लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शास्त्री भवन में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सांसद आदर्श ग्राम योजना की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत ग्रामों में विकास और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं। उन्होंने कहा कि यह योजना वर्ष 2014 में प्रारम्भ की गई थी, जिसके तीन चरण हो चुके हैं। तीसरे चरण के तहत भी गांवों का चयन हो चुका है। उन्होंने कहा कि इन गांवों को प्राथमिकता के आधार पर बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त किया जाए।
जिलाधिकारी व सी0डी0ओ0 सांसदों से अनुरोध कर नियमित समीक्षा, बैठकें आयोजित कराएं। मानकों के अनुसार इन गांवों का विकास सुनिश्चित हो। प्रभारी मंत्री के लिए भी इन गांवों का भ्रमण करने की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि इन गांवों के सम्बन्ध में विस्तृत समीक्षा फिर से की जाएगी। जिन जनपदों में अभी तक गांवों का चयन नहीं हो पाया है, उनका चयन करते हुए वहां पर सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि इन गांवों में कनेक्टिविटी का विशेष ध्यान रखा जाए। स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण पर भी जोर देते हुए गांवों को खुले में शौच मुक्त किए जाने की कार्यवाही हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लाभार्थियों को पेंशन का शत-प्रतिशत वितरण सुनिश्चित हो। राशन कार्ड का वितरण किया जाए। आवास की व्यवस्था भी सुनिश्चित हो। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत लोगों के खाते खुलवाए जाएं। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, कौशल विकास योजनाओं का लाभ इन गांवों के सभी पात्र लाभार्थियों को प्रदान किया जाए। इन गांवों में विद्युतीकरण व कनेक्टिविटी का कार्य प्राथमिकता के स्तर पर सुनिश्चित किया जाए। मनरेगा, सौभाग्य योजना का भी लाभ इन गांवों के लोगों को मिले।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि इन गांवों के सभी बच्चे स्कूलों में के स्कूलों में जाने की व्यवस्थाएं की जाएं। साक्षरता का प्रतिशत बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण का कार्य विशेष अभियान चलाकर किया जाए। गांवों में जन-जागरूकता बढ़ाए जाने के भी प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारी इन गांवों का भ्रमण सुनिश्चित करें। इन गांवों में स्वयं सेवा समूह बनाकर महिलाओं में स्वावलम्बन व आत्मनिर्भरता बढ़ाए जाने का कार्य भी किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकरी व्यक्तिगत रुचि लेकर इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर करें।
इस अवसर वित्त मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव नियोजन श्री दीपक त्रिवेदी, अपर मुख्य सविच लोक निर्माण श्री संजय अग्रवाल, प्रमुख सचिव वित्त श्री संजीव कुमार मित्तल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री अनुराग श्रीवास्तव,व अन्य सभी सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।