नई दिल्ली: पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारी देश की संपदा हैं और उनकी क्षमताओं का कारगर इस्तेमाल किया जाना चाहिए। वे आज नई दिल्ली में सेवानिवृत्ति-पूर्व परामर्श कार्यशाला और अनुभव पुरस्कार, 2019 कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने किया था। इस अवसर पर मंत्रालय के सचिव श्री के.वी. ईप्पन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने अनुभव पुरस्कार, 2019 भी प्रदान किए। अनुभव पोर्टल, 2015 में प्रधानमंत्री के आह्वान पर तैयार किया गया था, जिसका उद्देश्य सेवानिवृत्त अधिकारियों के समृद्ध अनुभवों को डिजिटल रूप में संरक्षित करना है। वर्ष 2016 में पुरस्कार योजना शुरू की गई, ताकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अपने अनुभव साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। वर्ष 2016 से ही हर वर्ष वार्षिक समारोहों का आयोजन भी होने लगा। यह इस श्रृंखला का चौथा वार्षिक पुरस्कार है।
इस अवसर पर डॉ. जितेन्द्र सिंह ने अखिल भारतीय पेंशन अदालत का भी उद्घाटन किया। देश के कई हिस्सों में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा पेंशन अदालतों का आयोजन किया गया। देश भर में इन पेंशन अदालतों में हजारों मामलों पर गौर किया गया। 50 से अधिक केन्द्रों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए दिल्ली के सम्मेलन से जोड़ा गया। यह मामले संस्कृति मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, राज्यसभा, लोकसभा सचिवालय इत्यादि से जुड़े हैं।
सेवानिवृत्ति-पूर्व परामर्श कार्यशाला में कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से संबंधी विभिन्न प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई। इस अवसर पर डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारी देश की संपदा हैं और उनके अनुभव देश के लिए लाभदायी है। उन्होंने देश भर में पेंशन अदालतों के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय पेंशन अदालतों के आयोजन की आवश्यकता है। उन्होंने आज आयोजित पेंशन अदालत में पेंशनभोगियों से बातचीत करते हुए कहा कि बैंकों को भी पेंशनभोगियों की समस्याओं के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रक्रियाओं को सरल बनाने की जरूरत है, ताकि व्यावहारिक समस्याएं और अड़चनें दूर हो सकें।
पेंशन सचिव श्री के.वी. ईप्पन ने कहा कि पिछले वर्ष पेंशन अदालत में 12,849 मामले आए थे, जिनमें से 9,368 मामलों का समाधान किया गया। उन्होंने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया है, ताकि सेवानिवृत्ति की प्रक्रिया आसान हो। उन्होंने बताया कि एक पेंशन-डैशबोर्ड निगरानी के लिए शुरू किया गया, ताकि शिकायत निपटान प्रणाली और कारगर हो सके। उन्होंने कहा कि यह पेंशनभोगियों के जीवन को आसान बनाने के लिए सरकार के 100 दिवसीय एजेंडे का अंग है।