21 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी की एक बार फिर से कायाकल्प की योजना

देश-विदेश

मुंबईः एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी की एकबार फिर से कायाकल्प की योजना बनी है. राज्य सरकार ने फिर से एक बार धारावी के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किया है. हालांकि इस बार प्रोजेक्ट को किसी एक बिल्डर को देने के बजाय स्पेशल परपज़ वेहिकल के ज़रिए पूरा करने की योजना बनी है. धारावी रीडेवलपमेंट में अक्सर अड़ंगे लगते रहे हैं. क्योंकि लाखों के संख्या में इलाके के निवासियों को राज़ी करना कठिन रहा है. वक्त के साथ साथ धारावी की पहचान झोपड़पट्टी के बजाय मुंबई के छोटे उद्योगों के ग्रोथ इंजन के तौर पर बनी है.

सत्तर के दशक से मुंबई का चेहरा बदल चुका है. मिलों की जगह हाई राइज़ ऑफिस कॉम्पलेक्स हैं. कारखानों की जगह मॉल्स हैं. लेकिन दशकों से फिल्मों से लेकर सरकारी योजनाओं में आती-जाती धारावी अब भी वहीं की वहीं है. दरअसल धारावी एक अलग मुंबई है. शहर में जिसे पनाह नहीं मिलता. धारावी उसे पनाह देती है. बिना किसी योजना के बेतहाशा बढ़ रही धारावी के साइज़ को नियमित करने के प्रस्तावों पर चर्चा 60 के दशक से शुरु हुई थी. लेकिन ठोस प्लान पर काम 90 के दशक में शुरु हुआ. अलग अलग दलों की सरकारों ने योजनाएं बनाईं. लेकिन प्लान कागज़ के आगे नहीं बढ़ पाए. मौजूदा राज्य सरकार ने भी अब …बार..टेंडर निकाला है.

राज्य सरकार के नए टेंडर में देसी-विदेशी सभी कंपनियों को न्यौता है. किसी एक बिल्डर के जिम्मे प्रोजेक्ट को छोड़ने के बजाय राज्य सरकार ने इस बार SPV यानी स्परेशल परपज़ वेहिकल का रास्ता अपनाया है. जिसमें राज्य सरकार 100 करोड़ डालेगी और SPV की मुख्य पार्टनर कंपनी 400 करोड़ रू की पूंजी का इंतज़ाम करेगी. प्रोजेक्ट के लिए चार की FSI मिलेगी.यानि ज़मीन के साइज़ के चार गुना तक कंस्ट्रक्शन की इजाज़त होगी. प्रोजेक्ट में कुल….इतने घर बनाकर देना होगा. झोपड़पट्टी में रहने वाले लोगों को SPV वाली कंपनी मुफ्त में घर बनाकर देगी. घर का कारपेट एरिया कम से कम…..वर्गफुट होगा. बाकी बचे फ्लैट्स को मार्केट रेट पर बेचने का अधिकार होगा. प्रोजेक्ट को 7 साल के भीतर पूरा करना होगा. राज्य सरकार को भरोसा है कि इस बार टेंडर में कोई अड़चन नहीं आएगी.

धारावी के रीडेवलमपेंट में अड़चन नहीं आए इसके लिए सभी अथॉरिटीज़ के साथ तालमेल होगा. राज्य सरकार रेलवे से माटुंगा और माहिम इलाके में 107 एकड़ ज़मीन लेगी. बदले में रेलवे को दोगुनी जगह देगी या फिर चार गुना तक FSI यानि कंस्ट्रक्शन की इजाज़त देगी. पूरे धारावी इलाके को 5 हिस्सो में बांटने और अलग अलग विकसित करने के बजाय डेवलपर्स को एक साथ पूरे धारवी को विकसित करने का मौका मिलेगा. करीब 530 एकड़ में फैली धारावी मुंबई के प्राइम ऑफिस स्पेस वाले इलाके में है. बांद्रा, कुर्ला, माटुंगा और माहिम जैसे इलाके करीब हैं. रीडेवलपमेंट का काम शुरू हो पाया तो प्राइम इलाके में बड़े पैमाने पर घरों की सप्लाई बढ़ेगी. जिसका असर बांद्रा और आसपास के इलाकों में घरों की कीमतों पर भी पड़ेगा. धारावी में रहने वाले लोगों को पक्की छत और बेहतर सुविधाएं मिल पाएंगी. पर जानकारों के मुताबिक धारावी की अपनी दिक्कतें हैं.

धारावी के कई और भी पहलू हैं जिनको देखा जाना ज़रूरी है. धारावी छोटे उद्योगों के लिहाज़ से मुंबई का मैनुफैक्चरिंग हब है. धारावी में करीब सत्तर हज़ार परिवार साथ रहते हैं. जहां रहते हैं वहीं उनकी जीविका का साधन भी है. धारावी में करीब 70,000 परिवार रहते हैं. जो वहीं पर अलग अलग कारोबार करते हैं. कुल मिलाकर 5000 बिज़नेस एंटिटीज़ के साथ-साथ 15000 सिंगल रूम फैक्टरी भी हैं. चमड़ा, पॉटरी,हैंडीक्राफ्ट, कपड़े, पापड़, प्लास्टिक रिसाइक्लिंग, ऑटो रिपेयर का बड़ा कारोबार है. यहां के बने प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट भी होते हैं. धारावी में देश के अलग अलग इलाकों से आने वाले लोग रहते हैं. जानकार मानते हैं कि तय करना ज़रूरी है कि रीडेवलपमेंट के साथ साथ लोगों का कारोबार चलता रहे. धारावी में बड़ी आबादी और छोटे उद्योगों के घनत्व को देखते हुए शहर के अहम इलाकों से जोड़ने के लिए ट्रांसपोर्ट भी विकसित किया जाएगा.

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More