देहरादून: प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री उत्तराखण्ड सरकार सुरेन्द्र सिंह नेगी ने आज विधान सभा स्थित सभागार में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक करते हुए शासन एवं स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों से कहा कि प्रदेश के चिकित्सालयों में जो मरीज चिकित्सा स्वास्थ्य हेतु आ रहे हैं,
तथा जो पात्र व्यक्ति हैं, उनको मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ अवश्य मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य बीमा योजना गरीब लोगों एवं उनके परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिलाने के लिए मजबूत इरादे से लागू की गयी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार की स्पष्ट अवधारणा है कि स्वास्थ्य के लिए पात्र गरीबजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें दिलाई जाय। उन्होंने कहा कि सरकार तथा चिकित्सालयों के मध्य ईलाज को लेकर संवादहीनता की स्थिति नहीं आनी चाहिए। यह सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है जो आम गरीबजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें दिलाने के लिए लागू की गयी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गरीब व्यक्ति को स्वास्थ्य कार्ड शीघ्र दिया जाय। स्वास्थ्य कार्ड ना होने की स्थिति में भी गरीब परिवार के आगे ईलाज की समस्या नही आनी चाहिए तथा उसके स्थान पर वोटर आई0डी0, परिवार रजिस्टर की नकल अथवा राशन कार्ड को भी आधार मानकर ईलाज शुरू किया जाय।
बैठक में उन्होंने कहा कि चिकित्सा स्वास्थ्य को आम जन तक पहॅुचाने में पायलट प्रोजैक्ट के रूप में प्रदेश के 40 विकास खण्डों में शीघ्र ही स्क्रीनिंग कैम्प लगाये जायें। उन्होंने कहा कि उक्त कैम्प पिछड़े क्षेत्रों में लगाये जायें जहाॅं चिकित्सा अधिकारियों का अभाव है। उन कैम्पों में ओ0पी0डी0 के माध्यम से मरीज का जनरल चैक अप के साथ क्रोनिकल डीसीस का भी चैक अप करें। तथा सर्जिकल कैम्पों को भी स्क्रीनिंग कैम्पों से जोड़ा जाय। उन्होंने कहा कि हर हालत में 9 माह के अन्दर 350 स्क्रीनिंग कैम्प लगायें जायें।
उन्होंने विभाग के अधिकारियों से कहा कि सरकारी चिकित्सा अधिकारी छुट्टी के दिनों में रिमोट एरिया में कैम्प कर कैम्प लगवायें इसके लिए सरकार की तरफ से उन्हें अन्य सुविधाएॅं भी मुहैया करायी जायेगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ड्यूटी होगी कि वे कार्य को तत्परता से करते हुए क्षेत्र के रिमोट एरिया में कैम्प लगवायें। उन्होंने महानिदेशक स्वास्थ्य को निर्देश दिये कि सी0एम0ओ0 को अवगत करायें कि उनके जनपद में जहाॅं डाॅ0 सरप्लस हैं उनकी सूची उपलब्ध करायें जिससे गढ़वाल एवं कुमायूॅ के लिये टीमों का गठन किया जा सके। तथा उक्त टीमों के डाक्टरों का मोबाइल करते हुए स्क्रीनिंग कैम्पों में कार्य लिया जा सके। इसके लिए ग्राउण्ड रूट में इम्पलिमेंट करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्क्रीनिंग कैम्प लगवाने से स्वास्थ्य विभाग जहाॅं सुदृढ़ होगा। वहीं गरीब आदमियों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा इनके साथ ही आई कैम्प लगाने से प्रदेश की फिजा बदलेगी।
बैठक में उन्होंने शासन के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कोटद्वार के बेस चिकित्सालय का लगभग 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। आगमी अनुपूरक बजट में बेस हस्पिटल के लिये पैसा रिलिज करें जिससे चिकित्सालय को पूर्णतः सुसज्जित किया जा सके जिससे आम जन स्वास्थ्य सुविधाओं से लाभान्वित हो सके। बैठक में उन्होंने कहा कि खुशियों की सवारी/सचल वाहन/108 की भुगतान व्यवस्था समय पर हो बैठक में उन्होंने कहा कि बोर्ड के माध्यम से तमिलनाडू एवं उड़ीसा से कैम्पस प्लेसमेन्ट के माध्यम से डाक्टर लायें जाये। जो अपनी सेवा इस प्रदेश मे दे सकें।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की भौगिलक संरचना स्वास्थ्य अधिकारियों के हाथ में चिकित्सा स्वास्थ्य की व्यवस्थाओं को चुस्त दुरूस्त करने के निर्देश शासन एवं निदेशालय के अधिकारियों को दिये। इसके साथ ही उन्होंने एस0ए0डी0(स्वास्थ्य विभाग) में कार्यरत संविदा आयुर्वेदिक चिकित्सकों का स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत एम0ओ0सी0एस0 के रिक्त पदों पर संविदा में समायोजन तथा स्वास्थ्य/डेन्टल विभाग में कार्यरत चिकित्साधिकारियों का विनियमितिकरण किया जाय जो पात्र हैं, इसके लिऐ उन्होंने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिये।
बैठक में उन्होंने महानिदेशक स्वास्थ्य ने प्रस्ताव के अनुसार 227 फार्मासिस्टों के बैकलागकी पूर्ति हेतु पदों के सृजन के निर्देश प्रमुख सचिव को दिये तथा गाॅन्धी शताब्दी नेत्र अस्पताल की ई0एफ0सी0 वित्त विभाग से करवाने हेतु निर्देशित किया ।
बैठक में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ओम प्रकाश, सचिव स्वास्थ्य भूपेन्द्र कौर, अपर सचिव स्वास्थ्य विम्मी सचदेवा, अपर सचिव स्वास्थ्य/निदेशक एन0आर0एच0एम0 नीरज खैरवाल, महानिदेशक स्वास्थ्य डाॅ0 आर0पी0भट्ट, निदेशक स्वास्थ्य डाॅ0 अजीत गैरोला, संयुक्त सचिव स्वास्थ्य अत्तर सिंह चैहान मौजूद थे।