पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज देश में गेल समूह के 201 सीएनजी स्टेशनों को राष्ट्र को समर्पित किया। श्री प्रधान ने झांसी में पीएनजी आपूर्ति व्यवस्था का उद्घाटन किया तथा रायगड़ मे वाहनों में ईंधन भरने के लिए मोबाइल ईंधन भराई इकाइयों (एमआरयू) का भी उद्घाटन किया।
श्री प्रधान ने झांसी में पीएनजी उपभोक्ता परिवार से बातचीत की जिन्होंने घर में पीएनजी की निर्बाध और सस्ती सप्लाई पर प्रसन्नता व्यक्त की। श्री प्रधान ने रायगड और दिल्ली में एमआरयू ऑपरेट़रों से भी बातचीत की और एमआरयू के माध्यम से सीएनजी वाहनों में ईंधन भराई के काम को देखा। आज जिन एमआरयू के उद्घाटन किए गए वह आईजीएल और महानगर गैस लिमिटेड के हैं।
इस अवसर पर श्री प्रधान ने कहा कि अब सरकार के प्रयासों से मेट्रो शहरों से जुड़ रहे सीएनजी स्टेशन और पाइप से प्राकृतिक गैस की सप्लाई देश भर के नगरों तथा शहरों में पहुंच रही हैं। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जलवायु परिवर्तन शमन ने लिए संकल्पबद्ध हैं और उनके प्रयासों ने विश्व को नेतृत्व दिया है और विश्व में भारत का कद बढ़ा है। श्री प्रधान ने कहा कि हमारे लिए ऊर्जा खुदरा व्यापार में नवाचार लाना न केवल एक व्यापारिक निर्णय है, बल्कि यह प्रधानमंत्री के हरित भविष्य के विजन के अनुरूप भी है। उन्होंने नागरिकों के लिए जीवन सुगमता बढ़ाने की दिशा में प्रधानमंत्री के प्रयासों के बारे में भी बताया और कहा कि आज का उद्घाटन हरित भविष्य के इस दोहरे उद्देश्य की दिशा में एक और कदम है और लोगों के लिए जीवन की सुगमता को बढ़ाना है।
उन्होंने इस इस बात पर बल देते हुए कहा कि खुदरा ईंधन का भविष्य मोबाइल है, मोबाइल रिफिलिंग सीएनजी सुविधा स्थापित करने सहित इस पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपायों के बारे में बताया। उन्होंने मोबाइल ईंधन खुदरा बिक्री के लाभों को भी रेखांकित किया जिसमें शॉपिंग मॉल, कार्यालयों और अन्य स्थानों पर उपभोक्ताओं तक पहुंचने के मामले में लागत लाभ के साथ-साथ अन्य लाभ भी शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि आगे बढ़ते हुए हमें मोबाइल की बैटरी अदला-बदली की संभावना का भी पता लगाना चाहिए। श्री प्रधान ने कहा कि हम ऊर्जा खुदरा व्यापार में नवाचार ला रहे हैं और इसे मोबाइल बना रहे हैं और दरवाजे पर पहुंचा रहे हैं।
श्री प्रधान ने कहा कि भारत ने अधिक स्थाई ऊर्जा उपयोग के लिए 2030 तक प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस का 15 प्रतिशत भाग हासिल करने का संकल्प व्यक्त किया है जो पर्यावरण प्रदूषण को कम करने, सीओपी-21 के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को पूरी करने में सहायता देगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक गैस के अधिक उपयोग से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटेगी और परिणामस्वरूप आयात बिल और आयात निर्भरता कम होगी ।
श्री प्रधान ने कहा कि उनका मंत्रालय हाइड्रोजन, सीबीजी, ऐथेनोल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) तथा एलएनजी सहित स्वच्छ और हरित ईंधन को अधिक से अधिक अपनाने के लिए और उपयोग करने के लिए बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा कि आईओसीएल शीघ्र ही अपनी रिफाइनरी और वड़ोदरा में हाइड्रोजन डिस्पेंसिंग स्टेशन प्रारंभ करने जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत ने देश भर में ऐथेनोल उत्पादन और वितरण के लिए ई-100 पायलट परियोजना शुरू की है और 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत ऐथेनोल मिश्रण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री प्रधान ने कहा कि सीजीडी क्षेत्र प्राकृतिक गैस खपत के लिए बड़े क्षेत्र के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि मांग बढ़ने जा रही है क्योंकि और जीए चालू हो रही हैं। उन्होंने सीजीडी संस्थाओं से आने वाले 7-8 वर्षों में 10,000 सीएनजी स्टेशनों और 5 करोड़ पीएनजी कनेक्शनों तक पहुंचने के लिए कठिन परिश्रम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कम उत्सर्जन और स्वच्छ पर्यावरण सुनिश्चित करने के लिए डीजल/पेट्रोल वाहनों को सीएनजी/एलएनजी में बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में मोबाइल ईंधन भरने वाली इकाई (एमआरयू) उन क्षेत्रों में सीएनजी की सप्लाई में मदद करेंगी जो पाइपलाइनों से नहीं जुड़े हैं या उन स्थानों में मदद करेगीं जहां पारंपरिक सीएनजी स्टेशन स्थापित करने के लिए भूमि पार्सल की कमी है। यह 1500 किलो तक सीएनजी स्टोर कर सकती है और प्रतिदिन 150 से 200 वाहन में ईंधन भर सकती है। उन्होंने देश में और अधिक एमआरयू को चालू करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि विभिन्न स्थानों पर उनकी तैनाती के माध्यम से ईंधन उपलब्धता बढ़ाई जा सके।
श्री प्रधान ने जोर देकर कहा कि सरकार का उद्देश्य ऊर्जा खुदरा विक्रेता की अवधारणा की ओर बढ़ना था जहां सभी परिवहन ईंधन- हाइड्रोजन, डीजल, पेट्रोल, सीएनजी/सीबीजी, एलएनजी या ईवी बैटरी की अदला-बदली की सुविधा एक ही स्थान पर उपलब्ध होगी।