पिथौरागढ़/देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जनसमस्याओे के त्वरित समाधान तथा क्षेत्रीय विकास से सम्बन्धित योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये अधिकारियों से आपसी समन्वय के साथ कार्य करने की अपेक्षा की है। उन्होंने जनपद व शासन स्तर पर भी अधिकारियों से बेहतर समन्वय की अपेक्षा की है। बेहतर समन्वय तथा आपसी तालमेल से ही अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकेंगे।
शनिवार को देर रात तक विकास भवन सभागार पिथौरागढ़ में जनपद स्तरीय अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने सभी अधिकारियों से बीडीसी एवं जिला पंचायत आदि की मासिक बैठकों में अनिवार्य रूप से उपस्थित होने को कहा है। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि इस प्रकार बैठकों का पूरा विवरण भी उन्हें उपलब्ध कराया जाए। विवरण में यह भी स्पष्ट किया जाय कि कितनी बैठके आयोजित हुई, कौन कौन अधिकारी उसमें उपस्थित हुए। ग्रामीण क्षेत्रों तक योजनाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने सम्बन्धी प्रयासों का भी विवरण में जिक्र किया जाए। अधिकारी ये समझ ले कि सभी लोग उनकी कार्य संस्कृति से संतुष्ट नहीं हैं। इसके लिये उन्हें जनता के बीच जाना होगा उनकी समस्या समझनी होगी उनकी तकलीफों को दूर करने में मददगार बनना होगा। अधिकारीगण विभागों के प्रति उठने वाले सवालों का समाधान ढूंढे। उन्होंने जनपद स्तर पर जनसमस्याओं के निराकरण के लिये विकसित किये गए प्रयासों की भी विभागवार जानकारी प्राप्त की। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि प्राप्त शिकायतों के निराकरण के लिये पारदर्शी प्रयास हो, समाधान के तहत निस्तारित शिकायतों के सम्बन्ध में डीएम, सीडीओ व एडीएम संयुक्त रूप से स्थिति का आंकलन करें। डीएम व सीडीओ कम से कम 10 व 15 प्रतिशत प्रकरणों की आकस्मिक जांच भी करें। भूमि सम्बन्धी विवादों के निस्तारण में तेजी लाने के लिए उपजिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिये जाएं व वार्षिक कार्य आकलन में इसे सम्मिलित किया जाए यह जिम्मेदारी भी डीएम की होगी। लोक निर्माण व सिंचाई विभाग, सड़कों व बाढ़ सुरक्षा सम्बन्धी कार्यों में तेजी लाए। ठकेदारों पर प्रभावी नियंत्रण रखें, गुणवत्ता की जांच करें।
सीमांत क्षेत्रों की सड़कों के निर्माण की धीमी प्रगति पर असन्तोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने 22 जून के बाद लोक निर्माण, पीएमजीएसवाई, एडीबी, वल्र्ड बैंक व बीआरओ के अधिकारियों की देहरादून में बैठक बुलाई है। पेयजल योजनाओं को शीघ्र पूर्ण करने के लिये जल निगम व जल संस्थान की कार्यप्रणाली पर भी उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। बाढ़ नियंत्रण सम्बन्धी कार्यों को बरसात से पहले पूर्ण करने के लिए सिंचाई विभाग को भी सख्त हिदायत उन्होंने दी। बिजली विभाग के अधिकारी चरणबद्ध ढंग से पुराने पोलों व तारों को बदलने का कार्य एक अभियान के रूप में चलाएं। कृषि व बागवानी को हुए नुकसान का मुआवजा शीघ्र वितरित करने, कृषि, बागवानी, दुग्ध विकास एवं पशुपालन को एक दूसरे से जोड़कर समेकित योजना क्रियान्वित करने के भी उन्होंने निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जंगली जानवरों से खेती को हो रहे नुकसान को रोकने के लिये बड़े स्तर पर तारबाड़, सुरक्षा दीवार व बन्दरबाड़े बनाने के लिये कार्य योजना बनायी गई है, इस योजना को व्यापक स्तर पर संचालित करने पर लगभग 1200 करोड़ का व्यय अनुमानित है। दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये उन्होंने पिथौरागढ़ व चम्पावत को भी दुग्ध उत्पादक क्षेत्र के रूप में विकसित करने व पिथौरागढ़ में आधुनिक गौशाला एवं दुग्धशाला स्थापित करने के निर्देश दिए। प्रदेश को प्याज उत्पादन क्षेत्र चिन्हित कर इसके भी कलस्टर तैयार किए जाए ताकि नासिक व राजस्थान के प्याज की तरह हम अपना प्याज बाजार में ला सके। महिला स्वयं सहायता समूहों को स्थानीय उत्पादों के विक्रय में भागीदारी सुनिश्चित कराने से यहाॅ आने वाले पर्यटक यहाॅ के उत्पादों को अपने साथ ले जायेगें इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। हर पात्र व्यक्ति को समय पर पेंशन मिलें यह समाज कल्याण विभाग सुनिश्चित करें इसके लिए अभियान चलाया जाए। लोक कल्याण की भावना के अनुरूप ‘‘यह नहीं हो सकता के बजाय यह कैसे हो सकता है’’ यह सोच विकसित की जाय। वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना एवं मेरा गांव मेरा धन योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक लाभार्थी लाभान्वित हो इसके लिये बैंकों को सहयोगी बनाया जाए।
बैठक में राज्यसभा सांसद महेन्द्र सिंह महरा, विधायक मयूख महर, नारायण राम आर्य, अध्यक्ष वन विकास निगम हरीश धामी, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रकाश जोशी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, नगरपालिका अध्यक्ष जगत सिंह खाती, कुमायूं आयुक्त अवनेंद्र सिंह नयाल, डीआईजी कुमायूं पी.एस.सैलाल, जिलाधिकारी सुशील कुमार, मुख्य विकास अधिकारी विनोद गोस्वामी, अपर जिलाधिकारी प्रशांत आर्य, उपजिलाधिकारी सदर अनुराग आर्या, विभिन्न जनप्रतिनिधि सहित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।