18 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख के चुशूल में देश को पुनर्निर्मित रेजांग ला मेमोरियल समर्पित किया

देश-विदेश

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 18 नवंबर, 2021 को लद्दाख के चुशुल में एक भव्य समारोह में पुनर्निर्मित रेजांग ला स्मारक को राष्ट्र को समर्पित किया। स्मारक का निर्माण 1963 में चुशुल मैदानों में 15,000 फुट से अधिक की ऊंचाई पर, भारत -चीन सीमा पर 13 कुमाऊं रेजिमेंट की चार्ली कंपनी के सैनिकों को सम्मानित करने के लिए किया गया था, जिन्होंने दिनांक 18 नवंबर, 1962 को पूर्वी लद्दाख में कैलाश रेंज पर 16,500 फीट से अधिक की ऊंचाई पर रेजांग ला और आसपास के क्षेत्रों की रक्षा की थी। स्मारक के जीर्णोद्धार का निर्णय श्री राजनाथ सिंह द्वारा जून 2021 में लेह का दौरा करने के बाद लिया गया था। उन्नयन के एक प्रमुख अभ्यास में इस स्मारक का नवीनीकरण जुलाई के मध्य में शुरू हुआ और यह परिसर तीन महीने के भीतर लड़ाई की 59 वीं सालगिरह पर उद्घाटन के लिए तैयार हो गया ।

रक्षा मंत्री ने रेजांग ला की लड़ाई लड़ने वाले वीर भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और स्मारक पर माल्यार्पण किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि चार्ली कंपनी का साहस और बलिदान हमेशा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा, साथ ही उन्होंने रेजांग ला स्मारक को देश के बहादुरों के जुनून, दृढ़ संकल्प और बेख़ौफ़ भावना का प्रतीक स्वरूप बताया ।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा, “स्मारक का नवीनीकरण न केवल हमारे बहादुर सशस्त्र बलों को श्रद्धांजलि है, बल्कि इस बात का भी प्रतीक है कि हम राष्ट्र की अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यह स्मारक हमारी संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा पैदा करने वाले किसी भी व्यक्ति को मुंहतोड़ जवाब देने के सरकार के रुख का प्रतीक है।”

रक्षा मंत्री ने भारतीय सैनिकों की भी सराहना की, जो शहीद हुए वीरों की वीरता और देशभक्ति की परंपरा को आगे बढ़ाते हैं और निडरतापूर्वक देश की रक्षा करते हैं। सशस्त्र बलों के कर्मियों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए उन्होंने उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया ।

श्री राजनाथ सिंह ने इस बात की सराहना की कि ढांचे की मूल संरचना और इससे जुड़ी भावना से समझौता किए बिना राष्ट्रीय स्तर के स्मारक की तर्ज पर इस स्मारक का जीर्णोद्धार किया गया । उन्होंने कहा कि पुनर्निर्मित स्मारक देश और विदेश के लोगों को आकर्षित करेगा; राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ावा देगा और पर्यटन को प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने स्मारक के जीर्णोद्धार के लिए कठोर परिस्थितियों में अथक परिश्रम करने वाले सभी लोगों को बधाई दी ।

यह युद्ध अद्वितीय वीरता की गाथा थी क्योंकि मेजर शैतान सिंह और 113 सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था, जो दुनिया के सबसे दुर्लभ ‘आखिरी आदमी, आखिरी गोली’ वाले युद्धों में से एक था। मेजर शैतान सिंह को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार, परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया। रेजांग ला मेमोरियल की पूरी परियोजना का नेतृत्व चुशुल ब्रिगेड के सैनिकों ने किया था, यह वही सैन्य इकाई है जिसके तहत सशस्त्र बलों ने 1962 मेंपूरे लद्दाख सेक्टर की रक्षा की थी ।

पुनर्निर्मित परिसर में एक दो मंजिला संग्रहालय, युद्ध पर एक विशेष वृत्तचित्र को प्रदर्शित करने के लिए एक मिनी थिएटर, एक बड़ा हेलीपैड और कई अन्य पर्यटक सुविधाएं शामिल हैं। लद्दाख में पैंगोंग झील के बहुत करीब स्थित रेजांग ला मेमोरियल आने वाले वर्षों में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण बनने के लिए तैयार है ।

लद्दाख के उपराज्यपाल श्री आरके माथुर, लद्दाख से सांसद श्री जमयांग सेरिंग नामग्याल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उप थल सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती, सेना की उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी और अन्य सैन्य अधिकारी पुनर्निर्मित रेजांग ला मेमोरियल के उद्घाटन पर उपस्थित थे। 13 कुमाऊं से जुड़े लोग, जिनमें ब्रिगेडियर आर वी जातर (सेवानिवृत्त) भी शामिल हैं, जिन्होंने एक कप्तान के रूप में युद्ध में भाग लिया था; मेजर शैतान सिंह के बेटे श्री नरपत सिंह भाटी और 13 कुमाऊं के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर का परिवार, लेफ्टिनेंट कर्नल एचएस ढींगरा और अन्य पूर्व सैनिकों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और उनका अभिनंदन किया गया ।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More