लखनऊः भारत सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने आज लोक भवन स्थित मीडिया सेन्टर में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए कहा कि मनरेगा के तहत ऐतिहासिक कार्य किया गया है। मनरेगा के अन्तर्गत सभी जॉब कार्ड धारकों को आधार से जोड़ा जा रहा है, जिससे देश में पारदर्शिता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत वर्ष 2022 तक सबको आवास दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि भारत देश के प्रधानमंत्री जी का विजन है कि 2022 तक सबको आवास दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि आज ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज विभाग की समीक्षा की गयी जिससे इन दोनों विभागों की योजनाओं की प्रगति की बिन्दुवार समीक्षा करते हुए निर्देश दिये गये हैं कि गांव का विकास अवश्य किया जाये, गांव में सड़क बनें और सबको आवास मिले इसी को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जाये। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री जी गांव गरीब के विकास की चिंता करते हुए विभिन्न योजनाएं संचालित करते हुए पूरे देश में विकास कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी देश के विकास को ध्यान में रखते हुए ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज विभाग द्वारा गांव स्तर पर विभिन्न योजनाएं संचालित कर गांव का विकास किया जा रहा है। इसके साथ ही ग्रामीण परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने का भी कार्य किया जा रहा है।
श्री गिरिराज सिंह ने महिलाओं की आमदनी बढ़ाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक महिला की आमदनी एक लाख वार्षिक होनी चाहिए इसको ध्यान में रखते हुए उन्हें कम से कम 8-12 हजार प्रतिमाह का रोजगार दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के माध्यम से सभी छोटे-छोटे कार्य कराये जाए जिससे उनकी आमदनी बढ़ाई जा सके। उन्होंने रसोईघर को टारगेट करते हुए उससे जुड़ी आवश्यक सामग्रियों जैसे मसाला, अदरक, हल्दी का उत्पादन करने, जैविक खाद बनाने तथा हैन्डीक्राप्ट से जुड़े कार्यों को कराने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत देश के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण कार्य बेहतर ढंग से कराया जा रहा है। उन्होंने सड़कों के किनारे अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने पर बल दिया।
ग्राम्य विकास मंत्री श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह’ ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण जीवन के उत्थान के लिए दृढ़संकल्प है तथा इसके लिए निरन्तर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण समाज का ऐसा वर्ग जो लम्बे समय से समाज की मुख्य धारा से अलग रहा है- को मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा गरीब परिवारों को रोजगार, आवास, आधारभूत संरचना एवं आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए महात्मा गांधी नरेगा, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन, ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना आदि संचालित है। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा इन योजनाओं का संचालन पारदर्शी तरीके से करते हुए शासन की मन्शा के अनुरूप गुणवत्ता एवं समयबद्धता के साथ किया जा रहा है।
महात्मा गांधी नरेगा
1. मानव दिवस सृजन- मनरेगा योजना अंतर्गत विगत 5 वर्षों से प्रत्येक वर्ष विगत वर्ष की तुलना में अधिक मानव दिवस सृजित किए गए है। पाँच वर्ष पूर्व वित्तीय वर्ष 2016-17 में कुल 15.70 करोड़ मानव दिवस सृजित किए गए, वही गत वर्ष 39.46 करोड़ मानव दिवस प्रदेश ने सृजित किए। वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 26 करोड़ मानव दिवस का श्रम बजट अनुमोदित किया है, जिसके सापेक्ष दिनाँक 14.09.2021 तक 14.09 करोड़ मानव दिवस सृजन कर लिए गए है।
