श्रम और रोजगार मंत्री श्री भूपेंदर यादव ने डिजिटल कौशल प्रदान कर युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए आजएक डिजिटल कौशल कार्यक्रम – डिजी सक्षम का शुभारंभ किया। तेजी से प्रौद्योगिकी संचालित युग में यह आवश्यक है। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के साथ यह संयुक्त पहल ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के युवाओं को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रमों का विस्तार है।
डिजी सक्षम पहल के माध्यम से, पहले वर्ष में 3 लाख से अधिक युवाओं को बुनियादी कौशल के साथ-साथ अग्रिम कंप्यूटिंग सहित डिजिटल कौशल में मुफ्त प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। नौकरी की तालाश करने वाले राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल (www.ncs.gov.in) के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। यह पहल वंचित समुदायों से संबंधित अर्ध शहरी क्षेत्रों के नौकरी चाहने वालों को प्राथमिकता देती है, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने कोविड -19 महामारी के कारण अपनी नौकरी गंवा दी है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तेज गति वाली प्रौद्योगिकी उन्नयन के साथ, निरंतर कौशल, कौशल वृद्धि और कौशल उन्नयन बहुत आवश्यक है।
The job market today is highly competitive and employers are looking for employability skills along with subject matter expertise. Launched DigiSaksham, which will address the digital skilling needs of more than 97 lakh active job-seekers registered on the NCS portal. pic.twitter.com/zdSh1mDMuj
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) September 30, 2021
डिजी सक्षम पहल के तहत मूल रूप से तीन तरह के प्रशिक्षण प्रदान किए जायेंगे। डिजिटल कौशल – अपनी गति से सीखने, वीआईएलटी मोड प्रशिक्षण (वर्चुअल इंस्ट्रक्टर के नेतृत्व में) और आईएलटी मोड प्रशिक्षण (प्रशिक्षक के नेतृत्व में)। आईएलटी, जो व्यक्तिगत रूप से प्रशिक्षण है, देश भर में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए मॉडल कैरियर केंद्रों (एमसीसी) और राष्ट्रीय कैरियर सेवा केंद्रों (एनसीएससी) में आयोजित किया जाएगा।
इस पहल के माध्यम से, राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल पर पंजीकृत नौकरी की तालाश करने वाले लगभग एक करोड़ सक्रिय लोगों को जावा स्क्रिप्ट, डेटा विज़ुअलाइज़ेशन, एडवांस एक्सेल, पावर बीआई, एचटीएमएल, प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट फंडामेंटल, कोडिंग का परिचयआदि में डिजिटल अर्थव्यवस्था में आवश्यक कौशल से लैस करने जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करने में सक्षम किया जाएगा। डिजी सक्षम को आगा खान रूरल सपोर्ट प्रोग्राम इंडिया (एकेआरएसपी-I) द्वारा क्षेत्र में लागू किया जाएगा।
इस पहल का शुभारंभ आज केंद्रीय मंत्री ने श्री सुनील बर्थवाल, सचिव, श्रम और रोजगार मंत्रालय, श्रीमती अनुराधा प्रसाद, विशेष सचिव, श्रम और रोजगार मंत्रालय, श्री अनंत माहेश्वरी, अध्यक्ष, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और श्री अपूर्व ओझा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आगा खान ग्रामीण सहायता कार्यक्रम-भारत की उपस्थिति में किया।
श्री यादव ने भारत के डिजिटल अंतर को पाटने, देश को समावेशी आर्थिक सुधार के मार्ग पर लाने और न केवल घरेलू अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिए बल्कि विदेशों में भी इसका लाभ प्रदान करने के लिए डिजिटल भविष्य में भारत की प्रतिभा को विकसित करने के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने में कौशल के महत्व पर प्रकाश डाला।
समारोह में बोलते हुए, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के अध्यक्ष ने कहा कि भविष्य के कौशल आज से अलग होंगे और डिजिटल कौशल समानता का अंतर पाटने के लिए लोगों के साथ काम करने वाले सरकारी और निजी क्षेत्र की भागीदारी और घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता है जो भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में परिवर्तन को और तेज करेगा।
