14.8 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

रक्षा मंत्री ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन मालदीव को एक तेज गश्ती जहाज और एक लैंडिंग क्राफ्ट आक्रमण जहाज सौंपा

देश-विदेश

मालदीव की अपनी 3 दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 02 मई, 2023 को मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) को एक तेज गश्ती जहाज और एक लैंडिंग क्राफ्ट आक्रमण जहाज सौंपा। फास्ट पेट्रोल वेसल उच्च गति पर तटीय और अपतटीय निगरानी में सक्षम है और उसे एमएनडीएफ के तट रक्षक जहाज ‘हुरवी’ के रूप में कमीशन किया गया। इस अवसर पर मालदीव के राष्ट्रपति श्री इब्राहिम मोहम्मद सोलिह और रक्षा मंत्री सुश्री मारिया अहमद दीदी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बोलते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने समझाया कि दोनों ‘मेड इन इंडिया’ प्लेटफार्मों का सौंपा जाना हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में शांति और सुरक्षा के प्रति भारत और मालदीव की साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत ने एक मजबूत रक्षा इकोसिस्‍टम के माध्यम से भागीदार देशों की क्षमता निर्माण को और ज्यादा समर्थन देने के लिए अपनी विनिर्माण क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि की है।

रक्षा मंत्री ने कहा, “भारत हाल के वर्षों में एक प्रमुख रक्षा निर्यातक के रूप में उभरा है। एक रक्षा निर्माण इकोसिस्‍टम बनाया गया है जिसे प्रचुर मात्रा में तकनीकी मानवशक्ति का लाभ मिला है। हम न केवल अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए, बल्कि निर्यात के लिए भी विश्व स्तरीय उपकरणों का उत्पादन करते हैं। भारत मैत्रीपूर्ण देशों को एक बेहतर रक्षा साझेदारी प्रदान करता है, जो उनकी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और क्षमताओं के अनुरूप है। हम सहजीवी संबंध बनाना चाहते हैं जहां हम एक-दूसरे से सीख सकें, एक साथ बढ़ सकें और सभी के लिए विजय की स्थिति का निर्माण कर सकें। मालदीव को समर्थन देने की भारत की प्रतिबद्धता समय के साथ और मजबूत होती जाएगी।”

मालदीव के साथ भारत के मजबूत रक्षा सहयोग पर, श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आपसी संबंध ‘पड़ोसी प्रथम’ और ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) की दो नीतियों पर आधारित हैं। उन्होंने जून 2019 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की मालदीव की यात्रा को याद किया, जिसके दौरान उन्होंने जोर देकर कहा था कि “‘पड़ोसी प्रथम’ हमारी प्राथमिकता है और पड़ोस में, ‘मालदीव प्राथमिकता है’।”

रक्षा मंत्री ने क्षेत्र के समक्ष मौजूद आम चुनौतियों का समाधान करने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में राष्ट्रों के बीच सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हिंद महासागर हमारा साझा क्षेत्र है। क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि की प्राथमिक जिम्मेदारी उन लोगों की है जो इस क्षेत्र में रहते हैं। एक क्षेत्र की शांति और सुरक्षा क्षेत्रीय शक्तियों के सहयोग और सहकार से सबसे अच्छी तरह से सुनिश्चित होती है।”

श्री राजनाथ सिंह ने ध्यान दिलाया कि हिंद महासागर क्षेत्र द्वारा सामना की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण आम चुनौती संसाधनों का सतत समुपयोग और जलवायु परिवर्तन को बताया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए सहयोगी प्रयासों का आह्वान किया कि हिंद महासागर का समुद्री विस्तार शांतिपूर्ण है और संसाधनों का क्षेत्रीय समृद्धि के लिए इष्टतम उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि समुद्री संसाधनों का सतत समुपयोग हिंद महासागर क्षेत्र में राष्ट्रों के निरंतर वृद्धि और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है।

जलवायु परिवर्तन पर रक्षा मंत्री ने कहा कि इसका समुद्री पर्यावरण पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है और इसके प्रभाव राष्ट्रीय और क्षेत्रीय आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने में चुनौतियां पैदा कर सकते हैं। यह इंगित करते हुए कि मालदीव विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन की अनियमितताओं से जुड़ी असुरक्षितता का सामना करता है, उन्होंने अनुकूलन और शमन के लिए अपने पड़ोसी देशों के साथ काम करने की भारत की इच्छा पर बल दिया। उन्होंने कहा, “भारत पिछले कई वर्षों में इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) आवश्यकताओं में प्रमुखता से मदद पहुंचता रहा है। हम सहयोगी संबंधों से एक दूसरे की विशेषज्ञता का निर्माण करने के लिए तत्पर हैं।”

इससे पहले दिन में, श्री राजनाथ सिंह ने मालदीव के राष्ट्रपति श्री इब्राहिम मोहम्मद सोलिह से मुलाकात की। इस दौरान, चल रही परियोजनाओं और रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा हुई। मालदीव के राष्ट्रपति ने विभिन्न क्षेत्रों में मालदीव को भारत की निरंतर सहायता और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि यह राष्ट्र के लिए नई दिल्ली के विशेष सम्मान का एक वसीयतनामा है। उन्होंने इस संबंध को मजबूत करने की दिशा में मालदीव की प्रतिबद्धता से भी अवगत कराया। रक्षा मंत्री ने मालदीव में भारत द्वारा शुरू की गई विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की प्रगति के बारे में बात की और निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।

श्री राजनाथ सिंह 01 मई, 2023 को माले पहुंचे। अपने कार्यक्रमों के पहले दिन उन्होंने मालदीव के अपने समकक्ष और मालदीव के विदेश मंत्री श्री अब्दुल्ला शाहिद के साथ बातचीत की।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More