2016.17 2017.18 2018.19 2019.20 2020.21
सृजित मानव दिवस (करोड़ में) 15ण्70 18ण्15 21ण्21 24ण्44 39ण्46
2. रोजगार प्राप्त परिवारों की संख्या- मनरेगा योजना का लाभ अधिक से अधिक परिवारों को दिया जा सके, इसके लिए सघन अनुश्रवण प्रदेश द्वारा किया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप मनरेगा योजना में कार्य कर रहे है परिवारों में वृद्धि हुई है ।
2017.18 2018.19 2019.20 2020.21 2021.22
रोजगार प्राप्त परिवारों की संख्या (लाख में) 48ण्6 50ण्45 53ण्14 94ण्37 56ण्49
रोजगार प्राप्त श्रमिकों की संख्या (लाख में) 60ण्39 61ण्51 64ण्54 116ण्6 67ण्26
3. 100 दिवसों का पूर्ण रोजगार- मनरेगा अधिनियम ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रहे एक परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिवस का रोजगार प्राप्त करने का अधिकार देता है। कुशल अनुश्रवण एवं बेहतर रणनीति के फलस्वरूप विगत 4 वर्षो में 100 दिवस का पूर्ण रोजगार प्राप्त करने वाले परिवारों की संख्या में वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 20 लाख परिवारों को पूर्ण 100 दिवस का रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है ।
2017.18 2018.19 2019.20 2020.21
100 दिवसों का पूर्ण रोजगार प्राप्त करने वाले परिवारों की संख्या 42517 71992 133059 7ए79ए062
4. व्यक्तिगत लाभार्थी परक कार्य- वित्तीय वर्ष 2017-18 से वित्तीय वर्ष 2020-21 के मध्य आजीविका संवर्धन हेतु कुल 503619 व्यक्तिगत लाभार्थीपरक परिसंपत्तियों का सृजन किया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 05 लाख परिवारों को व्यक्तिगत लाभार्थीपरक कार्यो से आच्छादित किया जायेगा। ग्रामीण परिवारों के आजीविका संसाधनों में वृद्धि हेतु पशु शेड, बकरी शेड, मुर्गी शेड, नेडप कम्पोस्ट्वर्मी कम्पोस्ट आदि का लाभ दिया जा रहा है। योजनान्तर्गत कृषकों को सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु व्यक्तिगत भूमि पर खेत तालाब निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। खेत तालाब में कृषकों द्वारा मत्स्य पालन का कार्य भी किया जा रहा है, जिससे उनकी आजीविका में वृद्धि भी हो रही है ।
2017.18 2018.19 2019.20 2020.21
व्यक्तिगत लाभार्थीपरक कार्यो की संख्या 39631 48830 153047 254533
5. नदियो का पुनरूद्धार-नदियों के पुनरूद्धार के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में 06 नदियों यथा- अरिल नदी, मंदाकिनी नदी, कर्णावती नदी ,वरूणा नदी, मोरवा नदी एवं गोमती नदी का पुनरूद्धार कराते हुए 94.48 कि0 मी0 पर कार्य पूर्ण कराया गया है, जिसमें 442.68 लाख धनराशि व्यय की गयी है।
वित्तीय वर्ष 2019-20 में 19 नदियों यथा-टेढ़ी नदी, मनोरमा नदी, पाण्डु नदी, वरूणा नदी, ससुर खदेड़ी, सई नदी, गोमती नदी, अरिल नदी, मोरवा नदी, मंदाकिनी नदी, तमसा नदी, नाद नदी, कर्णावती नदी, बान नदी, सोत नदी, काली पूर्वी नदी, डाढ़ी नदी, ईशन नदी, बूढ़ी गंगा का पुनरूद्धार कराते हुए 843.84 किमी0 पर कार्य पूर्ण कराया गया है, जिसमें 3523.34 लाख धनराशि व्यय की गयी है।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में 25 नदियों यथा-टेढ़ी नदी, मनोरमा नदी, पाण्डु नदी, वरूणा नदी, ससुर खदेड़ी, सई नदी, गोमती नदी, अरिल नदी, मोरवा नदी, मंदाकिनी नदी, तमसा नदी, नाद नदी, कर्णावती नदी, बान नदी, सोत नदी, काली पूर्वी नदी, डाढ़ी नदी, ईशन नदी, बूढ़ी गंगा, कुंवर, कल्याणी, बेलन, सिरसा, किवाड़, ऊटगन का पुनरूद्धार कराते हुए 1410.81 किमी0 पर कार्य पूर्ण कराया गया है, जिसमें 6706.60 लाख धनराशि व्यय की गयी है।
