यह समय एक देश एक मानक अभियान में शामिल होने और मानकों के वैश्विक मानदंड बनाने में भारत को अग्रणी देश बनाने का है। यह बात रेलवे, वाणिज्य एवं उद्योग और उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के कार्यों की समीक्षा के दौरान कही।
श्री पीयूष गोयल ने कहा कि जबकि उत्पादन और सेवाओं के सभी क्षेत्रों को इस राष्ट्रीय अभियान में शामिल किया जाना है, ऐसे में सभी प्रकार की सार्वजनिक खरीद का मानकीकरण और राष्ट्रीय एकरूपता लाने के लिए तत्काल निविदा लाई जा सकती है।
श्री गोयल ने कहा कि अपने उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता के लिए बनाए गए मानक अक्सर राष्ट्र की ताकत और चरित्र का उदाहरण पेश करते हैं। भारत के लिए यह समय सर्वश्रेष्ठ से कुछ कम नहीं स्थापित करने का है।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बीआईएस को अपने क्षेत्र में तालमेल बैठाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी और संघों का पता लगाना चाहिए।
श्री गोयल ने कहा कि भारत में प्रयोगशाला परीक्षण विश्व मानक स्तर के होने चाहिए। इसके लिए आधुनिक उपकरणों और नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बीआईएस और सरकारी प्रयोगशालाओं के बीच के विश्लेषण को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा।
इस बात पर ध्यान दिया जाए कि प्रबंधन की बातचीत, अंतर विश्लेषण वास्तविक प्रदर्शन की संभावना या वांछित प्रदर्शन की तुलना से संबंधित हो।
कई असमान मानकों वाले विभिन्न संस्थानों और सार्वजनिक उपक्रमों के मुद्दे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न मानकों को यथासंभव एक मानक में विलय करने का प्रयास किया जाना चाहिए।
मंत्री ने कहा कि एक राष्ट्र एक मानक के इस मिशन में अधिक से अधिक संवाद, भागीदारी और सहयोग के लिए उद्योगों को आमंत्रित किया जाना चाहिए। प्रमाणीकरण देने की प्रक्रिया को यथासंभव सरल रखना चाहिए और काम के दोहराव से बचना चाहिए।
श्री गोयल ने कहा कि हमें भारतीय मानकों के तहत अधिकतम औद्योगिक उत्पाद रखने के लिए विश्व में अग्रणी होने का लक्ष्य रखना चाहिए और किसी को भी गुणवत्ता प्रमाणन प्राप्त करने के लिए विदेश जाने की आवश्यकता नहीं महसूस होनी चाहिए।
बैठक में उपभोक्ता मामलों और बीआईएस के अलावा अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। बीआईएस ने प्रगति के विभिन्न क्षेत्रों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।