डिजीसक्षम पहल के पहले वर्ष में 300,000 से अधिक युवाओं को तकनीकी कौशल से लैस किया जाएगा और नौकरी चाहने वाले माइक्रोसॉफ्ट सीखने के संसाधनों जैसे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, डेटा एनालिटिक्स, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट फंडामेंटल्स और नेशनल करियर सर्विस (एनसीएस) पोर्टल पर उन्नत डिजिटल उत्पादकता तक पहुँच सकते हैं। यह पहल वंचित समुदायों से संबंधित अर्ध शहरी क्षेत्रों के नौकरी चाहने वालों को प्राथमिकता देती है, विशेष रूप से सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों के उम्मीदवारों, हाशिए पर रहने वाले समुदायों, जो लोग विस्थापित हो गए हैं या कोविड -19 के कारण नौकरी गंवा चुके हैं। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने इस डिजिटल पहल को शुरू करने के लिए आगा खान रूरल सपोर्ट प्रोग्राम-इंडिया और इसके नॉलेज पार्टनर टीएमआई ई2ई एकेडमी को भी शामिल किया है। मैं इस अवसर पर डिजी सक्षम कार्यक्रम का शुभारंभ करता हूं और इस पहल में शामिल संगठनों की सफलता की कामना करता हूं।
श्रम और रोजगार मंत्रालय, राष्ट्रीय रोजगार सेवा (एनसीएस) परियोजना को मिशन मोड परियोजना के रूप में लागू कर रहा है ताकि रोजगार से संबंधित विभिन्न सेवाएं जैसे नौकरी उपलब्ध कराना, करियर परामर्श, व्यावसायिक मार्गदर्शन और कौशल विकास पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण, इंटर्नशिप आदि के बारे में जानकारी प्रदान की जा सके। एनसीएस के तहत सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं जो 2015 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पित की गई थी। पोर्टल में उपलब्ध सभी सेवाएं नौकरी चाहने वालों, नियोक्ताओं सहित सभी हितधारकों, प्रशिक्षण प्रदाता और प्लेसमेंट संगठन के लिए मुफ्त हैं। एनसीएस पोर्टलों को सीधे या कैरियर केंद्रों (रोजगार एक्सचेंजों), सामान्य सेवा केंद्रों, डाकघरों, मोबाइल उपकरणों, साइबर कैफे आदि से प्राप्त किया जा सकता है।
करियर काउंसलिंग पर सरकार के बढ़ते फोकस के साथ मंत्रालय ने 700 से अधिक करियर काउंसलरों का एक नेटवर्क तैयार किया है जो नियमित रूप से एनसीएस पोर्टल पर अपने कार्यक्रम प्रकाशित कर रहे हैं। मौजूदा परामर्श साहित्य को डिजिटाइज़ करके और इसे हितधारकों द्वारा अप-डेटिंग के लिए उत्तरदायी बनाकर कैरियर परामर्श सामग्री का ज्ञान भंडार बनाया गया है और विभिन्न उपयोगकर्ताओं के लिए सुलभ बनाया गया है। कैरियर सूचना के अंतर्गत व्यवसायों के राष्ट्रीय वर्गीकरण 2015 के आधार पर 3600 से अधिक व्यवसायों पर व्यावसायिक जानकारी भी उपलब्ध है।
भारत सरकार ने मॉडल कैरियर केंद्र स्थापित करने के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की है और पहले ही 207 मॉडल कैरियर केंद्रों (7 गैर-वित्त पोषित एमसीसी सहित) को मंजूरी दे दी गई है तथा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 200 और कैरियर केंद्र बनाने का निर्णय लिया गया है।
एनसीएस पोर्टल ने करियर और रोजगार संबंधी सेवाओं के वितरण के लिए संस्थानों तथा संगठनों की भागीदारी के लिए एक खुली संरचना भी प्रदान की। मंत्रालय ने कुछ प्रमुख संस्थानों जैसे क्विकर जॉब्स, मॉन्स्टर डॉट कॉम, फ्रेशर्स वर्ल्ड, फर्स्ट जॉब, मेरा जॉब, सिनर्जी रिलेशनशिप मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ कर्मचारियों के लिए अधिक से अधिक नौकरी के अवसर लाने के लिए कई संस्थानों और संगठनों वीएसएस टेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड मॉन्स्टर डॉट कॉम, सरल रोज़गार, कैसियस टेक्नॉलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड, शाइन डॉट कॉम आदि के साथ काम किया है। एनसीएस पोर्टल को अब अन्य मंत्रालयों / विभागों जैसे एमएसडीई, एमएचआरडी, एआईसीटीई, आदि के साथ एकीकृत किया जा रहा है।
आज नौकरी का बाजार अधिक प्रतिस्पर्धी है और नियोक्ता अब अपने संभावित कर्मचारियों में आवश्यक गुणों के अनुरूप विषय वस्तु में विशेषज्ञता के साथ-साथ रोजगार योग्यता कौशल की तलाश कर रहे हैं। रोजगार योग्यता कौशल वे कौशल हैं जो योग्यता और अनुभव से ऊपर जाते हैं।