6. ब्पजप्रमद प्दवितउंजपवद ठवंतक- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से मनरेगा योजनान्तर्गत निर्मित होने वाले परिसम्पत्तियों पर नागरिक सूचना पट्टिका (ब्पजप्रमद प्दवितउंजपवद ठवंतक) का निर्माण किया जा रहा है। इससे स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की आजीविका में संवर्द्धन हो रहा है।
2019.20 2020.21 2021.22
समूह को प्राप्त धनराशि 8 करोड़ 13 करोड़ 26 लाख
7. महिला मेट- महिला सश्क्तिकरण एवं मनरेगा योजनान्तर्गत महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने हेतु लगभग 35000 महिला मेटों के नियुक्ति की जा रही है। आजीविका मिशन के अन्तर्गत निर्मित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का चयन किया गया है। 18,000 से अधिक महिला मेटों की ट्रेनिंग पूर्ण की जा चुकी है।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन
ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन योजना का प्रारम्भ उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017-18 में किया गया है। योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देना, आधारभूत सेवाओं मे वृद्धि करना और सुव्यस्थित रूर्बन क्लस्टरों का सृजन करना है। रूर्बन मिशन योजनान्तर्गत उत्तर प्रदेश के 16 जनपद-चित्रकूट, गाजियाबाद, कुशीनगर, गौतमबुद्ध नगर, फिरोजाबाद, मिर्जापुर, लखनऊ, प्रयागराज, बागपत, बरेली, सोनभद्र, श्रावस्ती, वाराणसी, आगरा, बहराइच एवं महोबा में कुल 19 रूर्बन क्लस्टर्स का सृृजन करते हुए 193 ग्राम पंचायतों में योजना संचालित की जा रही है।
क्लस्टर्स अन्तर्गत सी0जी0एफ0 मद में 14 कम्पोनेन्ट क्रमशः आर्थिक कार्यकलापों से संबद्ध कौशल विकास प्रशिक्षण, कृषि प्रसंस्करण, कृषि सेवा, भंडारण और वेयरहाउसिंग, मोबाइल हेल्थ यूनिट, स्वच्छता, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन, पाइप के जरिए जलापूर्ति, स्ट्रीट लाइट, डिजिटल साक्षरता, एलपीजी गैस कनेक्शन, ग्रामीण गलियां तथा नालियां, विद्यालयों का उन्नयन, गांवों के बीच सड़क संपर्क एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए कलस्टर का विकास किया जाता है।
योजना के क्रियान्वयन में विभिन्न विभागों यथा पंचायतीराज, लघु सिंचाई, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, लोक निर्माण, वन, भूमि विकास एवं जल संसाधन, कृृषि, मत्स्य, सिचांई, रेशम, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, बाल विकास एवं पुष्टाहार, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, परिवहन, खेल-कूद, खाद एवं रसद विभाग, नवीकरणीय ऊर्जा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं कौशल विकास मिशन इत्यादि द्वारा अभिसरण (कन्वर्जेन्स) किया जा रहा है।
योजनाओं के अभिसरण (कन्वर्जेन्स) तथा भारत सरकार द्वारा प्रदत्त क्रिटिकल गैप फण्ड (ब्ळथ्) को सम्मिलित करते हुए 03 चरणों में कुल धनराशि रू0 2080.80 करोड़ की परियोजना तैयार की गयी है, जिसमें कन्वर्जेन्स की धनराशि रू0 1530.45 करोड़ एवं सी0जी0एफ0 की धनराशि रू0 553.79 करोड़ सम्मिलित है।
भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा सी0जी0एफ0 के रूप में अब तक कुल धनराशि रू0 398.18 करोड़ प्राप्त हो चुकी है, जिसके सापेक्ष रू0 281.06 करोड़ का व्यय कर लिया गया है।
योजनान्तर्गत महत्वपूर्ण उपलब्धियां
क्र. सं. कार्य का नाम पूर्ण क्र. सं. कार्य का नाम पूर्ण
1 2 3 1 2 3
1 संपर्क मार्ग /सी.सी. रोड का निर्माण (कि.मी.) 278.45 1 आर0ओ0/सोलर आर0ओ0 प्लांट 116
2 सेलर स्ट्रीट लाइट 12071 2 मिड डे मिल हाल 65
