नई दिल्ली: संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के दूरसंचार विभाग के अधीनस्थ भारत सरकार का प्रमुख टेलीकॉम प्रौद्योगिकी आरएंडडी सेन्टर टेलीमैटिक्स विकास केंद्र (सी-डॉट) एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनूठी मान्यता हासिल करने में कामयाब रहा है, क्योंकि इसके उत्पाद ज्ञानसेतु को ऐसा सर्वोत्तम उत्पाद करार दिया गया है जो कनेक्टिविटी की खाई को पाटने और देश के विशाल ग्रामीण क्षेत्र में संचार का सार्थक प्रसार करने में सक्षम है।
सी-डॉट ने डिजिटल इंडिया पैवेलियन के एक हिस्से के तहत इसी महीने हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित ‘आईटीयू टेलीकॉम वर्ल्ड 2015’ के दौरान अपने उत्पादों का सजीव प्रदर्शन किया। सी-डॉट के ज्ञानसेतु, टेराबिट राउटर, 100जी ओटीएन प्लेटफॉर्म, जीपीओएन- फाइबर टू दा डेस्क सोल्यूशन और टेलीकॉम जियो-इंटेलीजेन्स सोल्यूशन्स को भी इस सम्मेलन में प्रदर्शित किया गया।
यह सी-डॉट की समूची टीम के लिए बड़े ही गौरव की बात है कि ग्रामीण भारत के लिए बनाए गए अभिनव उत्पाद ज्ञानसेतु को आईटीयू वर्ल्ड टेलीकॉम 2015 सम्मेलन में उत्कृष्टता पुरस्कार की मान्यता प्राप्त हुई। इस उत्पाद को माननीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने नई दिल्ली में पिछले साल ‘सुशासन दिवस’ पर लॉन्च किया था। सी-डॉट का ज्ञानसेतु ग्रामीण आबादी को मिलने वाली सुविधाओं को सीमित करने की वजह को खत्म करता है और उन्हें स्थानीय भाषा में इंटरनेट से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त करता है। यह अनेक भाषाओं में टेक्स्ट, ऑडियो और वीडियो आधारित सोल्यूशन प्रदान कर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के बीच मौजूद डिजिटल खाई को पाटता है। आईटीयू वर्ल्ड टेलीकॉम 2015 सम्मेलन में ज्यूरी द्वारा उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए इस उत्पाद का सर्वसम्मति से चयन किया गया था। इस उत्पाद की अभिनव खासियत और सामाजिक असर की बदौलत ही इसका चयन उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए किया गया। ज्यूरी ने इस उत्पाद में खासी दिलचस्पी दिखाई और इस तरह के अत्यंत उपयोगी अनोखे उत्पाद को विकसित किए जाने पर आश्चर्य भी जताया क्योंकि यह संचार के जादू को जमीनी स्तर तक हस्तांतरित करने में काफी सहायक साबित होगा। ज्यूरी ने अत्यंत उपयोगी स्वदेशी सोल्यूशन मुहैया करने के लिए बड़ी खुशी जताते हुए सी-डॉट के तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।
सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक श्री विपिन त्यागी ने अंतर्राष्ट्रीय मान्यता हासिल करने पर खुशी जताते हुए कहा कि उत्पाद ‘ज्ञानसेतु’ देशभर में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री के मौलिक विचार डिजिटल इंडिया अभियान का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने में काफी मददगार साबित होगा। इससे खासकर वे लोग लाभान्वित होंगे, जो तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी के इस युग में सही अर्थों में काफी मायने रखते हैं। श्री त्यागी ने यह भी कहा कि सी-डॉट श्री रविशंकर प्रसाद के विजन को साकार करने में अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ेगा। कार्यकारी निदेशक ने खुले तौर पर इसका पूरा श्रेय सी-डॉट की टीम को दिया जिसने निर्धारित अवधि में यह उत्पाद विकसित किया है। अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिलने पर बड़ी खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सी-डॉट आने वाले समय में कई और उपलब्धियों को अपने नाम करने में कामयाब रहेगा। उन्होंने कहा कि सी-डॉट की ज्ञानसेतु प्रौद्योगिकी को पहले ही इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) को हस्तांतरित किया जा चुका है और ईसीआईएल ही सी-डॉट की ज्ञानसेतु प्रणाली की निर्माता है।
सी-डॉट जल्द ही इस उत्पाद को सभी संभावित उपयोगकर्ताओं को सुलभ कराने के प्रति कटिबद्ध है, ताकि उपयोगकर्ताओं और लाभार्थियों समेत सभी संबंधित पक्ष देशभर में प्रधानमंत्री की डिजिटल इंडिया पहल के प्रभुत्व को महसूस कर सकें। सी-डॉट अन्य किफायती एवं सरल सोल्यूशन्स मुहैया करने को भी उत्सुक है, ताकि संचार प्रौद्योगिकी की दौड़ में भारत आगे निकल सके।