नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर ने आज यहां बैठक कर पाठनकोट घटना के निष्कर्षों पर विचार विमर्श किया।
श्री सिंह और श्री पर्रिकर ने खुफिया एजेंसियों द्वारा हमले की पूर्व चेतावनी दिए जाने और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस चुनौती से प्रभावी रूप से निपटने और संभावित क्षति को न्यूनतम किए जाने की सराहना की। उन्होंने इस घटना में सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शित बहादुरी की भी सराहना की और अपने प्राणों की आहूति देने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
बैठक के दौरान ऐसे घातक हमलों को रोकने, उनका पता लगाने और उन्हें नाकाम करने की साधनों को मजबूत बनाने पर भी विचार विमर्श किया गया। यह भी महसूस किया गया कि सभी सम्बद्ध एजेंसियों द्वारा प्रदर्शित की गई ताकत, विशेषकर उनके तालमेल से की गई कार्रवाई की सिर्फ सराहना ही नहीं की जानी चाहिए, बल्कि उसे और बढ़ाया जाना चाहिए। यह भी महसूस किया गया कि एक बार खुफिया जानकारी की पुष्टि होते ही फैसले लेने और सुरक्षा बलों की तैनाती-दोनों संदर्भों में जवाबी कार्रवाई त्वरित रूप से की गई।
सीमा पार के शत्रुतापूर्ण तत्वों की ओर से निरंतर बने हुए खतरों को देखते हुए खुफिया और ऐहतियाती क्षमताओं दोनों को, विशेषकर प्रौद्योगिकी और ज्यादा मजबूत बनाने की जरूरत पर बल दिया गया। यह तय किया गया कि सुरक्षा बलों, अर्द्ध सैनिक बलों और पुलिस के सभी अतिसंवेदनशील स्टेशनों की सुरक्षा का आकलन निर्धारित समय सीमा में किया जाए।
बेहतर मीडिया संचार रणनीति की आवश्यकता भी महसूस की गई। यह तय किया गया कि ऐसी घटनाओं में मीडिया को अधिकारियों द्वारा मौके पर ही जानकारी देना उचित होगा और इसके लिए प्रशिक्षण सहित सभी इंतजाम किए जाने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी आकस्मिक घटना से निपटा जा सके।