नई दिल्ली: डाक विभाग के मंडल प्रमुखों के वार्षिक सम्मेलन का आयोजन 29-31 जुलाई, 2019 तक
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में किया गया। इस सम्मेलन में 100 दिनों की कार्य योजना को लागू करने तथा प्रधानमंत्री के नए भारत के साथ डाक विभाग के पांच वर्षीय विजन को जोड़ने का निर्णय लिया गया।
सम्मेलन के दौरान लिए गए प्रमुख निर्णय निम्न हैं-
- ई-व्यापार, ई-प्रशासन तथा वित्तीय समावेश को समर्थन देने के लिए देश के 1.55 लाख डाक घरों (ग्रामीण क्षेत्रों के 1.29 डाक घर शामिल) के डिजिटल नेटवर्क को मजबूत करना।
- ई-व्यापार उद्योग को स्तर-2 और स्तर-3 के शहरों तक पहुंचाने के लिए अवसंरचना विकसित करना। इसके लिए 190 पार्सल हब, 80 वितरण केन्द्रों तथा देश स्तर पर सड़क परिवहन नेटवर्क में निवेश करना।
- एसएमई आधारित निर्यात को बढ़ाने के लिए सीमा शुल्क क्लीयरेंस की सुविधा वाले विदेशी डाक घरों के नेटवर्क का विस्तार करना।
- डाक घरों में बैंकिंग, बीमा, डीबीटी, बिल और कर भुगतान आदि के लिए साझा सेवा केन्द्रों के साथ समझौता करना।
- देश के सभी आकांक्षी जिलों में पासपोर्ट सेवा केन्द्र खोलना।
- डाक घरों के 13,352 आधार पंजीयन और अद्यतन केन्द्रों के नेटवर्क को मजबूत बनाना।
- भर्ती परीक्षाओं को स्थानीय भाषाओं में संचालित करना, ताकि विभाग और ग्रामीण डाक सेवक अधिक कुशलता के साथ कार्य कर सके।
- इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) को लघु वित्त बैंक (एसएफबी) के रूप में परिवर्तित करना ताकि व्यक्तियों व लघु उद्यमों को ऋण आसानी उपलब्ध हो सके।
- आईपीपीबी में 100 दिनों के अंदर 1 करोड़ खातों के लक्ष्य को प्राप्त करना।
- विभाग के डाक जीवन बीमा और ग्रामीण डाक जीवन बीमा योजनाओं की पुनर्संरचना करना।
केन्द्रीय संचार मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने वीडियो क्रॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के ‘नए भारत’ पहल को समर्थन देने के लिए डाक विभाग कृत संकल्प है। उन्होंने डिजिटल इंडिया को मजबूत बनाने के लिए मंडल डाक प्रमुखों से प्रौद्योगिकी अपनाने का आग्रह किया। इसके लिए कृत्रिम बुद्धिमता, आईओटी और क्लाउड कम्प्यूटिंग का उपयोग किया जाना चाहिए। डाक विभाग को ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी भारत में ई-व्यापार की मांग को पूरा करने के लिए अवसरों का उपयोग करना चाहिए। विभाग को महात्मा गांधी द्वारा पत्र शक्तिशाली उपयोग को याद करना चाहिए और इन सुधारों के रूप में 2 अक्टूबर, 2019 को राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती के अवसर पर उचित श्रद्धांजलि देनी चाहिए।