नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने कोयला और पेट्रोलियम मंत्रालयों से गोपनीय दस्तावेज लीक करने में शामिल एक और गैंग का खुलासा किया है । पुलिस ने इस मामले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और छह अन्य को हिरासत में लिया है। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में जबरन घुसने, चोरी, आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी की धाराओं के तहत अलग से एफआईआर दर्ज की है। यह गैंग पेट्रोलियम मंत्रालय की जासूसी में शामिल गिरोह से अलग है। पेट्रोलियम मंत्रालय जासूसी मामले में पुलिस ने अभी तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। नए गैंग में गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान लोकेश के रुप में हुई है, जो नोएडा की एक कंसल्टेंसी कंपनी के लिए काम कर रहा था। क्राइम ब्रांच ने इस सिलसिले में शास्त्री भवन से कम से कम छह लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। जल्द ही और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इस सिलसिले में दिल्ली और आसपास के इलाकों में छापेमारी जारी है।
दिल्ली पुलिस के आयुक्त बीएस बस्सी ने कहा कि जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि लोकेश कोयला मंत्रालय के साथ ही पेट्रोलियम मंत्रालय से भी दस्तावेज हासिल करने में कथित रुप से संलिप्त था। उन्होंने कहा, ‘इसलिए हमने मामला दर्ज किया है और हम उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। हमने एक और एफआईआर दर्ज की है।’
इस गैंग के काम करने के तरीके और इससे किसे लाभ होने के बारे में पूछने पर बस्सी ने कहा कि चूंकि एफआईआर रविवार को दर्ज की गई है, इसलिए पुलिस लोकेश के सहयोगियों को गिरफ्तार करने के बाद ही जानकारी दे पाएगी। अलग से एफआईआर दर्ज करने के बारे में बस्सी ने कहा, ‘यह दूसरा गैंग है। यह अलग है और इसका संबंध उस विशेष मामले से नहीं है, हालांकि यह भी उसी तरह का मामला है। चूंकि यह जुड़ा हुआ नहीं है, इसलिए हमने अलग से प्राथमिकी दर्ज की।’ कॉर्पोरेट जासूसी के संदिग्ध मामले का भंडाफोड़ करते हुए दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को पेट्रोलियम मंत्रालय के दो कनिष्ठ अधिकारियों और तीन अन्य बिचौलियों को गिरफ्तार किया था, जो एनर्जी कंपनियों को सरकार के गोपनीय दस्तावेजों को कथित रुप से लीक करते थे। पिछले शुक्रवार को दो एनर्जी कंसल्टेंट शांतनु सैकिया और प्रयास जैन तथा आरआईएल के शैलेश सक्सेना, एस्सार के विनय कुमार, केयर्न्स के केके नायक, जुबिलैंट एनर्जी के सुभाष चंद्रा और एडीएजी रिलायंस के रिषी आनंद को गिरफ्तार किया गया था।