3 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों का जीर्णोंद्धार 579 3 चेक डैम का निर्माण 69
4 स्मार्ट क्लास रूम 212 4 बहुद्देशीय भवन/ मैरिज हाल 47
5 आँगनबाड़ी निर्माण 486 5 स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण/जीर्णोंद्धार 39
श्री मोती सिंह ने कहा कि अन्त्योदय के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में माननीय प्रधानमंत्री जी, भारत सरकार की प्रेरणा एवं प्रदेश के यशस्वी माननीय मुख्यमंत्री जी के कुशल मार्ग दर्शन में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन प्रदेश के समस्त 75 जनपदों के 826 विकास खंडो के ग्रामीण क्षेत्रों की निर्धन महिलाओ को 55 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को 5.6 लाख स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबन बनाने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। ब्व्टप्क्-19 के वर्तमान वैश्विक वातावरण में रोजगार सृजन से लेकर महामारी के बचाव एवं जागरूकता में स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने 1 करोड़ से अधिक मास्क एवं च्च्म् किट आदि का निर्माण करते हुए प्रदेश सरकार के साथ मिलकर एक नयी मिसाल कायम की है। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत अभी तक 361832 स्वयं सहायता समूहों को रिवॉल्विंग फण्ड, 226277 स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि एवं 167895 स्वयं सहायता समूहों को बैंक क्रेडिट लिंकेज से अच्छादित किया जा चुका है। माननीय मुख्यमंत्री जी के कर कमलो से वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में अभी तक 58060 स्वयं सहायता समूहों को 87 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फण्ड, 64350 स्वयं सहायता समूहों को 707.85 करोड़ रुपये का सामुदायिक निवेश निधि तथा 11496 स्वयं सहायता समूहों को 115 करोड़ रुपये की बैंक क्रेडिट लिंकेज से आच्छादित करते हुए विविधीकृत सतत आजीविका कार्यक्रमों से जोड़ा जा चुका है।
माननीय मुख्यमंत्री जी के मार्ग दर्शन से ग्राम स्तर पर वित्तीय सेवाओ को गति प्रदान करने की दिशा में ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं को सुगम, ससमय, त्वरित एवं सहज बनाने और महिला स्वावलंबन हेतु प्रदेश की सभी 58185 ग्राम पंचायतो में एक पंचायत-एक बी0सी0 सखी की पदस्थापना का कार्य प्रारम्भ किया गया है, 56000 बी0सी0 सखी का चयन पूर्ण करते हुए 30040 बी0सी0 सखी को आरसेटी द्वारा प्रशिक्षण एवं 29310 को प्प्ठथ् द्वारा सर्टिफिकेशन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अभी तक 4889 बी0सी0सखी द्वारा कार्य प्रारम्भ करते हुए वर्ष 2020-2021 में 154.40 करोड़ एवं वर्ष 2021-2022 में 159.52 करोड़ रुपये का की धनराशि का ट्रांजेक्शन किया गया है।
विश्व खाद्य कार्यक्रम (ॅथ्च्) के तकनीकी सहयोग से टेक होम राशन (ज्भ्त्) के अंतर्गत 02 इकाईयों की स्थापना पूर्ण करते हुए प्रदेश के 202 विकास-खण्डों में पुष्टाहार निर्माण इकाई की स्थापना प्रक्रियाधीन है। स्वयं सहायता समूह की सदस्यों द्वारा वर्तमान में 1504 उचित दर की दुकानों का संचालन, 42850 सामुदायिक शौचालय का प्रबंधन, 10,743 महिला सदस्यों द्वारा 36 करोड़ रुपये का विद्युत बिल कलेक्शन, आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना अंतर्गत कुल 273 वाहनों का संचालन किया जा रहा है। आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना अंतर्गत वर्ष 2021-22 में कुल 400 वाहन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया प्रगति में है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना अंतर्गत अब तक 1863 सदस्यों को रू0 4.75 करोड़ की धनराशि निर्गत की जा चुकी है।
