18.1 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

विमुद्रीकरण का कोई प्रभाव नहीं: श्री राधा मोहन सिंह

बागवानी के मामले में शीत श्रृंखला पूरी मूल्‍य श्रृंखला प्रणाली को मजबूत और किसानों का सामाजिक-आर्थिक सुधार करती है: श्री सिंह
कृषि संबंधितदेश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री, श्री राधा मोहन सिंह ने आज नई दिल्ली में उनके मंत्रालय द्वारा पिछले 30 महीनों में उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों और कामयाबी की जानकारी देने के लिए संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित किया।  इस अवसर पर श्री सिंह ने कहा कि विमुद्रीकरण का कोई प्रभाव नहीं है। श्री सिंह ने निम्नलिखित उदाहरण दिए:-

1.दुग्‍ध बिक्री

केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री, श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि अगर दूध की बिक्री के आंकड़ों का अध्‍ययन करें तो पाएंगे कि इस पर विमुद्रीकरण का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है बल्‍कि दूध की बिक्री में सर्वथा वृद्धि ही हुई है।

(क)        अमूल- विमुद्रीकरण से पहले प्रतिदिन दूध की औसतन बिक्री जहां रु 64.55 करोड़ थी। वहीं विमुद्रीकरण के पश्चात नवंबर – दिसम्बर माह में यह बढ़कर रु 74.25 करोड़ प्रतिदिन  हो गयी है।

(ख) मदर डेयरी- इसी प्रकार विमुद्रीकरण के पहले मदर डेयरी दूध की औसतन बिक्री जहां 28.06 लाख लीटर थी, जिसकी औसतन कीमत रु 11.42 करोड़ प्रतिदिन थी। वहीं विमुद्रीकरण के पश्चात नवंबर – दिसम्बर माह में यह बढ़कर रु 29.61 लाख लीटर प्रतिदिन हुई जिसकी औसतन कीमत रु12.05 करोड़ प्रतिदिन हो गयी है।

(ग) दिल्ली दुग्ध योजना- दिल्ली दुग्ध योजनान्तर्गत औसतन बिक्री जहां 2.70 लाख लीटर प्रतिदिन थी, जिसकी औसतन कीमत रु 1.05 करोड़ प्रतिदिन थी। वहीं विमुद्रीकरण के पश्चात नवंबर – दिसम्बर माह में यह बढ़कर रु 2.76 लाख लीटर प्रतिदिन, जिसकी औसतन कीमत रु 1.07 करोड़ प्रतिदिन हो गयी है।

  1. बीज

श्री सिंह ने कहा अगर रबी 2015 के बीज बिक्री के आंकड़ों को वर्ष 2016 के आंकड़ों के साथ तुलना करें तो पाएंगे कि ज्‍यादातर राज्‍यों में या तो इन आंकड़ों में वृद्धि हुई है या यह समतुल्‍य है। उदाहरणस्‍वरूप, जहां मध्‍य प्रदेश राज्‍य बीज निगम की रबी 2015 बुआई हेतु 10.42 लाख क्‍विंटल बीजों की बिक्री हुई थी, वहीं इस वर्ष यह बिक्री बढ़कर 11.93 लाख क्‍विंटल हो गई है। इसी प्रकार महाराष्‍ट्र राज्‍य बीज निगम द्वारा पिछले वर्ष 2.64 लाख क्‍विंटल बीजों की बिक्री की गई थी, वहीं इस वर्ष यह 2.7 क्‍विंटल है। कर्नाटक राज्‍य बीज निगम द्वारा पिछले वर्ष जहां 1.36 लाख क्‍विंटल बीजों की बिक्री की गई थी, वहीं इस वर्ष यह बिक्री 1.49 लाख क्‍विंटल हुई है।

अगर राष्ट्रीय बीज निगम के आंकड़ों का अध्‍ययन करें तो पाएंगे कि 23 दिसम्‍बर, 2015 तक, रबी बुआई हेतु उनके द्वारा 5.51 लाख क्‍विंटल बीज बिक्री की गई थी जो मामूली गिरावट के साथ वर्ष 2016 में 5.20 लाख क्‍विंटल है। इसी प्रकार तेलंगाना राज्‍य में रबी 2015 में बीजों की बिक्री 1.55 लाख क्‍विंटल थी जो इस वर्ष 2016 में मामूली गिरावट के साथ 1.48 लाख क्‍विंटल है एवं उत्‍तराखण्‍ड में 3.8 हजार क्‍विंटल में मामूली कमी के साथ इस वर्ष 2016 में 3.7 हजार क्‍विंटल बिक्री हुई है।

  1. नेफेड (NAFED) :

श्री सिंह ने कहा कि इसी तरह नेफेड के आंकड़ों के अध्‍ययन से यह स्‍पष्‍ट होता है कि 08 नवम्‍बर, 2016 के विमुद्रीकरण से पूर्व जहां नेफेड की औसत बिक्री 2 लाख रूपये प्रतिदिन थी, जो विमुद्रीकरण के पश्‍चात् डेढ़ गुना से अधिक बढ़कर 3.70 लाख रूपये हो गई। इसका मुख्‍य  कारण कॉपरेटिव की दुकानों पर पुराने 500 एवं 1000 के नोटों का परिचालन जारी रहना था। वहीं दिसम्‍बर, 2016 में यह आय 2.31 लाख रूपये प्रतिदिन पर स्‍थिर हो गई है जो विमुद्रीकरण के पूर्व बिक्री आंकड़ों से कहीं अधिक है।

Related posts

4 comments

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More