नई दिल्ली: उत्तराखंड के देहरादून में चार दिवसीय राष्ट्रीय आरोग्य मेला 8 फरवरी, 2016 को सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। आरोग्य मेले का आयोजन आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा, सोवा रिग्पा एवं होमियोपेथ
(आयुष) मंत्रालय द्वारा उत्तराखंड की राज्य सरकार एवं भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से किया गया था। आयुष प्रणालियों के बारे में एकत्रित सूचनाओं से चार दिनों में हजारों आगन्तुकों ने लाभ प्राप्त किया। मेले का उद्घाटन आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री श्रीपद एस्सो नाइक द्वारा किया गया था। मेले में सभी हितधारकों, निवासियों, चिकित्सकों, शिक्षाविदों, कंपनियों, संस्थानों, विश्वविद्यालय प्रमुखों एवं छात्रों द्वारा प्रमुखता से भागीदारी की गई। आठ निःशुल्क सरकारी (आयुष) निदानशालाओं में एक हजार से अधिक मरीजों की चिकित्सा की गई। मरीजों को निःशुल्क दवाएं भी मुहैया कराई गयी। आम जनता के लिए आयोजित 17 शिक्षण सत्रों के दौरान विभिन्न विशेषज्ञों ने मूल्यवान जानकारियाँ साझा कीं। शिक्षण सत्रों की थीम प्रतिरोधक प्रणाली, महिलाओं की बीमारियों में होमियापेथी, आयुर्वेद में उपचार, योग से आरोग्य एवं सिद्धा प्रणाली में गैर-संक्रमणकारी रोग प्रबंधन आदि पर आधारित थीं।
आगन्तुकों ने कई प्रकार की दवाओं, जीवन रक्षक उपचारों एवं मधुमेह, रक्तचाप, यकृत एवं फेफड़ों की समस्याओं, गर्दन एवं जोड़ों के दर्द, स्लिप डिस्क, गैस संबंधी बीमारियों, साइटिका, गर्दन से संबंधित स्पांडिलाइटिस, दांत की समस्याओं, मोतियाबिंद, प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने, कोलेस्ट्रोल में कमी लाने आदि के लिए हर्बल उत्पादों की खरीदारी की। नए उत्पाद लांचों एवं लक्की ड्रा योजनाओं ने भी आम जनता का ध्यान अपनी ओर खींचा।
आरोग्य मेले का उद्देश्य चिकित्साओं की आयुष प्रणालियों की ताकतों, प्रभावोत्पादकता एवं उनके किफायतीपन को प्रदर्शित करना एवं उन्हें बढ़ावा देना था। स्वास्थ्य उत्पादों के अतिरिक्त मेले में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा स्थापित सूचना केन्द्रों के जरिए आयुष से संबंधित उपयोगी जानकारियों की भी पेशकश की गई जिसमें होमियोपेथी, आयुर्वेद विज्ञानों, यूनानी दवाओं, सिद्धा प्रणाली एवं योग से संबंधित किताबें, साहित्य एवं दृश्य प्रदर्शनियां आयोजित की गईं।
अनुसंधान एवं योग तथा प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र द्वारा लाइव योगा प्रदर्शनी में काफी दर्शकों को आकर्षित किया। आयुर्वेदिक विज्ञानों में अनुसंधान के लिए केन्द्र परिषद द्वारा हर्बेरियम एंड म्यूज़ियम में विभिन्न दुर्लभ हर्बल एवं चिकित्सकीय पौधों को प्रदर्शित किया गया। राज्य के स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक आयोजनों ने मेले की सफलता में योगदान दिया।