देहरादून: वाणिज्यकर आयुक्त दिलीप जावलकर द्वारा बिल्डर्स और डेवलपर्स के लिए ’सेल टैक्स कम्पाउण्ड स्कीम’ के सम्बन्ध में रिंग रोड स्थित वाणिज्य कर निदेशालय में उत्तराखण्ड रियल एस्टेट डेवलपर्स एवं बिल्डर्स के साथ बैठक सम्पन्न की।बैठक में उन्होने कहा कि चैदहवें वित्त आयोग की रिपोर्ट में फडिंग पैटर्न में बदलाव के कारण राज्य को अपने रिसोर्सेस से पंूजी जूटानी है तथा डेवलपर्स के सर्वे में पक्के बिल, रजिस्टेªशन तथा टैक्स से सम्बन्धित कई कमिया सामने आने के कारण राज्य सरकार द्वारा बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स के लिए वर्ष 2012 से टैक्स निर्धारण हेतु 23 जुलाई 2015 को ’कम्पाउण्डिग स्कीम’ लांच की है, जिसके तहत प्रदेश के अन्दर व्यापारियों से खरीद कर निर्माण सम्पत्ति के अन्तरण पर 1 प्रतिशत् टैक्स तथा अन्य प्रदेश से खरीद पर 3 प्रतिशत् की दर से कर वसूली का प्रावधान रखा गया है। उन्होने कहा इस स्कीम के सम्बन्ध में बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स के लिए व्यक्तिगत व्यापार या अन्य प्रकार से इस माॅडल से यदि किसी को अपना कोई सुझाव एवं आपत्तियां प्रकट करनी हैं तो वे बैठक रख सकते हैं, जिसे शासन के सम्मुख रखा जायेगा।
बैठक में रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिशन के सदस्यों द्वारा अपनी आपत्तियां एवं सुझाव साझा किये गये जिसमें सदस्यों ने टैक्स निर्धारण को वर्ष 2012 के स्थान पर 2015 से नई नियमावली लागू करने तथा 2012 से 2015 के बीच सभी स्थानीय एवं टैक्स वसूली पर छूट दी जाए तथा बाहरी खरीद पर समान रूप से 1 प्रतिशत् की दर से टैक्स वसूलने की मांग रखी। इसके अतिरिक्त सदस्यों ने सब-डेवलपर्स द्वारा बाहरी खरीद करने पर बिल्डर्स पर टैक्स के भार से छुटकारा दिये जाने का सुझाव रखा।
वाणिज्यकर आयुक्त जावलकर ने कहा कि बैठक में बिल्डर्स एवं डेवलपर्स द्वारा दिये गये सुझाव एवं आपत्तियों को शासन के सम्मुख रखा जायेगा जिस पर शासन अंतिम निर्णय लेगा। उन्होने कहा पूर्व नियमावली में टैक्स निर्धारण के सम्बन्ध में जटिलताएं होने के कारण कई प्रकरण लम्बित है, जिनका नई नियमावली लागू करने से निस्तारण सम्भव हो पायेगा।
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