मनरेगा से अभिसरण के माध्यम से 30,000 से अधिक समूह के सदस्यों को महिला मेट के रूप में चयनित किया गया है। स्टार्ट अप विलेज इंटरप्रुनेर्शिप कार्यक्रम(ैटम्च्) से अभी तक 12104 लघु उद्यमियों को विकसित किया जा चुका है। प्ब्क्ै से अभिसरण द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के 164177 आगंनबाड़ी केन्द्रों पर पुष्टाहार का वितरण तथा आरसेटी के माध्यम से 80000 से अधिक समूह सदस्यों को विभिन्न स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
कृषि आजीविका अंतर्गत 108000 महिला किसान परिवार सतत् कृषि एवं पशुपालन पद्धति पर प्रशिक्षित, 2370 उत्पादक समूहों का गठन कर कृषि उत्पादन के बेहतर विपणन की दिशा में कार्य एवं महिला किसानो को कृषि, वन विभाग से अभिसरण के माध्यम से 11.5 लाख पौधे (सहजन, अमरूद, पपीता, फल-फुल आदि) की 110 नर्सरी यूनिट का गठन किया गया है।
प्रदेश के 05 जनपदों के 34 ग्राम पंचायतों में वनटांगिया समुदाय के 415 समूहों का गठन, 233 समूहों को रिवाल्विंग फण्ड एवं 164 समूह को सी0आई0एफ0 वितरण, 19 जनपदों के 2843 ग्राम पंचायतों में मुसहर समुदाय के 1148 विशिष्ट मुसहर समूहों का गठन, 602 समूहों को रिवाल्विंग फण्ड एवं 291 समूहों को सी0आई0एफ0 एवं 72 समूहों को बैंक क्रेडिट लिंकेज से आच्छादन पूर्ण किया गया है। 3 जनपदों के थारू जनजाति के 371 समूहों का गठन, 227 समूहों को रिवाल्विंग फण्ड एवं 205 समूहों को सी0आई0एफ0 वितरण किया गया है।
प्रदेश सरकार की दूरगामी रणनीति के तहत झांसी एवं महोबा में दलहन एवं मुंगफली वैल्यू चेन अंतर्गत 3 वर्ष में 17000 महिला किसानो को जोड़ने हेतु 18.36 करोड़ रू0, जनपद बदायूं में गेहूं, धान एवं मैन्था की वेल्यू चेन अंतर्गत 3 वर्ष में 14000 महिला किसानो को जोड़े जाने हेतु 16.94 करोड़ रू0, जनपद बांदा, हमीरपुर एवं जालौन में दलहन एवं तिलहन के क्षेत्र में 3 वर्ष में 10912 महिला किसानो को जोड़ने हेतु 13.35 करोड़ रू0 का बजट प्राविधान किया गया है।
¬¬¬¬ बुंदेलखंड क्षेत्र में बालिनी दुग्ध उत्पादक कंपनी की तर्ज पर पूर्वान्चल के 05 जनपदों (सोनभद्र, मिर्जापुर, चन्दौली, गाजीपुर एवं बलिया) में दुग्ध वेल्यू चेन अंतर्गत 3 वर्ष में 35000 महिला किसानो को जोड़ने हेतु 42.23 करोड़ रू0 का बजट प्रविधान करते हुए कार्य तेजी से प्रारम्भ किया जा चुका है। जरी-जरदोजी के क्षेत्र में जनपद बदांयू में कार्य हेतु क्लस्टर विकसित कर 500 महिला आर्टिजन को प्रोत्साहित करने के दिशा में 16.94 करोड़ रू0 का बजट प्रविधान किया गया है।
मा0 मंत्री ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार की गरिमामयी उपस्तिथि में दिनांक 16 सितम्बर 2021 को आयोजित बैठक में मिशन अंतर्गत संचालित आजीविका गतिबिधियो में सक्रिय एवं अन्य महिलाओ के लिए प्रेरणा का कार्य करने वाली जनपद लखनऊ, बाराबंकी, सुल्तानपुर, बहराइच, खीरी, हरदोई एवं उन्नाव की स्वयं सहायता समूह के सदस्यों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण
ऽ योजना 01 अप्रैल, 2016 से लागू।
ऽ प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण का मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा 20 नवम्बर, 2016 को आगरा से प्रदेश में औपचारिक रूप से सुभारम्भ किया गया ।
ऽ योजना के अन्तर्गत सभी बेघर एवं कच्चे तथा जीर्ण-शीर्ण मकानों में रह रहे परिवारों को वर्ष 2022 तक बुनियादी सुविधायुक्त पक्का आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
ऽ सेक सर्वेक्षण-2011 के आधार पर तैयार स्थायी पात्रता सूची में पात्र सभी 14.49 लाख लाभार्थियों को आवास आवंटित करते हुए वर्ष 2019-20 तक स्थायी पात्रता सूची संतृप्त कर दी गयी है।
ऽ सेक सर्वेक्षण-2011 के आधार पर तैयार सूची संतृप्त हो जाने के पश्चात् वर्तमान में आवास प्लस के आधार पर तैयार स्थायी पात्रता सूची से आवास आवंटित किया जा रहा है।
