लखनऊ: अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने आज लोक भवन स्थित मीडिया सेन्टर में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जी ने नोवल कोरोना वायरस के उपचार हेतु जिला अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाने, कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाये जाने की तैयारी करने एवं एल-1 व एल-2 अस्पतालों में भी आॅक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि एल-1, एल-2 व एल-3 डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों का क्षमता विस्तार किया जाए। उन्होंने पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। प्रदेशवासियों को आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं सुलभ होना आवश्यक है। इसके दृष्टिगत, सभी प्रकार के सुरक्षात्मक उपाय अपनाकर राज्य में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं तत्काल बहाल की जाएं। मेडिकल इंफेक्शन को रोकने के लिए आवश्यक है कि बचाव के सभी उपाय अपनाये जाएं। उन्होंने कहा है कि आपातकालीन चिकित्सा के दौरान मेडिकल इंफेक्शन रोकने के लिए स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभागों द्वारा हर सम्भव कदम उठाये जाएं। डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाये जाने पर बल देते हुए उन्होंने कोविड अस्पतालों और नाॅन कोविड अस्पतालों को अलग-अलग परिसरों में बनाये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के सभी 52 मेडिकल काॅलेजों में कोविड अस्पताल बनाया जाए। जिन जनपदों में मेडिकल काॅलेज नहीं हैं, वहां जिला चिकित्सालय को कोविड अस्पताल बनाया जाए। कोविड और नाॅन कोविड अस्पतालों के लिए प्रोटोकाॅल भी तय किया जाए।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि लाॅकडाउन व्यवस्था का प्रभावी पालन सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि 01 मई, 2020 से जरूरतमन्दों के लिए खाद्यान्न वितरण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। मण्डी खुले स्थानों में लगवायी जाए तथा इनमें सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाए। होम डिलीवरी में लगे लोगों का मेडिकल टेस्ट भी कराया जाए। प्रत्येक जनपद में 15,000 से 25,000 क्षमता के क्वारंटीन सेण्टर तथा आश्रय स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। क्वारंटीन स्थलों पर अच्छे व पर्याप्त भोजन एवं पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि प्रदेश में अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों को अवश्य क्वारंटीन कराया जाए। क्वारंटीन में भेजने से पूर्व सभी श्रमिकों की मेडिकल जाँच भी सुनिश्चित करायी जाए। हाॅटस्पाॅट इलाकों में केवल होम डिलीवरी, स्वास्थ्य व सेनिटाइज़ेशन से सम्बन्धित कर्मियों के आने-जाने की अनुमति दी जाए। हाॅटस्पाॅट क्षेत्रों में प्रत्येक घर को सेनिटाइज़ कराया जाए।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा जनपद प्रयागराज में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से अध्ययनरत छात्र-छात्राओं जिनकी संख्या लगभग 09-10 हजार है, उन्हें जनपद प्रयागराज रोडवेज की लगभग 300 बसों से चरणबद्ध रूप में उनके गृह जनपद में भेजे जाने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के क्रम में प्रथम चरण में सोनभद्र, मिर्जापुर, चन्दौली, वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, फतेहपुर, चित्रकूट के छात्र एवं छात्राओं को भेजा जायेगा। द्वितीय चरण में इन्हीं 300 बसों से अन्य विभिन्न जनपदों के छात्र एवं छात्राओं को उनके गृह जनपदों में भेजा जायेगा। छात्र एवं छात्राओं की सुरक्षा के दृष्टिगत प्रत्येक बस में एक पुलिस आरक्षी गन्तव्य स्थान तक साथ में जायेगा। बसों की व्यवस्था छात्र एवं छात्राओं के लिए अलग-अलग रहेगी। मुख्यमंत्री जी ने यह भी निर्देश दिये हैं कि प्रयागराज में रह रहे अन्य प्रदेशों के छात्र-छात्राओं को उनके प्रदेश सरकार द्वारा बुलाये जाने पर यथासंभव उन्हें