स्पेशल सेल की एक टीम ने अफगान हेरोइन के आयात, पुनर्गठन और वितरण में शामिल एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ किया है, जिसमें अफगान हेरोइन की लगभग 150 किलोग्राम की खेप जब्त की गई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी कीमत लगभग 600 करोड़ रुपये है.
इस खुलासे से भारत और अफगानिस्तान के बीच मसाला, मसालों के व्यापार की भयावह तस्वीर और अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट्स द्वारा इसे एक कवर के रूप में उपयोग करने का पता चला है. ऑपरेशन का पैमाना इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत में हेरोइन के पुनर्गठन और प्रकिया की देखरेख के लिए अफगानिस्तान के जलालाबाद के रासायनिक विशेषज्ञों को शामिल किया गया.
इन्होंने जूट के थैलों को शामिल किया, जिसका उपयोग अफगानिस्तान से भारत में जीरा और अन्य घरेलू मसालों को हेरोइन की भारी मात्रा के साथ ले जाना था. हर खाली जूट बैग वास्तव में हेरोइन पाउडर के सूखे घोल को अपने रेशे में छिपा लेता. एक बार जब मसाले हटा दिए गए तो हर खाली जूट बैग जब तय प्रकिया में प्रोसेस किया जाए तो उच्च गुणवत्ता वाले अफगान हेरोइन का लगभग 1 किलोग्राम निकलेगा. विशेष सेल ने राष्ट्रीय राजधानी में आतंक और उसके बुनियादी ढांचे (जिसमें बंदूक चलाना, नकली मुद्रा और मादक पदार्थ शामिल हैं) पर नजर रखने के लिए विशेष अभियान चलाया ताकि संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा सके.
स्पेशल सेल को विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ महीनों से दक्षिण पूर्वी जिले के कुछ क्षेत्रों में नियमित तौर पर कई लग्जरी कारों के काफिले गुजरने की सूचना मिली जो कि क्षेत्र की आर्थिक स्थिति के अनुकूल नहीं थी. टीम को यह भी पता चला कि इन लग्जरी कार के काफिले में अक्सर भारतीयों के अलावा विदेशी मूल के लोग, खास कर अफगान और अफ्रीकी लोग आते थे. टीम को शक करने के लिए यह काफी था.
इसके बाद स्पेशल सेल अलर्ट हुई और एक ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें निगरानी और ट्रैकिंग शामिल थी. इसके बाद सामने आया कि कुछ विदेशी नागरिकों सहित कुछ लोग दक्षिण पूर्व जिले के बेहद घनी आबादी वाले और शहरी उपनगरों में किसी प्रकार के औद्योगिक सेट-अप को अंजाम देने के अंतिम चरण में थे.
निगरानी से पता चला कि ड्रग माफिया लग्जरी सेडान कार के एक बेड़े का काफिले में उपयोग कर रहा था. काफिला देर रात या तड़के दिल्ली से बाहर निकल जाता और तब तक नहीं रुकता जब तक वह पंजाब और अन्य पड़ोसी राज्यों तक न पहुंच जाए. इसका भंडाफोड़ करने के लिए अनुभवी सूत्रों को सावधानीपूर्वक चुन कर तैनात किया गया और गहन तकनीकी निगरानी रखी गई.
टीम की मेहनत तब रंग लाई जब 17 जुलाई की देर शाम जानकारी मिली कि काफिला लाजपत नगर में एक स्थान पर इकट्ठा होगा और बड़ी मात्रा में तस्करी होने की उम्मीद है. स्पेशल सेल ने तुरंत एक बड़ी टीम को इकट्ठा किया और कार्रवाई में लगाया. एक और इनपुट मिला कि आश्रम फ्लाईओवर के पास काफिले के पहुंचने की उम्मीद है. एक जाल बिछाया गया और लगभग आधी रात को दो अलग-अलग कारों में सवार दो व्यक्तियों को पकड़ लिया गया.
गाड़ी की बारिकी से जांच करने पर कुल 60 किलोग्राम (प्रत्येक कार में 30 किलोग्राम) हेरोइन जब्त किया गया. जो लगभग 1 किलोग्राम वजन वाले पैकेट में पार्सल किया गया था. पैकेट बैक सीट के अंदर तक छुपा हुआ था. मामले पर स्पेशल सेल में कानून की उचित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. इस छापे में गिरफ्तार किए गए आरोपी धीरज, दीपक, और रईस खान महारानी बाग दिल्ली के रहने वाले हैं.
पकड़े गए आरोपी से लगातार पूछताछ और हफ्तों की निगरानी से मिली जानकारी के बूते दक्षिण पूर्वी दिल्ली के जाकिर नगर इलाके में एक और जगह पर छापा मारा, जहां से एक औद्योगिक सेट बनाने का भंडाफोड़ हुआ. इस साइट से दो अफगान नागरिकों को पकड़ा गया जो केमिकल और मैकेनिकल एक्सपर्ट थे.
इस साइट से 60 किलोग्राम का अफगान हेरोइन बरामद किया गया. साइट पर पाए गए प्रोसेसिंग सेट-अप और बरामद हेरोइन की मात्रा के बारे में यह अनुमान लगाया गया कि इस खेप को वास्तव में कहीं और प्रोसेस किया गया और इस जगह का उपयोग सिर्फ सुरक्षित स्थान के रूप में किया गया था. न्यूज़ सोर्स आज तक