मां बनने के बीस दिन बाद ही भारत की मशहूर तीरंदाज दीपिका कुमारी अपनी नवजात बेटी को सास ससुर के पास छोड़कर 44 पाउंड का धनुष और तीर लेकर भारतीय खेल प्राधिकरण के अभ्यास केंद्र पर लौट आई है।
दीपिका की नजरें यहां दस से 17 जनवरी तक होने वाले ओपन सीनियर राष्ट्रीय ट्रायल के जरिये भारतीय टीम में वापसी पर टिकी हैं। एक दशक से अधिक के कैरियर में दो बार दुनिया की नंबर एक तीरंदाज रह चुकी दीपिका ओलंपिक पदक को छोड़कर सब कुछ जीत चुकी हैं। अगले साल पेरिस में ओलंपिक होने हैं और दीपिका को पता है कि यह उसके लिये आखिरी मौका है।
तीन बार की ओलंपियन ने पीटीआई से बातचीत में कहा ,” क्या करें कोई और विकल्प भी नहीं है। अगर मैं ट्रायल में नहीं आई तो पूरे साल टीम से बाहर रहूंगी।” वह अपने पति और भारत के नंबर एक तीरंदाज अतनु दास के साथ अभ्यास के लिये आती हैं। अतनु को भी तोक्यो ओलंपिक 2021 के बाद भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था। दोनों विश्व कप और एशियाई खेलों के लिये हुए ट्रायल में भी कट में जगह नहीं बना सके थे। हांगझोउ एशियाई खेल 2023 तक स्थगित होने के बाद दीपिका ने पिछले साल जून में पेरिस में विश्व कप के तीसरे चरण में टीम वर्ग में रजत पदक जीतकर वापसी की।
उसके बाद वह मातृत्व अवकाश पर चली गई। उसने कहा ,” गर्भावस्था के सातवें महीने तक मैने अभ्यास किया। उसके बाद कुछ समस्या आ गई तो मुझे अभ्यास बंद करना पड़ा। शुक्र है कि नॉर्मल डिलिवरी हुई जिससे मैं 20 दिन में वापसी कर सकी।” यह उतना आसान नहीं था और पहली बार बच्ची को छोड़कर आने पर वह घंटो रोती रही। उसने कहा ,” वह मेरा ही दूध पीती थी और नहीं मिलने पर रोने लगती। हम सुबह साढे सात बजे घर से निकलते और शाम को ही पहुंचते हैं। अब धीरे धीरे उसे आदत पड़ रही है। मुझे टूर्नामेंट खेलने के लिये उसे अकेले छोड़ना ही होगा।” उसने कहा ,” शुक्र है कि अतनु के घर के लोग काफी सहयोग करते हैं।