लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) के तहत प्रदेश हर जनपद में स्थापित होने वाले सामान्य सुविधा केन्द्र (सीएफसी) के बारे में विभागीय अधिकारी ग्राउंड लेवेल पर जाकर उद्यमियों को योजना के संबंध में अवगत करायंे और इसकी उपयोगिता के महत्व से उन्हें पूरी तरह परिचित भी करायें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की यह महात्वाकांक्षी योजना है, जो सीधे स्वरोजगार से जुड़ी हुई है।
डा0 सहगल आज कैसरबाग बाग स्थित निर्यात प्रोत्साहन भवन में प्रतापगढ़, मऊ और इटावा जनपद में सीएफसी स्थापित करने वाले उद्यमियों के साथ वार्ता कर रहे थे। इस मौके पर इन जनपदों के जिला ग्रामोद्योग अधिकारी भी मौजूद थे। उन्हांेने जनपदों से आये उद्यमियों को सामान्य सुविधा केन्द्र की उपयोगिता और उनके बेहतर संचालन के बारे में विस्तार से अवगत कराते हुए कहा कि स्वरोजगार केन्द्र इन सबसे उपयोगी केन्द्रों को बनाने के लिए सरकार कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि प्रतापगढ़ आंवला उत्पादन का सबसे बड़ा केन्द्र है। यहां आंवला आधारित उद्योगों के विकास की व्यापक संभावनाएं है और इसी ओ0डी0ओ0पी0 के तहत रोजगार के व्यापक अवसर सृजित हो सकते हैं। उद्यमियों को इस उद्योग से अधिकाधिक लोगों को जोड़ने का प्रयास करना चाहिएा। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि मऊ जनपद में हथकरघा उत्पाद का बहुत व्यापक क्षेत्र मौजूद है। यहां के बुनकरों को सीएफसी से जोड़कर इस व्यवसाय को बड़ा व्यवसायिक रूप दिया जा सकता है। इटावा से आये उद्यमियों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस जनपद का दरी उद्योग हमेशा से एक विशेष स्थान रखता आया है। उन्होंने उद्यमियों को सीएफसी के माध्यम से कारीगरों को बेहतर उच्च तकनीकी की सुविधा सुलभ कराने पर विशेष बल दिया है।
डा0 सहगल ने जनपदीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि चिन्हित ओडीओपी उत्पादों का विधिवत अध्ययन कर पूरी संस्तुति सहित सीएफसी की स्थापना का प्रस्ताव उपलब्ध करायें। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि सीएफसी के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल्स (एसपीवी) में उन्हीं लोगों को सदस्य के रूप में शामिल किया जाय, जो ओडीओपी से जुड़े हो। इसमें कम से कम 250 कारीगर शामिल होने चाहिए। उन्होंने ग्रामोद्योग अधिकारियों को निर्देशित किया कि एस0पी0वी0 द्वारा प्रस्तुत किये गये प्रस्तावों और कारीगरों की सूची के सत्यापन की पूरी जिम्मेदारी उनकी होगी।
प्रमुख सचिव ने कहा कि प्रदेश में अनेक ऐसे ओडीओपी उत्पाद हैं, जिनके निर्यात की व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के निर्यातपरक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आॅनलाइन मार्केंटिंग कम्पनी ई-बे के साथ एमओयू किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। ई-बे कम्पनी के प्रतिनिधियों ने आज प्रदेश के एमएसएमई उत्पादों के निर्यात से संबंधित एक प्रेजेंटेशन भी दिया।