लखनऊ: अन्तर्राष्ट्रीय सोलर एशोसिएसन (आई.एस.ए.) के सदस्य 39 देशों के उच्चायुक्तों/राजदूतों के प्रतिनिधि मण्डल के समक्ष अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, एनटीपीसी, ईईएसएल द्वारा प्रस्तुतीकरण किया। श्री ब्रजेश पाठक आज गोमतीनगर स्थित विद्युत नियामक आयोग के नवनिर्मित भवन परिसर में सम्बोधित करते हुए यह बताया कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में वर्ष 2022 तक 10700 मेगावाट के महत्वाकांक्षी लक्ष्य का निर्धारण करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने दिसम्बर 2017 में सौर ऊर्जा नीति बनाई है जिसके अन्तर्गत निवेशकर्ताओं को विभिन्न प्रकार की सुविधाएॅ प्रदान की गई है। उन्होने यह भी बताया कि सौर ऊर्जा से उत्पादित विद्युत का शत-प्रतिशत क्रय विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा किया जाएगा। उन्होने यह भी बताया कि अब तक 1050 मेगावाट की बिडिंग करते हुए निजी निवेशकर्ताओं से प्रस्ताव प्राप्त किए गए हैं।
इस अवसर पर अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि ऊर्जा की खपत एवं उत्पादन विकास का मुख्य आधार है। उत्तर प्रदेश मानव शक्ति एवं भौगोलिक रूप से देश में अग्रणी स्थान रखता है, जिसके कारण विकास एवं औद्योगीकरण में अक्षय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से बड़े पैमाने पर ऊर्जा उत्पादन विशेषकर सौर एवं बायो ऊर्जा से असीमित संभावनायें है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर घर को बिजली प्रदान करने के लिए कृत संकल्प है। प्रत्येक व्यक्ति की ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति को ध्यान में रखते हुए हमारी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘‘पावर फार आॅल’’ का लक्ष्य रखा है तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने सरकार में आने के साथ ही ‘‘पावर फार आॅल’’ का महत्वपूर्ण डाक्यूमेन्ट हस्ताक्षरित किया है।
श्री पाठक ने कहा कि जिन गांवों में विद्युतीकरण नहीं हुआ है उनकों सौभाग्य योजना के तहत सौर ऊर्जा से विद्युतीकरण किया जा रहा है। गांव एवं बाजार में सोलर स्ट्रीट लाइटें लगायी जा रही है, जिससे गांव व बाजार प्रकाशमय हो रहा हैं।
प्रमुख सचिव, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग श्री आलोक कुमार ने प्रतिनिधि मण्डल का स्वागत करते हुए यह बताया कि इनोवेटिव परियोजना के रूप में प्रदेश में 150 मेगावाट क्षमता के फ्लोटिंग सोलर पावर प्लाण्ट की स्थापना कराया जाना प्रस्तावित है जिसके लिए निविदा आदि की प्रक्रिया लगभग पूर्ण हो चुकी है।