पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड, विशाखापत्तनम स्टील प्लांट टाउनशिप में ऑक्सीजन युक्त 300 बिस्तरों की सुविधा के साथ जंबो कोविड-केयर सेंटर के पहले चरण को राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया। इस वर्चुअल उद्घाटन समारोह में इस्पात राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री ए. काली कृष्ण श्रीनिवास, आंध्र प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री एम. गौतम रेड्डी, आंध्र प्रदेश के पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास, खान तथा भूविज्ञान मंत्री श्री पी. रामचंद्र रेड्डी, संसद सदस्य और विधायक, इस्पात मंत्रालय के सचिव, भारत सरकार और आंध्र प्रदेश सरकार तथा राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के अधिकारी भी उपस्थित थे।
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड में कोविड केयर सेंटर के उद्घाटन को सहकारी संघवाद का एक आदर्श उदाहरण बताते हुए श्री प्रधान ने कहा कि, लोकतंत्र में सरकार लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए जिम्मेदार होती है। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री के “जहां बीमार, वहीं उपचार” के दृष्टिकोण के त्वरित कार्यान्वयन में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम की मदद करने में राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन के सहयोग एवं समर्थन की भरपूर सराहना की। इस्पात मंत्री ने कहा कि, “प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद, हमने इस्पात कंपनियों को स्टील प्लांट के पास ही ऑक्सीजन की आपूर्ति के साथ जंबो कोविड केयर सेंटर बनाने के लिए तैयार किया है।”
श्री प्रधान ने कहा कि, फिलहाल हम कोविड की दूसरी लहर के मध्य में हैं और हमने काफी हद तक ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और अन्य आवश्यक दवाओं की उपलब्धता की चुनौती को पार कर लिया है। हमारी अगली चुनौती देश की विशाल आबादी का टीकाकरण करना है। इस्पात मंत्री ने कहा कि, हमारे घरेलू उत्पादकों के द्वारा उत्पादन का विस्तार करने और वैश्विक स्तर पर वैक्सीन उत्पादकों के साथ चल रही बातचीत के साथ ही, जून के महीने से टीकों की आपूर्ति में पर्याप्त वृद्धि होना तय है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि, आरआईएनएल में राज्य सरकार के सहयोग से लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। श्री प्रधान ने कहा कि, मैं आरआईएनएल द्वारा राज्य सरकार के सहयोग से इलाके के लोगों को ज़्यादा से ज़्यादा टीका लगाने के लिए और अधिक टीके खरीदने का आह्वान करता हूं।
केंद्रीय मंत्री ने कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों की हरसंभव मदद करने लिए इस्पात संयंत्रों की सराहना की। श्री प्रधान ने कहा कि, आरआईएनएल ने देश के विभिन्न हिस्सों में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अपने कर्तव्यों की सीमा – रेखा से आगे बढ़कर काम किया है। राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड से पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस 23 अप्रैल को 100 टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन के साथ महाराष्ट्र पहुंची थी। इस वर्ष पहली अप्रैल से, 6500 टन से अधिक तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है और कुल मिलाकर 15000 मीट्रिक टन से ज़्यादा लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति आरआईएनएल द्वारा की गई है जो इस कठिन समय में एक महान सेवा कार्य है।
श्री प्रधान ने कहा कि, आज यहां उपलब्ध कराई गई 300 बिस्तरों की सुविधा एक शुरुआत भर है और यह कोविड केयर सेंटर वर्तमान कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इस क्षेत्र में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बहुत ही आवश्यक बढ़ावा देने जा रहा है। उन्होंने कहा कि, नए बीओओ संयंत्र को जल्द से जल्द शुरू करने की प्रक्रिया जारी है, जो 100 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की उत्पादन क्षमता में और वृद्धि कर सकती है। इस्पात मंत्री ने बताया कि, दूसरे चरण में कोविड केयर सेंटर की क्षमता को बढ़ाकर इसमें 1000 बिस्तरों की सुविधा प्रदान की जाएगी।
वर्तमान में प्रशिक्षु छात्रावास-1 में 100 तथा गुरजादा कलाक्षेत्रम में 200 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है, जो सभी आंतरिक रूप से तैयार किए गए हैं। गुरजादा कलाक्षेत्रम के सभी बिस्तरों तक ऑक्सीजन पहुंचाने वाले सिलेंडर बैंक के साथ ही केंद्रीय ऑक्सीजन आपूर्ति प्रणाली को इस संगठन के कर्मचारियों द्वारा डिजाइन और स्थापित किया गया है।