14.8 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने इस्पात उद्योग से रणनीतिक क्षेत्र में शून्य आयात की दिशा में काम करने को कहा

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय इस्‍पात और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान आज भारतीय उद्योग परिसंघ(सीआईआई) के सहयोग से इस्पात मंत्रालय द्वारा भारतीय इस्पात रेलवे तथा रक्षा क्षेत्र में इस्पात उपयोग बढ़ाने के बारे में आयोजित कार्यशाला में शामिल हुए। इस कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य इस्पात आपूर्ति तथा इस्पात उत्पादन में खाई और उपलब्ध अवसरों को चिन्हित करने के लिए रेलवे तथा रक्षा क्षेत्रों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करना है।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि रणनीतिक बाध्‍यताओं के अतिरिक्त रेलवे तथा रक्षा क्षेत्रों में इस्पात उपयोग बढ़ाने की व्यापक आर्थिक और सामाजिक बाध्‍यताएं हैं। उन्होंने कहा कि इससे रोजगार सृजन में मदद मिलेगी। इस्पात मंत्रालय को इस्‍पात उद्योग, रेलवे तथा रक्षा क्षेत्रों के बीच सेतु की भूमिका में काम करते हुए कि एक रणनीतिक पत्र तैयार करने की बात कहीं, जिसमें घरेलू आवश्यकता पूरी करने के लिए इस्पात उद्योग के साथ मिलकर कार्य योजना बनाने के लिए विशेष दीर्घकालिक आवश्‍यकताओं को बताया जाए।

आयात कम करने के बारे में उन्होंने रेलवे तथा रक्षा क्षेत्र में शून्य आयात पर बल देते हुए कहा कि स्वदेशी को समर्थन देने के लिए घरेलू उद्योग द्वारा आवश्यकता के मुताबिक विशेष इस्‍पात के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।  उन्होंने इस्पात उत्पादन में समर्थन देने वाले स्टार्ट-अप के लिए व्यवस्था बनाने की आवश्यकता पर बल दिया और निवेशकों तथा उद्योग से देश हित में एकसाथ आने का आग्रह किया।

उन्होंने बताया कि जापान और कोरिया पहले कच्चा सामान मंगाते थे और फिर निर्यात के लिए मूल्यवर्द्धित इस्पात का उत्पादन करने लगे। अब उन्हें बढ़ती लागत का अनुभव हो रहा है। इसलिए भारतीय उद्योग और मंत्रालय के लिए घरेलू तथा अंतर्राष्‍ट्रीय मांग पूरी करने के लिए मूल्‍यवर्द्धित इस्‍पात के उत्‍पादन के लिए कार्य योजना बनाने का उचित समय है।

श्री प्रधान ने कहा कि हमारी सरकार ने ‘हर काम देश के नाम’  मिशन की शुरूआत की है। उन्‍होंने कहा है कि हमारे सभी कार्य मजबूत और अधिक समृद्ध नया भारत बनाने की दिशा में होने चाहिए। इस्‍पात क्षेत्र के लिए शून्‍य दुर्घटना कार्य स्‍थल सुनिश्चित करने के लिए श्री प्रधान ने लौहा तथा इस्‍पात क्षेत्र के लिए सुरक्षा दिशा-निर्देशों को जारी किया।

http://164.100.117.97/WriteReadData/userfiles/image/image0026WWW.jpg

रेल बोर्ड तथा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने रेलवे के लिए इस्‍पात के महत्‍व पर बल दिया। पिछले वर्ष भारतीय रेल में 7 एमटी इस्‍पात की खपत हुई और यह खपत पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत बढ़ी। भारतीय रेल की योजना विविध ट्रैकिंग, उच्‍च गति की परियोजना के माध्‍यम से भीड़भाड़ कम करना और 58 सुपर क्रिटिकल परियोजनाओं पर फोकस करना है। इस परियोजनाओं से तेज गति से मांग बढ़ने की संभावना है। इसके अतिरिक्‍त डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजनाओं में अगले पांच वर्षों में 17 एमटी इस्‍पात की खपत होने की आशा है। कार्यशाला में फोर्ज एक्‍सेल तथा पहियों की घरेलू मांग पूरी करने के लिए भारतीय रेल और सेल के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किये गये।

भारतीय सेना,  नौसेना और डीआरडीओ सहित वायुसेना, तथा आयुध फैक्‍टरी ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में विशेष इस्‍पात धातु की जरूरत पूरा करने की काफी क्षमता है और खरीददार तथा आपूर्तिकर्ता के बीच सेतू का काम करने के लिए मंत्रालय के प्रयासों का स्‍वागत किया, लेकिन रक्षा क्षेत्र के लिए विशेष इस्‍पात अयस्‍क की गुणवत्‍ता आवश्‍यकता पर विशेष बल दिया गया। रक्षा क्षेत्र ने मात्रा की जगह मूल्‍यवर्द्धन पर जोर दिया और धातु विज्ञान में अनुसंधान तथा दुर्लभ धातुओं की उपयोगिता बढ़ाने की आवश्‍यकता दोहराई। इस्‍पात आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए आयुध फैक्‍टरियों तथा सेल के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किया गया।

इस्‍पात सचिव श्री विनय कुमार ने इस्‍पात के बढ़ते उपयोग के अनुरूप गुणवत्‍ता तथा स्‍पर्धा सुनिश्चित करने पर बल दिया। उन्‍होंने बताया कि मंत्रालय शीघ्र ही वर्तमान गुणवत्‍ता नियंत्रण आदेश के अंतर्गत और अधिक इस्‍पात उत्‍पादों को शामिल करेगा। उन्‍होंने आयात निर्भरता तथा इस्‍पात आवश्‍यकताओं के संबंध में कदम उठाने का आश्‍वासन दिया।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More