लखनऊ: उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ को उनके कार्यालय तथा मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल को इन्दौर सर्किट हाउस पर भेंटकर प्रयागराज में होने वाले कुम्भ-2019 में भाग लेने का न्यौता दिया तथा उन्हे कुम्भ प्रतीक लोगो एवं कलश भेंट किया।
इस अवसर पर आयोजित प्रेसवार्ता में उप मुख्यमंत्री ने प्रेसवार्ता में उपस्थित सभी प्रेस प्रतिनिधियों को भी कुम्भ-2019 का निमन्त्रण देते हुये कहा कि कुम्भ भारत की महान परम्परा का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि कुम्भ के माध्यम से हर किसी को भारतीय संस्कृति एवं परम्पराओं से जुड़ने का अवसर प्राप्त होता है। यही कारण है कि राज्य सरकार भव्य और दिव्य आयोजन कर कुम्भ आने वाले सभी श्रद्धालुओं को सभी प्रकार की सुविधायें उपलब्ध कराने के लिये संकल्पित है। श्री मौर्य नेकहा कि मा0 प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री जी के प्रयासों से जनमानस की भावनाओं के अनुरूप प्रयागराज नामकरण कर ऐतिहासिक एवं पौराणिक प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि कुम्भ मेले में 192 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। अभी तक 71 देशों के राजदूत मेले की तैयारियों को देख चुके हैं इस भव्य आयोजन पर 2013 के कुम्भ में व्यय हुये 1214 करोड़ रुपये के सापेक्ष कुम्भ 2019 में 4300 करोड़ खर्च कर श्रद्धालुओं के लिये सभी सुविधाएं उच्च स्तर की उपलब्ध करायी जा रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये मेला क्षेत्र में 22 पार्टून पुलों का निर्माण कराये जाने के साथ ही लगभग 250 किमी0 सड़कें बनायी गयी। अविरल एवं निर्मल गंगा के लिये हर सम्भव कदम उठाये गये हैं।
उप मुख्यमंनी ने कहा कि देश में चार स्थलों पर कुम्भ का आयोजन होता है जिसमें प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुम्भ अपने आप में देश एवं दुनिया के लिये अलग ही आकर्षण रखता है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में कुम्भ के आयोजन को प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से यूनेस्कों द्वारा विश्व धरोहर के रूप में सम्मान दिया गया है। ‘‘मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी जी ने 18 दिसम्बर, 2018 को प्रयागराज में गंगा मइया का पूजन कर कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को रक्षा मंत्रालय के सहयोगसे साढ़े चार सौ वर्ष में प्रथम बार अक्षय वट और सरस्वती कूप के दर्शन सुलभ कराने की घोषणा की श्री मौर्य ने कहा कि कुम्भ का मुख्य आयोजन त्रिवेणी संगम में होता है। कुम्भ के माध्यम से भारतीय संस्कृति एवं उन्नत जीवन और आचार विचार से दुनिया को परिचित कराने का प्रयास इस आयोजन का लक्ष्य है।