नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज देश भर के विभिन्न किसानों के साथ किसान ड्रोन के फायदे एवं चुनौतियों पर बातचीत की। यह बातचीत ‘सिंधिया संग संवाद‘ के तहत की गई जो एक इंटरैक्टिव कार्यक्रम है। इसमें मंत्री ने किसानों और ड्रोन उपयोगकर्ताओं के साथ सीधी बातचीत की।
श्री सिंधिया ने ड्रोन से संबंधित विभिन्न सरकारी नीतियों के बारे में जानकारी दी और बताया कि किसान किस प्रकार इसका फायदा उठा सकते हैं। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- उदारीकृत ड्रोन नियम, 2021 को 25 अगस्त 2021 को अधिसूचित किया गया है।
- ड्रोन एयरस्पेस मैप 24 सितंबर 2021 को प्रकाशित किया गया जिससे 400 फीट तक उड़ने वाले ड्रोन के लिए लगभग 90 प्रतिशत भारतीय हवाई क्षेत्र को ग्रीन जोन के रूप में खोल दिया गया है।
- ड्रोन के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना 30 सितंबर 2021 को अधिसूचित की गई।
- यूएएस ट्रैफिक मैनेजमेंट (यूटीएम) नीतिगत ढांचे को 24 अक्टूबर 2021 को प्रकाशित किया गया।
- कृषि ड्रोन की खरीद के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा 22 जनवरी 2022 को मौद्रिक अनुदान कार्यक्रम की घोषणा की गई।
- ड्रोन नियम, 2021 के तहत सभी पांच आवेदन फॉर्म को डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर 26 जनवरी 2022 को ऑनलाइन किया गया।
- ड्रोन प्रमाणन योजना को 26 जनवरी 2022 को अधिसूचित किया गया, जिससे ड्रोन विनिर्माताओं द्वारा टाइप प्रमाण पत्र प्राप्त करना आसान हो गया है।
- ड्रोन आयात नीति 9 फरवरी 2022 को अधिसूचित की गई ताकि विदेशी ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगाने और ड्रोन के कलपुर्जों के आयात को मुक्त करने में मदद मिल सके।
- ड्रोन पायलट लाइसेंस की आवश्यकता को समाप्त करते हुए 11 फरवरी 2022 को ड्रोन (संशोधन) नियम, 2022 अधिसूचित किया गया। डीजीसीए द्वारा अधिकृत ड्रोन स्कूल की ओर से जारी रिमोट पायलट सर्टिफिकेट ड्रोन के संचालन के लिए पर्याप्त है।
- ड्रोन और ड्रोन के कलपुर्जा विनिर्माताओं से पीएलआई योजना के लिए आवेदन 10 से 31 मार्च 2022 के बीच आमंत्रित किए गए।
देश भर के विभिन्न किसानों ने कृषि के लिए एक उपकरण के रूप में ड्रोन का उपयोग करने संबंधी अपने अनुभव साझा किए और उसके फायदे गिनाए। किसानों ने मंत्री से ड्रोन से संबंधित कई सवाल भी पूछे। इस परिचर्चा का संचालन संयुक्त सचिव श्री अंबर दुबे ने किया जो नागरिक उड्डयन मंत्रालय में ड्रोन डिवीजन के प्रमुख हैं।
ड्रोन पायलट प्रशिक्षण के लिए अधिक शुल्क के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा, ‘ड्रोन पायलट कोर्स की फीस फिलहाल काफी अधिक है लेकिन आपको बिल्कुल भी चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि ड्रोन स्कूलों की संख्या बढ़ रही है जिससे ड्रोन पायलटों के प्रशिक्षण की लागत घटती रहेगी। आप अगले 3-4 महीनों के भीतर इस क्रांति को देखेंगे क्योंकि हम ऐसे स्कूलों की संख्या बढ़ाते रहेंगे। देश को निश्चित तौर पर अधिक से अधिक ड्रोन पायलटों की आवश्यकता है और यही कारण है कि उनकी प्रमाणन प्रक्रिया को पूरी तरह विकेंद्रीकृत कर दी गई है। इसलिए, अब डीजीसीए केवल ड्रोन स्कूलों को प्रमाणित करेगा और संबंधित ड्रोन स्कूल पायलटों को प्रमाण पत्र जारी करेगा। इस प्रक्रिया से अफसरशाही को पूरी तरह हट जाएगी।’ उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों में डीजीसीए ने ड्रोन पायलटों के प्रशिक्षण के लिए 23 स्कूलों को प्रमाणित किया है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस महीने के आरंभ में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के लिए दूसरे दौर के तहत आवेदन आमंत्रित किए थे। ड्रोन पीएलआई को पिछले साल भारत में ड्रोन विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए घोषित किया गया था। आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 20 मई 2022 है। पीएलआई लाभार्थियों की अंतिम सूची उनके वित्तीय परिणामों एवं अन्य निर्दिष्ट दस्तावेजों की विस्तृत जांच के बाद 30 जून 2022 तक जारी होने की उम्मीद है।
सिंधिया संग संवाद का यूट्यूब लिंक: https://www.youtube.com/watch?v=CftRVNaSx6E