लखनऊः सौर ऊर्जा वर्तमान समय की जरूरत है। सौर ऊर्जा से जहां एक तरफ बिजली की दर में कमी आएगी वहीं दूसरी तरफ स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करके पर्यावरण का संरक्षण भी किया जा सकेगा साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार सृजन की अपार संभावनाओं को भी बढ़ावा मिल सकेगा।यह विचार प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने आज यहां लखनऊ विश्वविद्यालय के परिसर में सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया, भारत सरकार का एक उपक्रम की रेस्को परियोजना के अंतर्गत एच0एफ0एम0 सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित 01 मेगावाट की सौर ऊर्जा संयंत्र के लोकार्पण के अवसर पर व्यक्त किया।
डॉ दिनेश शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि कार्यस्थल पर काम करने के लिए जरूरी समस्त आधारभूत आवश्यक सुविधाएं होने से वहां के कर्मचारियों के कार्य करने की क्षमता में वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में पठन-पाठन के साथ-साथ खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियां तथा शिक्षा से जुड़ी अन्य गतिविधियों को भी बढ़ावा दिए जाने पर जोर दिया जाना चाहिए जिससे बच्चों का समग्र विकास हो सके।
उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने इस अवसर पर बताया कि शिक्षा को रोजगार के साथ जोड़ने के संबंध में आईटी विभाग के साथ बैठक हुई थी, इसमें एचसीएल का लखनऊ में माध्यमिक शिक्षा परिषद के साथ अनुबंध हुआ। इसके तहत यूपी बोर्ड के जो परीक्षार्थी इंटरमीडिएट की परीक्षा में 70 प्र्रतिशत अंक ले आएंगे उन्हे एचसीएल में नौकरी मिलेगी। इसका लाभ लखनऊ और उसके आसपास के इलाकों के छात्रों को मिलेगा इन विद्यार्थियों को कंपनी 15 माह का प्रशिक्षण देगी इस दौरान प्रति महिना ₹10000 भी दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि एचसीएल ने एम0 लार्निंग प्रोग्राम के तहत राजस्थान के विडला इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी एंड साइंसए पिलानी से अनुबंध किया है जो नौकरी के साथ.साथ छात्र-छात्राओं को उच्च डिग्री भी हासिल करने में सहयोग देगा वह भी आधी फीस पर।
आज वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के लखनऊ विश्वविद्यालय ने देशभर में एक अहम मुकाम हासिल किया है। बिजली की खपत को कम तथा स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सौर उर्जा पैनलों को स्थापित करने की परियोजना सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया यसेकीद्ध भारत सरकार के निर्देशानुसार एच0एफ0एम0 सोलर पॉवर प्रा0लि0 नई दिल्ली ने मई 2018 में स्थापित करना शुरू किया था। ज्ञातव्य है कि इस सौर परियोजना से प्रतिदिन लगभग 3900 यूनिट उत्पन्न होगी तथा लखनऊ विश्वविद्यालय को वर्तमान दर से आधे से भी कम में बिजली मिलेगी। जिससे विश्वविद्यालय को प्रति वर्ष लगभग 80 लाख रुपए का बचत होगा। इस सौर ऊर्जा प्लांट का संचालन और रखरखाव एच0एफ0एम0 सोलर कंपनी के द्वारा अपने खर्च पर 25 वर्ष तक किया जाएगा और इसका लाभ विश्वविद्यालय को 25 वर्ष तक ₹3.91 की निर्धारित दर से मिलता रहेगा।