने की जरूरत है।
श्री नायडू ने यह भी कहा कि प्रिंट मीडिया क्षेत्र में हुए अभूतपूर्व विकास के परिणामस्वरूप विगत वर्षों के दौरान प्रिंट मीडिया से जुड़ी नीति/दिशा-निर्देशों में अनेकानेक बदलाव हुए हैं। प्रिंट मीडिया क्षेत्र में बदलते आयामों के मद्देनजर नीतियों को अद्यतन करने की जरूरत के परिणामस्वरूप आरएनआई के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित किया गया है, ताकि देश में प्रकाशनों की अद्यतन सूची को बनाये रखा जा सके। इस तंत्र के विकसित होने से अवैध प्रकाशनों को समाप्त करने में भी मदद मिली, जो कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए अड़चन साबित हो सकते हैं। नई प्रिंट विज्ञापन नीति की रूपरेखा का उल्लेख करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि डीएवीपी में समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं के पैनल के लिए सर्कुलेशन सत्यापन प्रक्रिया की व्यवस्था इसमें की गई है। इस प्रक्रिया में आरएनआई द्वारा प्रमाणन शामिल है, बशर्ते कि सर्कुलेशन प्रति प्रकाशन दिवस पर 45,000 प्रतियों से अधिक हो जाये।
मंत्री महोदय ने आरएनआई की वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर भारतीय प्रिंट मीडिया की सामान्य प्रवृत्ति का व्यापक विश्लेषण भी पेश किया। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रिंट उद्योग ने पिछले वर्ष के मुकाबले 5.13 प्रतिशत की स्थिर दर से अपनी विकास गाथा को बरकरार रखा। वर्ष 2015-16 के दौरान कुल मिलाकर 5,423 नये प्रकाशनों का पंजीकरण कराया गया और पंजीकृत प्रकाशनों की कुल संख्या 31 मार्च, 2016 को 1,10,851 दर्ज की गई। सर्कुलेशन वार ब्यौरा देते हुए श्री नायडू ने कहा कि हिंदी प्रकाशनों ने प्रति प्रकाशन दिवस पर 31,44,55,106 प्रतियों के साथ अपनी अगुवाई का क्रम जारी रखा। इसके बाद प्रति प्रकाशन दिवस पर 6,54,13,443 प्रतियों के साथ अंग्रेजी प्रकाशनों और 5,17,75,006 प्रतियों के साथ उर्दू प्रकाशनों का स्थान रहा।
इससे पहले श्री नायडू ने भारत सरकार का डिजिटल कैलेंडर 2017 एप भी लांच किया। उन्होंने कहा कि कैलेंडर एप को गूगल प्ले स्टोर से नि:शुल्क डाउनलोड किया जा सकता है। भारत सरकार के कैलेंडर में हर महीने एक विभिन्न थीम के साथ सरकार की प्रमुख योजनाओं एवं पहलों को दर्शाया गया है। इसका ब्यौरा नीचे दिया गया है:
जनवरी : युवाओं के नेतृत्व में विकास के लिए स्किलिंग इंडिया
फरवरी : गरीबों का सशक्तिकरण
मार्च : सशक्त नारी, सशक्त भारत
अप्रैल: बुनियादी ढांचे के निर्माण के जरिए अत्याधुनिक भारत
मई : एमएसएमई : भारत की आर्थिक रीढ़
जून : किसान: हमारे देश के पालनकर्ता
जुलाई : ग्रामीण विद्युतीकरण : हर घर को रोशन करना
अगस्त: सशस्त्र बल: राष्ट्र के गौरव
सितम्बर: कैशलेस लेन-देन
अक्टूबर: स्वच्छ भारत: स्वच्छता पर नया जोश
नवम्बर : भ्रष्टाचार मुक्त गवर्नेंस
दिसम्बर : सुगम्य भारत
भारत में प्रेस संबंधी रिपोर्ट की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:
1
पंजीकृत प्रकाशनों की कुल संख्या
i) समाचार पत्रों की श्रेणी (दैनिक, त्रि/द्वि-साप्ताहिक अवधि)
ii) पत्रिकाओं की श्रेणी (अन्य अवधि)
1,10,851
16,136
94,715
2
2015-16 के दौरान पंजीकृत कराये गये नये प्रकाशनों की संख्या
5,423
3
2015-16 के दौरान बंद हुए प्रकाशनों की संख्या
15
4
2015-16 के दौरान गैर-पंजीकृत किये गये प्रकाशनों की संख्या
22
5
पिछले वर्ष के मुकाबले कुल पंजीकृत प्रकाशनों की वृद्धि दर प्रतिशत में
5.13 %
6
किसी भी भारतीय भाषा (हिंदी) में पंजीकृत प्रकाशनों की सर्वाधिक संख्या
44,557
7
हिंदी को छोड़ किसी भी भाषा (अंग्रेजी) में पंजीकृत प्रकाशनों की दूसरी सर्वाधिक संख्या
14,083
8
पंजीकृत प्रकाशनों की सर्वाधिक संख्या वाला राज्य (उत्तर प्रदेश)
16,984
9
पंजीकृत प्रकाशनों की दूसरी सर्वाधिक संख्या वाला राज्य (महाराष्ट्र)
15,260
10
वार्षिक विवरण पेश करने वाले प्रकाशनों की संख्या
(इस आंकड़े में 1,341 विविध प्रकाशन भी शामिल हैं)
27,445
11
2015-16 के दौरान प्रकाशनों का कुल दावाकृत सर्कुलेशन
i) हिंदी प्रकाशन
ii) अंग्रेजी प्रकाशन
iii) उर्दू प्रकाशन
iv) मराठी
v) गुजराती
vi) तेलुगू
vii) उडि़या
viii) मलयालम
ix) तमिल
x) कन्नड़
xi) पंजाबी
xii) असमिया
xiii) कश्मीरी
61,02,38,581
31,44,55,106
6,54,13,443
5,17,75,006
3,67,88,737
2,88,28,334
2,76,45,134
2,03,12,592
1,55,57,673
93,39,722
64,85,082
59,31,641
13,90,759
1,37,450
12
किसी भी भारतीय भाषा (हिंदी) में वार्षिक