लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि सुशासन और कानून व्यवस्था प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। प्रत्येक व्यक्ति को न्याय, सुरक्षा, गुणवत्तापूर्ण समयबद्ध योजनाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद गोरखपुर में आयोजित कार्यक्रम में 08 करोड़ रुपये की लागत से कलेक्ट्रेट एवं सदर तहसील में निर्मित अधिवक्ता चैम्बर्स का लोकार्पण एवं 1.25 करोड़ रुपये की लागत से कलेक्ट्रेट परिसर में निर्मित की जाने वाली डिजिटल लाइब्रेरी का शिलान्यास कर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सुशासन की पहली शर्त है, कानून का राज और कानून के राज में सुदृढ़ न्याय आवश्यक है। न्याय की व्यवस्था में अधिवक्ता साक्षात प्रतिनिधि होता है।
गोरखपुर के हितों के लिए किसी भी अन्दोलन की बात रही हो, गोरखपुर के सभी अधिवक्ता संगठनों ने बढ़चढ़ कर सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। अधिवक्ता संगठनों ने गोरखपुर के बड़े से बड़े आन्दोलन में भागीदार बनने में कोई संकोच नहीं किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गोरखपुर का सन् 1908 में बना हुआ कलेक्ट्रेट भवन जर्जर हो गया था, आज यहां पर इन्टीग्रेटेड कलेक्ट्रेट भवन बनने जा रहा है। यह उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा भवन होगा, जहां पर प्रशासन से जुड़े सभी जिलास्तरीय अधिकारी एक छत के नीचे बैठेंगे। साथ ही, जनता की समस्याओं का समाधान करेंगे। इसमें अधिवक्ता संगठनो की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। लोगों को न्याय हेतु दूर नहीं जाना पड़ेगा। इसलिए सरकार की ओर से यह व्यवस्था की गयी है। यह इस बात को दर्शाता है कि आज नये भारत का नया उत्तर प्रदेश और नये उत्तर प्रदेश का नया गोरखपुर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अधिवक्ता अपने वादकारी को न्याय दिलाने का प्रयास करता है। न्याय की गति को तेज करने का सबसे बड़ा तंत्र अधिवक्ताओं का है। अधिवक्ताओं के चैम्बर अच्छे और सुविधायुक्त बनने चाहिए। जिससे आने वाले किसी भी वादकारी को यह विश्वास हो कि न्याय की संकल्पना को साकार कर वह समयवद्ध ढंग से न्याय की परिकल्पना को सफल बनायेंगे।
कल्याणकारी योजनाओं के अन्तर्गत प्रदेश सरकार द्वारा अधिवक्ता निधि राशि बढ़ाने का कार्य किया गया है। अधिवक्ताओं के चैम्बरों को भी सुविधायुक्त बनाने का कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में 10 हजार अधिवक्ताओं के बैठने का चैम्बर बनाया जा रहा है, जो बहुउद्देशीय सुविधाओं से युक्त होगा। न्याय की गति को बढ़ाने में अधिवक्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सहजनवां, बांसगांव एवं अन्य तहसीलों में अधिवक्ताओं के चैम्बर बनाने हेतु धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। जिन जनपद न्यायालयों में अधिवक्ताओं हेतु चैम्बरों की व्यवस्था नहीं है, वहां पर सुविधायुक्त चैम्बरों की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डिजिटल लाइब्रेरी सबके लिए उपयोगी है। हम सभी तकनीक से जितना युक्त होंगे, उतना ही पीड़ितों को यथाशीघ्र न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। प्रदेश सरकार भी तकनीकी से युक्त होने की प्रक्रिया को अपना रही है। डिजिटल इण्डिया प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सकारात्मक सोच का ही परिणाम है। आज एक क्लिक में बिना किसी बिचौलिये के सीधे डी0बी0टी0 के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में धनराशि पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि तकनीक को अधिक से अधिक अपनाया जाए। इसी क्रम में डिजिटल लाइब्रेरी उपलब्ध कराई जा रही है।
जिलाधिकारी कलेक्ट्रेट में 109 वर्ष पुरानी लाइब्रेरी के नवनिर्माण के प्रस्ताव बनाकर भेजें, ताकि एक अत्याधुनिक लाइब्रेरी बनाई जा सके। लाइब्रेरी ज्ञान को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इन सभी लाइब्रेरियों को एक डिजिटल फॉर्म में रखा जाये, ताकि आप लोगों की आने वाली पीढ़ियां कहीं पर भी बैठकर आपकी की स्मृतियों के विषय में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज गोरखपुर में एम्स, फर्टिलाइजर कारखाना प्रारम्भ हो गया है। साथ ही, बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जहां पर पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा बिहार तक के लोगों को इलाज की सुविधा मिल रही है। पहले बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं थी, वहां पर 01-01 बेड पर 04-04 मरीज पड़े रहते थे, परन्तु अब मरीज के लिए एक बेड की सुविधा है। सभी वॉर्ड वातानुकूलित सुविधा से युक्त हैं। जनपद देवरिया में देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज के साथ ही जनपद सिद्धार्थ नगर तथा बस्ती में भी मेडिकल कॉलेज प्रारम्भ हो गए हैं। जनपद कुशीनगर, महराजगंज, बलरामपुर, गोण्डा में मेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया जा रहा है।
कार्यक्रम को सांसद श्री रवि किशन एवं जिला अधिवक्ता एसोसिएशन गोरखपुर के अध्यक्ष श्री कृष्ण कुमार त्रिपाठी ने लोगों को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर मत्स्य मंत्री श्री संजय निषाद सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा अधिवक्तागण उपस्थित थे।