ऽ आवास प्लस से वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में 11.66 लाख लाभार्थियों को आवास निर्माण का लक्ष्य प्रदेश को उपलब्ध कराया गया है, जिसके सापेक्ष वर्तमान में 5.57 लाख आवासों का निर्माण पूर्ण करा लिया गया है, शेष आवास निर्माणाधीन है।
ऽ योजना काल से अब तक 26.15 लाख आवास निर्माण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसके सापेक्ष 19.93 लाख आवास पूर्ण करा लिये गये है, शेष आवास निर्माणाधीन है।
ऽ आवास के लाभार्थियों को मनरेगा से आवास निर्माण के लिए गत वर्षो में औसत 82 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
ऽ आवास के लाभार्थियों को मनरेगा, राष्ट्रीय आजीविका मिशन की गतिविधियों से जोड़ने को प्राथमिकता।
ऽ आवास लाभार्थी को गैस कनेक्शन एवं विद्युत कनेक्शन प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
ऽ पात्र भूमिहीन परिवारों को आवासीय पट्टा उपलब्ध कराते हुए आवासों का निर्माण कराया गया है।
ऽ क्लस्टर में आधारभूत सुविधायुक्त आवासों के निर्माण को प्राथमिकता।
ऽ योजना से पात्र लाभार्थियों को लाभान्वित करते हुए समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की कार्यवाही की जा रही है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
ऽ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का शुभारम्भ तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में 25 दिसम्बर, 2000 को किया गया।
ऽ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में 500 या इससे अधिक आबादी वाले सड़क-सम्पर्क से वंचित मजरों को बारहमासी सड़कों से जोड़ना था, जिसे उत्तर प्रदेश में पूर्ण किया जा चुका है।
ऽ प्रदेश के नक्सल समस्या से प्रभावित जनपदों सोनभद्र, चन्दौली एवं मिर्जापुर में मानक को शिथिल करते हुये 250 या उससे अधिक आबादी वर्ग की बसावटों को बारहमासी मार्गों से जोड़ा जा चुका है।
ऽ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना प्रथम एवं द्वितीय चरण के अन्तर्गत अब तक उत्तर प्रदेश में 57162.55 किमी0 सड़क का निर्माण हो चुका है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित मार्गों का 05 वर्ष तक रख-रखाव (अनुरक्षण) उसी ठेकेदार की जिम्मेदारी होती है। अनुरक्षण का बजट राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
ऽ मार्गों की गुणवत्ता की जांच हेतु त्रिस्तरीय व्यवस्था है, जिसके माध्यम से मार्गों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है।
ऽ मार्गों के उच्चीकरण से ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा बढ़ी है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के आने से उत्तर प्रदेश में किसानों, विद्यार्थियों, युवाओं के साथ ही साथ समस्त ग्रामवासियों को सीधा लाभ मिल रहा है।
ऽ सड़क संचार माध्यमों का सबसे सशक्त माध्यम होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कांे के निर्माण से तरक्की की राह लगातार प्रशस्त हो रही है। प्रदेश के किसान सब्जी, अनाज, दूध इत्यादि को आसानी से मण्डी तक पहंुचा रहे हैं, जिससे उनकी आय मंे बढ़ोत्तरी हो रही है।
ऽ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के निर्माण से गांव-गांव में एम्बुलेंस और अन्य चिकित्सीय सुविधाएं आसानी से पहंुच रही हैं। इसके साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट का भी आवागमन प्रारम्भ हो गया है, जिससे आमजन आसानी से अपने गन्तव्य तक पहुंच रहे हैं।
ऽ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत भारत सरकार से पीरियॉडिक रिनीवल के लिए प्रोत्साहन के रूप धनराशि प्राप्त होती है। पीरियाडिक रिनीवल में 05 वर्ष पूर्ण कर लिये गये मार्गों को शामिल किया जाता है।