भी भेजने की अनुमति प्रदान की जायेगी। श्री अवस्थी ने बताया कि अब तक हरियाणा राज्य में रह रहे उत्तर प्रदेश मूल के 12 हजार से अधिक श्रमिकों को प्रदेश में लाया गया है। जिसमें कल हरियाणा राज्य की 328 बसों के माध्यम से 9992 श्रमिकों को उत्तर प्रदेश में पहुंचाया गया तथा पूर्व में 82 बसों के माध्यम से लगभग 2224 श्रमिकों को उत्तर प्रदेश में लाया गया है। प्रदेश की सीमा से मेडिकल जांच के उपरान्त यूपीएसआरटीसी की 349 बसों के माध्यम से इन सभी श्रमिकों को उनके गृह जनपदों में भेजते हुए क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है।
श्री अवस्थी ने बताया कि कोविड-19 से बचाव व उपचार के सम्बन्ध में चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ के समुचित प्रशिक्षण पर बल देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि सभी जनपदों में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के स्तर के अधिकारी को चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी दी जाए। उन्होंने कहा है कि डिग्री व इण्टर काॅलेजों के प्रधानाचार्याें व शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जाए। इससे ये लोग आमजन को जागरूक कर सकेंगे। उन्होंने प्रधानाचार्याें सहित बेसिक, माध्यमिक, उच्च व तकनीकी शिक्षा से जुड़े लोगों को भी प्रशिक्षित किये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा है कि बड़ी संख्या में लोगों के प्रभावी प्रशिक्षण के लिए एक कार्यक्रम तैयार किया जाए। इसके लिए आवश्यकतानुसार मोबाइल एप विकसित कराया जाए। इससे जनसामान्य को ओ0पी0डी0 की भांति चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त होने लगेंगी। इसके लिए ऐसे चिकित्सकों की सूची बनाकर जारी की जाए, जो आमजन को दूरभाष पर चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध करा सकें।
श्री अवस्थी ने बताया कि प्रदेश के हाॅटस्पाॅट क्षेत्रों को छोड़कर वर्तमान में 7,425 औद्योगिक इकाईयों को क्रियाशील किया गया है, जिनमें लगभग 1.32 लाख श्रमिक कार्यरत है। यूपीडा द्वारा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना पर 5064 श्रमिक, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना में 4481 श्रमिक व गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना में 492 श्रमिक कार्य कर रहे हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा 184 कार्यों को प्रारम्भ किया गया है, जिसमें 4370 श्रमिक कार्यरत है। ग्रामीण पेयजल आपूर्ति की 27 परियोजनाओं का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। 31,402 कामन सर्विस सेन्टर में 62804 व्यक्ति कार्यरत है। प्रदेश में कार्यशील 12,027 ईंट-भट्ठों पर 5,72,966 श्रमिक कार्यरत हैं। मनरेगा के श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। 24,567 ग्राम पंचायतों में संचालित परियोजनाओं में 6,25,361 अकुशल श्रमिक कार्यरत हैं और 51919 कार्य मस्टररोल पर प्रारम्भ हो चुके हैं।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के समस्त जनपदों में मेडिकल इन्फेक्शन प्रिवेन्शन प्रोटोकाॅल का अनुपालन सुनिश्चित किये जाने हेतु अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जा रहा है। प्रदेश के 59 जिलों से अब तक 1955 कोरोना पाॅजिटिव के मामले सामने आए हैं, जिसमें से 50 जनपदों में 1589 मामले एक्टिव हैं। प्रदेश के 17 जनपदों में कोरोना संक्रमण का कोई भी मामला सामने नहीं आया है तथा वर्तमान में 09 जनपद कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गये हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 335 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं। प्रदेश में अब तक लगभग 59 हजार लोगों के सैम्पल टेस्ट किये गये हैं। 1784 लोगों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है जिसमें से 15 मरीजों को आॅक्सीजन दी जा रही है, कोई भी मरीज वेंटीलेटर पर नहीं है। 11,363 लोगों को फैसिलिटी क्वारेंटाइन में रखा गया है।