नई दिल्ली: रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर ने आज भारतीय सेना के केंद्रीय डाटा केंद्र, सेना क्लाउड और डिजी लॉकर का उद्घाटन किया। डिजिटल आर्मी प्रोग्राम के एक हिस्से के रूप में शुरू किए गए कदमों पर सेना को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह दस्तावेजों के त्वरित इस्तेमाल, सूचना और सेवाओं की तेज गति से डिलीवरी में सहायक हो सकता है। मंत्री महोदय ने ऐसी सेवाओं के फायदों और प्रौद्योगिकी उन्नयन को अपनाकर हर व्यक्ति को शिक्षित और संवेदनशील बनाने पर जोर दिया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रणाली के रखरखाव, निरीक्षण और सुरक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। सेना क्लाउड के अंतर्गत उपलब्ध सुविधाओं में शामिल हैं- केंद्रीय आंकड़ा केंद्र और नीयर लाइन डेटा सेंटर। ये दोनों केंद्र दिल्ली में होंगे। इसके अलावा आपदा से होने वाली भरपाई के लिए महत्वपूर्ण आंकड़े जुटाने के लिए विजुअल सर्वरों और स्टोरेज की भी व्यवस्था रहेगी। इसे एयर कंडीशन्ड कॉम्प्लेक्स में स्थापित किया जाएगा। यह राष्ट्रीय सूचना केंद्र- एन आई सी के मेघराज जैसा होगा और यह भारतीय सेना के लिए सभी सूचना प्रौद्योगिकी सुलभ करायेगा। इस क्षेत्र में नवीनतम प्रौद्योगिकियां पहली बार सॉफ्टवेयर डेटा सेंटर लागू होने के साथ ही काम करने लगेंगी, जहां सभी संसाधनों को एक बटन दबाते ही क्लाउड के तहत जुड़े विभिन्न एप्लीकेशंस के तहत संचालित किया जा सकेगा। यह सेवा पहले ही बुनियादी ढांचे मुहैया कराकर पहली क्लाउड सर्विस के रूप में सेना शुरू कर चुकी है और सास सेवा के रूप में यह सॉफ्टवेयर शीघ्र ही मुहैया करा दी जाएगी।
डिजी लॉकर के शुरू होने से यह महत्वपूर्ण डेटा नेटवर्क सैन्य मुख्यालय की सभी इकाइयों और सूचना केंद्रों को आंकड़े भंडारण की सुरक्षित और नायाब सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। भारतीय सेना की डिजी लॉकर डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के ई-लॉकर जैसी होगी और इसमें डिजिटल हस्ताक्षर और वाटर मार्किंग जैसी उन्नत विशिष्टताएं भी शामिल रहेंगी। यह साइबर सुरक्षा को लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें सीडी/डीवीडी की सॉफ्ट प्रतियां मौजूद रहेंगी और इन्हें किसी भी जगह ले जाया जा सकेगा। उपभोक्ता सेना डेटा नेटवर्क पर कहीं से भी किसी भी समय इन आंकड़ों को हासिल, वितरण और भंडारण कर सकता है। इसके लिए बुनियादी ढांचे और प्लेटफॉर्म की डिजिटल स्वचालित सेवा भी उपलब्ध रहेगी जो सेना की सभी शाखाओें में सुलभ कराई जाएगी। यह भारतीय सेना को नेटवर्क केंद्रित बल के तहत सूचना मुहैया कराने की दिशा में ऐतिहासिक कदम होगा, जो प्रौद्योगिकी इस्तेमाल में बहुपक्षीय और बहुउद्देशीय होगा।
डिजिटल व्यवस्था सामने आ जाने से भारतीय सेना को नौ तरह की प्रौद्योगिकी सुविधा मिल जाएगी, जिनमें तीन इस अंब्रेला प्रोग्राम के तहत आएंगी। ये प्रोग्राम हैं – ब्रॉडबैंड हाइवेज, युनिवर्सल एक्सेस टेलीफोन और आर्मी डेटा नेटवर्क। किसी भी आधुनिक सेना के लिए आज के युद्ध मैदान में अत्याधुनिक सूचना तकनीक के तहत अभियानों को चलाने के समक्ष आने वाली चुनौतियों का इन प्रोग्रामों के माध्यम से सटीक और समय पर माकूल जवाब दिया जा सकता है। भारतीय सेना व्यापक रूप से इस महत्वपूर्ण क्षेत्र पर ध्यान दे रही है।