अल्मोड़ा/देहरादून: देश को आजादी दिलाने में जिन वीर सपूतो ने अपने प्राण न्यौछावर किये थे, उसमें देघाट क्षेत्र के शहीदो ने भी आजादी के लिए अपने प्राणो की आहुति देकर अमूल्य योगदान दिया था। यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को जनपद अल्मोड़ा के देघाट में देघाट शहीद दिवस के अवसर पर शहीदो को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्वांजली देते हुए कही।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ-साथ शहीदो की भूमि भी है, जिसके कारण हमारे शहीद स्थल अब तीर्थस्थल बन गये है। यहाॅ के अनेक शहीदो ने अपने पराक्रम और कर्तव्यनिष्ठा के साथ दुश्मनों से लोहा मनवाया था। उनके इस पराक्रम व स्वाभिमान के कारण ही हम सभी आज खुली हवा में साथ ले रहे है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि ये शहीद उत्तराखण्ड ही नहीं, बल्कि देश का गौरव है। अतः इनके परिवारो के प्रति हमारी सच्ची श्रद्वा एवं उनके लिए हर सम्भव सहायता के लिए सरकार कटिबद्व है। आज ही के दिन 1942 में अग्रेंजो की गोलियों से देघाट के दो वीर शहीद हरीकृष्ण व हीरामणि ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। उन्होंने कहा कि जनपद में सालम, सल्ट, जैंती, चनौदा आदि ऐसे क्षेत्र है, जहाॅ पर अनेक वीर शहीदो ने अपने प्राणो की आहुति दी थी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 1719.60 लाख रुपये की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास किया, जिनमें जनपद अल्मोड़ा के विधानसभा क्षेत्र सल्ट में तल्ली चमयाड़ी से राणलखाल मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 472.50 लाख रुपये, जनपद अल्मोड़ा के विधानसभा क्षेत्र सल्ट में पत्थखोला महरगाॅव तक मोटर मार्ग लागत 166.80 लाख रुपये, विधानसभा क्षेत्र सल्ट के अन्तर्गत रोटापानी बैण्ड से तिमिलटनौला तक मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 102.52 लाख रुपये, विकासखण्ड स्याल्दे के ग्राम खाल्यों, मटखानी द्वितीय, तिमली, कलियालिंगुड़, बुरासपानी में आॅगनबाड़ी केन्द्र का निर्माण लागत 44.90 लाख रुपये, विकासखण्ड स्याल्दे के ग्राम कहड़गाॅव, लम्बाड़ी, धन्याल पल्ला, अगासपुर, भरसोली में आॅगनबाड़ी केन्द्र का निर्माण लागत 44.90 लाख रुपये, विकासखण्ड स्याल्दे के सदे, महेंग्यारी, तल्ला भकूना, चैना, तलाई कुशियाचैन में आॅगनबाड़ी केन्द्र का निर्माण लागत 53.88 लाख रुपये, देघाट में पाॅलीटैक्नीक भवन का निर्माण 750.00 लाख रुपये, जसपुर-पैठानी सिंचाई नहर का निर्माण लागत 40 लाख रुपये, विधानसभा क्षेत्र सल्ट में कहड़गाॅव, जगोई से शिव मन्दिर होते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र तक मोटर मार्ग तक पुल सहित निर्माण (प्रथम चरण) लागत 44.10 लाख रुपये है। उन्होंने बताया कि देघाट पाॅलीटेक्नीक में शासन द्वारा पदो की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है, जिसका शासनादेश भी जारी कर दिया गया है। साथ ही साथ इस पाॅलीटेक्नीक में माईनिंग विषय की भी स्वीकृति उन्होंने प्रदान की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अल्मोड़ा जनपद के स्वयं सहायता समूह द्वारा उत्पादित अल्मोड़ा फ्रेश, अल्मोड़ा भोग, अल्मोड़ा क्राफ्ट से बने उत्पादो को शुभारम्भ करते हुए जिलाधिकारी सहित स्वयं सहायता समूह की सराहना की। उन्होंने अनेक किसानो को किसान यन्त्र आदि भी इस अवसर पर वितरित किये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर देघाट क्षेत्र के विकास के लिए कई घोषणायें की, जिनमें वीरसैण-बूंगीधार-रामनगरी-देघाट- भिकियासैंण-मरचूला नेशनल हाईवे जो पौड़ी गढ़वाल के पाबौ तक जायेगा को विकसित किया जायेगा, सरायखेत में कृषि इण्टर कालेज जो भरसार पौड़ी से सम्बद्व होगा। अल्मोड़ा दुग्ध संघ के भवन निर्माण के लिए विशेष ग्रान्ट से 05 लाख रुपये, चचरौटी-खटरगाॅव-सकेड़ दीपामाही पंपिंग योजना, बलमरा-केदार सड़क निर्माण सहित दर्जन भर सड़कों की घोषणा की। इस अवसर पर सांसद अजय टम्टा, विधायक सल्ट सुरेन्द्र सिंह जीना, पूर्व सासंद प्रदीप टम्टा, पूर्व सासंद बच्ची सिंह रावत, मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार रणजीत सिंह रावत ने शहीदो को श्रद्वंाजली देते हुए कहा कि क्षेत्र के शहीदो को सच्ची श्रद्वांजली सही मायने में तभी होगी जब हम क्षेत्र के विकास के लिए दलगत राजनीति के ऊपर उठकर कार्य करें।