शिमला: उत्तराखंड विश्व विख्यात शक्तिपीठ ज्वालामुखी में अष्टमी पूजन की धूम हैं। विश्व विख्यात शक्तिपीठ ज्वालामुखी में लगभग 40,000 हजार के करीब श्रद्धालु अष्टमी पूजन के लिए ज्वालाजी पहुंचे हैं। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, बिहार और अन्य प्रदेशों से भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना और अष्टमी पूजन किया। भक्तों ने मां ज्वालामुखी का शुभ आशीर्वाद प्राप्त किया और हलवा-पूरी का भोग ज्वाला मां को लगाया और कन्या पूजन किया। मां के प्राचीन हवन कुंड में उन्होंने आहुतियां भी डाली।
पुजारी धर्मेन्द्र शर्मा ने कहा कि अष्टमी का दिन और इस दिन महागौरी के रूप में दुर्गा माता की पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि अष्टमी पूजन का विशेष महत्व होता हैं। अष्टमी के दिन श्रद्धालु ज्वाला मां को हलवे और पूरी का भोग लगाते हैं और बाद में कन्या पूजन कराते हैं। इस दिन मां का हवन करने का बड़ा महत्व है। इसके अलावा अष्टमी नवरात्र के पावन उपलक्ष्य पर श्रद्धालु अपने छोटे-छोटे बच्चों का मुंडन संस्कार भी करवाते हैं और मां ज्वाला के जयकारे भी लगाते हैं।
मंदिर अधिकारी डॉ अशोक पठानिया ने कहा कि अष्टमी के पवित्र दिन हजारों श्रद्धालु मां ज्वाला के दरबार में अपने बच्चों का मुंडन करवाते हैं। काफी संख्या में यहां यात्रियों की भीड़ उमड़ती हैं और लाइनों में बड़े आराम से यात्रियों को मां के दर्शन हो रहे हैं। नवरात्रों में मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी पुख्ता इंतजाम किए हुए है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो सके। मंदिर प्रशासन श्रद्धालुओं के लिए लंगर और फ्री मेडिकल कैंप लगाता है।
इन नवरात्रों में आज तक 25,90,708 रुपए के करीब चढ़ावा ज्वाला मां के चरणों में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाया गया है और 13 ग्राम सोना और 2 किलो 930 ग्राम चांदी भी ज्वाला मां के चरणों में श्रद्धालुओं द्वारा अर्पित की गई है।
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