15.6 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

बीजापुर हाउस में ‘धाद संस्था’ के प्रतिनिधिमण्डल से वार्ता करते हुए: मुख्यमंत्री

उत्तराखंड
देहरादून: ‘‘आओ मनाए हरेला’’ अभियान के अंतर्गत 16 जुलाई को चैमासा लोकगीत ‘झुमेलो’ के कार्यक्रम जिला स्तर पर आयोजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने संस्कृति विभाग को इसके निर्देश देते हुए कहा कि अगले वर्ष से ग्राम स्तर पर लोक गीत ‘‘झुमेलो’’ का आयोजन किया जाएगा।

बुधवार को बीजापुर हाउस में ‘धाद संस्था’ के प्रतिनिधिमण्डल से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हमारी संस्कृति व परम्परा का हिस्सा है। हमने इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए ‘‘मेरा पेड़-मेरा धन’’ योजना को लिंक कर लोकपर्व ‘हरेला’ को वृहद स्तर पर मनाने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि इस योजना के सांस्कृतिक महत्व के साथ ही आर्थिक महत्व भी है। ‘मेरा पेड़-मेरा धन’ योजना में फलदार व चारा प्रजाति के वृक्ष शामिल किए गए हैं। इसमें प्रति पेड़ प्रोत्साहन राशि का भी प्राविधान किया गया है। प्रत्येक गांव में एक समिति के माध्यम से सर्वश्रष्ठ ‘हरेला’ तैयार करने वाली महिला को 500 रूपए प्रतिमाह की राशि एक वर्ष तक प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने संस्कृति विभाग को निर्देशित किया कि ‘‘आओ मनाए हरेला’’ अभियान के अंतर्गत 16 जुलाई को चैमासा लोकगीत ‘झुमेलो’ के कार्यक्रम जिला स्तर पर आयोजित किए जाएं। अगले वर्ष से ग्राम स्तर पर लोक गीत ‘‘झुमेलो’’ का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि राज्य गीत के लिए गठित की गई समिति की बैठकों का आयोजन निरंतर किया जाए और इस काम में तेजी लाई जाए।
धाद संस्था के अध्यक्ष हर्षमणि व्यास ने कहा कि ‘आओ मनाए हरेला’ अभियान का संचालन मुख्यमंत्री जी का ऐतिहासिक निर्णय है। इससे जहां जनसामान्य वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण से जुड़ सकेंगे, वहीं देश-विदेश के लोग प्रकृति से जुड़ी हमारी संस्कृति से परिचित हो सकेंगे। संस्था के सचिव तन्मय ममगाईं ने कहा कि उनकी संस्था केदारघाटी में आपदा प्रभावित परिवारों के बच्चों के बीच काम कर रही है। इस वर्ष चारधाम यात्रा के सफलतापूर्वक संचालन से क्षेत्रीय लोग काफी उत्साहित हैं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हम पारम्परिक जैविक खेती को पुनर्जीवित करने की योजना पर काम कर रहे हैं। पारम्परिक व्यंजनों को भी राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। हमारी ‘झंगोरा’ खीर अब राष्ट्रपति भवन के मेन्यू में शामिल कर ली गई है। चैलाय आदि क्षेत्रीय उत्पादों का उपयोग प्रसाद के तौर पर किया जाए इसके लिए बड़ी धार्मिक संस्थाओं से सम्पर्क किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने केदारघाटी के आपदा प्रभावित परिवारों की महिलाओं के लिए दो-दो बछिया(गाय) दिए जाने की बात कही। साथ ही इन परिवारों के आर्थिक उन्नयन व  स्वरोजगार के लिए 2 करोड़ रूपए जबकि इन परिवारों के बच्चों की शिक्षा व छात्रवृŸिा के लिए भी 2 करोड़ रूपए के रिवाल्विंग फंड बनाने के लिए अपर सचिव राकेश शर्मा को निर्देशित किया।
बैठक में पृथ्वीपाल सिंह चैहान, धाद संस्था की डा. शोभा रतूड़ी, डा.माधुरी बत्र्वाल, उपाध्यक्ष डी.सी. नौटियाल, हर्षमणी ब्यास, तन्मय ममगाई कल्पना बहुगुणा, रविन्द्र नेगी आदि उपस्थित थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More