नई दिल्ली: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग और स्कूल ऑफ प्लानिंग ऑफ आर्किटेक्चर, दिल्ली के बीच आज एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। सुगम्य बनाए गए रेलवे स्टेशनों में से 10 प्रतिशत स्टेशनों की सुगम्यता परीक्षण के लिए इस समझौता ज्ञापन पर दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की सचिव श्रीमती शकुंतला डी. गैमलिन तथा स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के निदेशक डॉ. पी.एस. एन राव ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग तथा स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
25 राज्यों में 70 स्टेशनों का सुगम्यता परीक्षण 6 महीनों के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। पहले चरण में 15 महत्वपूर्ण स्टेशनों का सुगम्यता परीक्षण किया जाएगा। दूसरे और तीसरे चरण में 25 तथा 30 स्टेशनों का सुगम्यता परीक्षण होगा।
परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त होने पर रेल मंत्रालय स्टेशनों की सुगम्यता में और आवश्यक सुधार के लिए कदम उठाएगा।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के तत्वावधान में सुगम्य भारत अभियान (एआईसी) का शुभारंभ 3 दिसंबर 2015 को प्रधानमंत्री ने किया। इस अभियान का विजन दिव्यांगजनों के लिए बाधा रहित माहौल बनाना है। इस अभियान का क्रियान्वयन वातावरण बनाने, परिवहन प्रणाली तथा सूचना और संचार व्यवस्था पर आधारित है और तीनों प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के आवश्यक पहलू हैं।
साधारण जन रेलवे का उपयोग महत्वपूर्ण परिवहन साधन के रूप में करते हैं। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग रेलवे प्लेटफॉर्मों, टिकट काउंटरों, शौचालयों तथा रेल भवनों को सुगम्य बनाने में रेल मंत्रालय के साथ सहयोग कर रहा है। रेल मंत्रालय ने दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग को बताया है कि सुगम्य भारत अभियान के अंतर्गत 709 प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से 639 स्टेशन सुगम्य बनाए गए हैं।