ऽ दिनांक 15.09.2021 को मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत रू0 155.00 करोड़ की लागत से 692 मार्ग, लम्बाई 1923 कि0मी0 ग्रामीण मार्गों के रिनीवल कार्य का लोकार्पण किया गया।
ऽ दिनांक 15.09.2021 को मा0 मुख्यमंत्री जी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 तक उत्तर प्रदेश के लिए 18937.05 किमी0 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश में प्रथम बैच के अन्तर्गत रू0 4130.27 करोड़ की लागत से 886 मार्ग, लम्बाई 6208.45 किमी0 के ग्रामीण मार्गों का शुभारम्भ किया गया।
ऽ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, बैच-2 के अन्तर्गत लगभग 6000 किमी0 के डीपीआर तैयार हैं तथा अवशेष 4235 कि0मी0 के डीपीआर तैयार किये जा रहे हैं।
प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि उ0प्र0 में त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाएं सशक्तीकरण विशेष डिजिटलाइजेशन की ओर तेजी से अग्रसर हैं। ग्राम पंचायतों द्वारा किये गये बेहतर कार्यों को ध्यान में रखते हुए ग्राम पंचायतें राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय पुरस्कारों से पुरस्कृत की गई हैं। पंचायतीराज विभाग को बेहतर कार्य करने के लिए स्वच्छता एवं ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, उन्होंने यह भी कहा कि उ0प्र0 की सभी पंचायतें डिजिटल प्लेटफार्म पर हैं एवं पंचायतीराज मंत्रालय के साफ्टवेयर ई-ग्राम स्वराज पर कार्य करते हुए शत-प्रतिशत ऑनलाइन भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी में पंचायतों द्वारा स्वच्छता व जागरूकता कार्यक्रम करते हुए उ0प्र0 में कोरोना महामारी को रोकने में बेहतर सहयोग किया जा रहा है। पंचायतों में निर्माण कार्यों के माध्यम से रोजगार सृजन के अवसर भी प्रदान किये गये।
श्री चौधरी ने कहा कि उ0प्र0 सरकार ने शत-प्रतिशत ग्राम पंचायतों में नवम्बर, 2021 तक पंचायत सचिवालय के निर्माण का निर्णय लिया है। प्रदेश में प्रथम बार सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों के निर्माण को लक्षित करते हुए एक वर्ष में 13054 नवीन पंचायत भवनों का कार्य पूर्ण कराया गया है एवं 10377 पर कार्य तेजी से कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों के कार्यों में सहायता हेतु प्रदेश सरकार द्वारा वित्त आयोग की सहायता से पंचायत सहायक/एकाउंटेट कम डाटा एन्ट्री ऑपरेटर की तैनाती माह नवम्बर तक पूर्ण कराये जाने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान में 15550 ग्राम पंचायतों द्वारा पंचायत सहायकों की नियुक्ति पूर्ण कर ली गयी है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत 2.18 करोड़ व्यक्तिगत शौचालय निर्माण कर उ0प्र0 पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत 52634 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कर उ0प्र0 पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। निर्मित सामुदायिक शौचालयों के रख-रखाव एवं रोजगार सृजन हेतु 48565 शौचालयों को स्वयं सहायता समूह को हस्तांतरित किया गया। महिलाओं के लिए 4586 पिंक शौचालयों का निर्माण कराया गया। प्रथम बार नव-निर्वाचित प्रधानों का ऑनलाइन प्रशिक्षण, शपथ ग्रहण का कार्य डेढ़ माह के अन्दर कराया गया। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय वित्त एवं राज्य वित्त आयोग की संक्रमित धनराशि से ग्राम पंचायतों में 83066 प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों का अनुरक्षण व मरम्मत कुल 24580 आंगनबाड़ी भवनों का सुदृढ़ीकरण एवं 79718 बाल मैत्रिक शौचालयों का पुनरूद्धार कराया गया।