नई दिल्ली: संचार और आईटी के लिए केंद्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने आज कहा कि डिजिटेलाइज कामकाज की राजग सरकार की पहल ई-कॉमर्स के हर कोने
तक पहुंच बनाने में मदद करेगी। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय डाक भविष्य में एक राष्ट्रीय वाहक के रूप में काम करेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस बात को भी रेखांकित किया कि सरकार की ‘डिजिटल इंडिया परियोजना’ फलते-फूलते ई-कॉमर्स बाजार को देश के कोने-कोने में फैलाने के लिए इंटरनेट और ब्रॉडबैंड को पहुंचाने के लिए काम कर रहा है। दुनिया में सबसे बड़े डाक नेटवर्क वाला डाक विभाग ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए देश भर में पहुंच बनाने वाला सबसे बड़ा संभावित भागीदार है।
संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित करते हुए डाक विभाग की ई-कॉमर्स पहल पर उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स पार्सल कारोबार को संभालने के लिए अपनी क्षमताओं को बेहतर करने के लिए डाक विभाग ने कई कदम उठाए हैं, जैसे कि कैश ऑन डिलीवरी जैसी सेवाओं की शुरुआत जो पूरी तरह से भारत में ई-कॉमर्स कारोबार का क्रांतिकरण कर देगा। विभाग ने मार्च 2015 तक 500 करोड़ रुपये के सीओडी मूल्य को संभाला था, जो दिसंबर 2015 तक 1000 करोड़ रुपए को पार कर चुका है और माजूदा वित्तीय वर्ष के अंत तक इसके 1500 करोड़ रुपए तक पहुंच जाने की संभावना है।
मंत्री ने समिति के साथ साझा किया कि उनका एक मुख्य एजेंडा डाकघर के संचालन में बदलाव लाना है जिससे वह देश भर के प्रत्येक व्यक्ति तक उसके दरवाजे तक उत्पादों और सेवाओं को पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।
विभाग अब तक 48 नए पार्सल संसाधन केन्द्रों की स्थापना कर चुका है और ऐसे ही 9 और केंद्र मौजूदा वित्तीय वर्ष में खोले जाएंगे। 2014-15 के दौरान पिछले अठारह महीनों में इन प्रयासों से पार्सल खंड में कुल मिलाकर 45% और मौजूदा वित्तीय वर्ष में 100% से ज्यादा राजस्व वृद्धि होने की संभावना है। इसी तरह, विभाग के एक प्रमुख उत्पाद स्पीड पोस्ट, जो प्रीमियम पार्सल घटक है, में भी अब तक चालू वर्ष में विभाग को अधिकतम 1100 करोड़ रुपए के कुल राजस्व के साथ पिछले साल के 8.9% की तुलना में चालू वित्त वर्ष में 12.5% की वृद्धि दर्ज की गई।
सलाहकार समिति के सदस्यों ने डाक विभाग द्वारा ई-कॉमर्स मुख्यधारा में ग्रामीण भारत को लाने के लिए उसके द्वारा किए गए प्रयासों पर बधाई दी और पार्सल और स्पीड पोस्ट व्यापार के माध्यम से अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम की सराहना की।
बैठक में संसद के माननीय सदस्यों, श्री नेपाल सिंह, श्री राज बब्बर, श्री भोला सिंह, श्री अरविंद गणपत सावंत, श्रीमती रंजनबेन भट्ट और श्री कश्मीर गोपाल ने भाग लिया।