मिजोरम की लाई, मारा और चकमा समन्वय समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह से मुलाकात की और उनकी कुछ लंबित मांगों पर चर्चा की। उन्होंने मंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने पूर्वोत्तर राज्यों को विकसित करने और उन्हें देश के अन्य विकसित राज्यों के बराबर लाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता को दोहराया, साथ ही पूर्वोत्तर क्षेत्र के साथ-साथ विभिन्न जनजातियों और क्षेत्र में रहने वाले समुदाय के विभिन्न क्षेत्रों के समान विकास को सुनिश्चित किया।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने लाई, मारा और चकमा स्वायत्तशासी जिला परिषदों के प्रतिनिधियों वाले प्रतिनिधिमंडल को यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी पूर्वोत्तर क्षेत्र की विभिन्न जनजातियों और समुदायों के मुद्दों को मानवीय तरीके से सुलझाने के इच्छुक हैं, जिन्हें लंबे समय से उपेक्षित किया गया और मिजोरम की पिछली सरकारों द्वारा उनका शोषण किया गया।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने एक उचित निर्णय पर पहुंचने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आइजोल दौरे और विभिन्न वर्गों के लोगों के साथ उनकी बैठकों को भी याद किया। उन्होंने वंचित वर्गों और उपेक्षित क्षेत्रों के लिए पूर्वोत्तर परिषद के बजट से विशेष निधि के आवंटन का प्रस्ताव करने के लिए पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के अध्यक्ष के रूप में अमित शाह द्वारा की गई पहल का भी उल्लेख किया।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों द्वारा उठाई गई विभिन्न मांगों पर मंत्री के साथ चर्चा की गई। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, मोदी सरकार हमेशा बहुत विचारशील और सहानुभूतिपूर्ण रही है।
प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख सदस्यों में लाई मारा चकमा समन्वय समिति के अध्यक्ष एम लाइकॉ, मिजोरम सरकार के पूर्व मंत्री निरुपम चकमा, अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव डेलसन नोटिया, पूर्व विधायक सपलियाना वंदिर और पूर्व-सीईएम एवं एमडीसी टी ज़कुंगा शामिल थे।