मुंबई: वुमन राइट्स एक्टिविस्ट तृप्ति देसाई गुरुवार सुबह पुलिस सुरक्षा में मुंबई स्थित हाजी अली दरगाह गईं और दुआ मांगी। दरगाह से वापस आने के बाद उन्होंने कहा कि मैंने महिलाओं के मज़ार तक जाने के लिए दुआ मांगी।
मुंबई से स्थानीय पत्रकार अश्विन अघोर ने बीबीसी को बताया कि देसाई दरगाह में वहीं तक गईं, जहां तक महिलाओं को जाने की इजाज़त है। अश्विन अघोर ने देसाई के हवाले से कहा कि वो ‘किसी दिन बिना बताए, दरगाह की मज़ार तक चली जाएंगी।’
देसाई ने दरगाह के ट्रस्टियों से अनुरोध किया कि वो मज़ार तक महिलाओं का जाना सुनिश्चित करें, नहीं तो वो 15 दिन बाद फिर हाज़ी अली दरगाह आएंगी। उन्होंने कहा कि उनके आंदोलन के पीछे किसी तरह का राजनीतिक मक़सद नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह महिलाओं के अधिकार का आंदोलन है और इसे वो करती रहेंगी।
देसाई ने पहले महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित शनी शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी के खिलाफ अभियान चलाया था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने दख़ल देकर मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश और पूजा करने का अधिकार सुनिश्चित कराया था।
इसके बाद तृप्ति देसाई ने हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश के लिए आंदोलन चलाने की बात कही थी। इस दरगाह में 2011 तक महिलाओं को मज़ार तक जाने की इजाजत थी, बाद में दरगाह ट्रस्ट ने इस पर रोक लगा दी। मज़ार तक जाने देने पर रोक के ख़िलाफ़ बॉम्बे हाई कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गई है।
साभार बीबीसी हिन्दी